NEWS: ग्राम पिराना में भागवत कथा का पांचवा दिन, सैकड़ों भक्तों ने मनाया श्री कृष्ण जन्मोत्सव, ग्रामवासियों का शाही स्नान, पढ़े खबर

ग्राम पिराना में भागवत कथा का पांचवा दिन, सैकड़ों भक्तों ने मनाया श्री कृष्ण जन्मोत्सव, ग्रामवासियों का शाही स्नान, पढ़े खबर

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पिराना। नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की... हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की... जय श्री राधे... जय श्री कृष्ण के जयकारों से पंडाल गूंज उठा। श्रीमद भागवत कथा के दौरान श्री कृष्ण जन्म प्रसंग के दौरान जैसे ही वासुदेव भगवान श्री कृष्ण को लेकर आए तो पूरा पंडाल में जयकारे लगाते हुए सभी ने भगवान के जन्म पर एक दूसरे को बधाई दी। पुष्प वर्षा की और उसके बाद माखन मिश्री का वितरण किया गया।

पीराना गांव के श्री देवनारायण की पावन धरा पर भव्य कथा पंडाल में गौ भक्त कथा मर्मज्ञ पंडित भीमाशंकर शास्त्री धारियाखेड़ी के मुखारविंद से संगीतमय श्रीमद भागवत कथा का वाचन किया जा रहा है। शुक्रवार को कथा के दौरान पंडित शास्त्री ने श्री कृष्ण जन्म का प्रसंग सुनाया। व्यास पीठ पर विराजित पंडित शास्त्री के साथ सैकड़ों श्रद्धालु भी उसी नाद में रम गए और शुरू हुआ क्षेत्र की जनता के साथ भगवत भक्ति सरिता का प्रवाह। कुछ इस तरह बहा की विशाल पंडाल भी छोटा पड़ गया और आयोजकों को पंडाल बढ़ाना पड़ा। पंडाल में हजारों का यह समूह पहुंचा तो सब एक रंग में हो गए। उड़ रहा था तो कृष्ण जन्म की खुशी का रंग और बट रहा था तो पंडित शास्त्री का अमृतवाणी का प्रसाद जिसे पाकर सब धन्य हो गए। गुलाल, हल्दी, चंदन और माखन मिश्री के साथ कथा के पांचवे दिन पिराना में चल रहे भागवत कुंभ में श्रद्धालुओं का शाही स्नान पूरा हुआ।

संगीतमय श्रीमद भागवत कथा मर्मज्ञ, गौ भक्त ने भक्ति का प्रवाह करते हुए शुक्रवार को धर्म पंडाल में उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं को ज्ञान गंगा प्रवाह करते हुए कहा कि जो बेशर्म अधर्मी होते हैं वही शराब पीते हैं सनातन धर्म में जो व्यक्ति शराब का सेवन करता है वह इंसान के रूप में राक्षस हैं। सनातन धर्म में हर व्यक्ति के ललाट पर तिलक होना चाहिए लोक तिलक लगाने में शर्म करते हैं। आज की युवा पीढ़ी भेड़ और बकरियों की तरह कटिंग दाढ़ी रखवाते हैं। जैसे कोई मस्जिद में नमाज पढ़ने जा रहे हैं। जो भेड़ बकरियों की तरह बाल रखो आते है।  भारतीय संस्कृति नहीं है यह पाश्चात्य संस्कृति हैं, जो धर्म के विरुद्ध हैं। क्षमा करना वीरों का आभूषण है क्षमा करने से काल से भी बच सकता है व्यक्ति। 

अगर भीष्म पितामह और रावण क्षमा मांग लेते तो इतना बड़ा भीषण युद्ध नहीं होता। जो व्यक्ति क्षमा नहीं मांगता ऐसे व्यक्तियों को देखना भी बड़ा पाप माना गया है। शरणागत को क्षमा करना बड़ा ही पुण्य है। श्रीमद भागवत कथा के दौरान एक साधारण पंडित शास्त्री जो मीठे मधुर भाषा में बिना मैं तो अपनी बात पूरी कर पाते हैं ना अध्यात्म का ज्ञान बांटते वह अचानक ही वेद उपनिषद के गीत और भागवत के श्लोकों को बोलते हुए अचानक ही बीच-बीच में गर्जना करते हुए अपने आप को बड़ा मानने वाले धुरंधर राजनीतिक नेता एवं धर्म विरोधी बैठे हो उनके सामने बिना लाग लपेट के हजारों श्रद्धालुओं के सामने ऐसी सच्चाई बोलते हैं कि राजनीति करने वाले की एवं धर्म विरोध करने वाले की नजरे नीचे हो जाती हैं और वह अपने मन में सत्य ईमानदारी खोजने में मजबूर हो जाते हैं। कथा के दौरान इस प्रसंग का संक्षिप्त वर्णन किया वामन देव का प्रकट्य, राजा बलि, रामचरितमानस का वृतांत संक्षिप्त रूप से समझाया। 

इन्होंने की शिरकत-

कृषि उपज मंडी समिति पूर्व अध्यक्ष उमराव सिंह गुर्जर, जिला पंचायत वार्ड सदस्य तरुण बाहेती, गुर्जर समाज जिलाध्यक्ष चंपालाल गुर्जर, पार्षद घनश्याम धनगर, जनपद पंचायत मंदसौर उपाध्यक्ष वीरम धनगर, मंदसौर जिला भाजपा मंत्री विनोद धनगर, मंदसौर जनपद सदस्य बंसीलाल धनगर, कमल धनगर, सुरेंद्र धनगर, बंबोरा सरपंच चंद्रशेखर पाटीदार, भादो माता पंचायत सचिव महेंद्र गुर्जर ने कथा पंडाल में पहुंचकर कथावाचक पंडित शास्त्री का स्वागत कर कथा का श्रवण कर आरती की।

श्रीमद भागवत ज्ञान गंगा रसास्वादन के बीच बीच में... थारे भरोसे मेरी गाड़ी तू जाणे थारो काम जाणे... मुझे दे दर्शन गिरधारी रे... अब आन मिलो सांवरा सेठ बहुत दिन बीत गए... सब उम्र बीत गई धोखे में परिणाम ना जाने... म्हारा वीरा ने उड़ा दी चुनर पिताजी माथे पर हाथ धरो... आदि मधुर भजनों की प्रस्तुति पर पंडाल में उपस्थित हजारों श्रद्धालु बैठे-बैठे अपने मन को नचा रहे हैं। कृष्ण जन्मोत्सव पर विशाल पंडाल को आकर्षक ढंग से फुल, पन्नी, फूल मालाओं एवं गुब्बारों से सजाया गया। भागवत कथा समिति के पदाधिकारियों ने क्षेत्र के समस्त धर्म प्रेमी जनता से अनुरोध किया कि अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर कथा श्रवण कर पुण्य लाभ अर्जित करे। प्रतिदिन कथा प्रातः 11:30 से 3:30 तक प्रवाहित की जा रही है।