NEWS: परीक्षा परिणाम घोषित, रश्मि ओझा ने शब्दों में ढाली मन की बात, पढ़े बच्चे के भावनात्मक अन्तर्द्वन्द को दर्शाती ये कविता

परीक्षा परिणाम घोषित, रश्मि ओझा ने शब्दों में ढाली मन की बात, पढ़े बच्चे के भावनात्मक अन्तर्द्वन्द को दर्शाती ये कविता

NEWS: परीक्षा परिणाम घोषित, रश्मि ओझा ने शब्दों में ढाली मन की बात, पढ़े बच्चे के भावनात्मक अन्तर्द्वन्द को दर्शाती ये कविता

नीमच। इन दिनों स्कूली विद्यार्थियों के साथ ही कॉलेज के छात्रों के भी परीक्षा परिणाम घोषित हुए है, जिसे लेकर रश्मि ओझा ने एक कविता के जरिये अपने मन की बात शब्दों में ढाली है, जो एग्जाम रिजल्ट के बाद एक बच्चे के भावनात्मक अन्तर्द्वन्द को दर्शाती है।

बाल मन की व्यथा- 

लू के थपेड़ो के संग एक और कहर बरपाया है, 
आज मेरा रिजल्ट आया है,

परीक्षा के रंग मंच पर श्रेष्ठ अभिनय नहीं हो पाया है, 
मां-पापा और मेरी साल भर की मेहनत का, 
रंग निखार कर नहीं आया है,
बड़ा रंगहीन सा रिजल्ट आया है,

बढ़ चूका है बीपी माँ और पापा का,
पुरे घर में खौफनाक मंजर छाया है,
उन्हें चाहिए था परफेक्ट,
मगर रिजल्ट जरा सा कम परफेक्ट आया है,

कोई नहीं समझता कि मेरी भी एक दुनिया है,
फर्क नहीं पड़ता किसी को कि मुझे शायद कुछ और चुनना है,
बौखलाये हुए है सभी कि ये नम्बरों से मात खाया है,
आज मेरा रिजल्ट आया है,

मेरी तक़दीर के निर्माताओं को मेरा भविष्य,
अंधकारमय नज़र आया है,
मुझे मंज़िल कि तरफ नहीं,
अंजान रास्ते पर खड़ा पाया है,
आज मेरा रिजल्ट आया है,

मेरे निर्माता फेसबुक पर मेरी मार्कशीट नहीं डाल सके,
इस बात ने सोशल मीडिया पर उनका सर झुकाया है,
मगर  मेरी पेंटिंग्स के रंगों में उन्हें जरा सा भी गर्व नज़र नहीं आया है,
आज मेरा रिजल्ट आया है,

दुनिया ने भी योग्यता कि मछली को नम्बरों के पानी में ही ज़िंदा पाया है,
जो कहते थे मुझे कुदरत कि अनूठी कृति,
उनको आज उसी कृति पर शर्मिंदा पाया है,
आज मेरा रिजल्ट आया है,

मेरे भविष्य को अपने सपनो से जोड़ने वाले वे शायद भगवान है,
और नम्बरों कि अंधी दौड़ में दबी कुचली भगवान कि ये कृति हैरान है,
स्वर्ग से घर का माहौल कुछ अजब सा गरमाया है,
आज मेरा रिजल्ट आया है।