NEWS : जीरन महाविद्यालय में बहु भाषायी कार्यक्रम, दी बच्चो को यह प्रेरणा, दिव्या खरारे के निर्देशन, आयोजन पर इन्हे दिया पुरुस्कार, पढ़े खबर

जीरन महाविद्यालय में बहु भाषायी कार्यक्रम, दी बच्चो को यह प्रेरणा

NEWS : जीरन महाविद्यालय में बहु भाषायी कार्यक्रम, दी बच्चो को यह प्रेरणा, दिव्या खरारे के निर्देशन, आयोजन पर इन्हे दिया पुरुस्कार, पढ़े खबर

शासकीय महाविद्यालय जीरन में प्रभारी प्राचार्य प्रो. दिव्या खरारे के निर्देशन में हमारे देश की भाषायी विविधता के जश्न में एकता के गौरव को अनुभव करने के उद्देश्य को लेकर दो दिवसीय बहु भाषीय कार्यक्रम के अंतर्गत प्रथम दिवस शुक्रवार को 'मेरी मातृभाषा में मेरा हस्ताक्षर अभियान' के तहत समस्त स्टाफ एवं बच्चों के अपनी- अपनी मातृभाषाओं में हस्ताक्षर कर बढ़- चढ़कर हिस्सेदारी ली। इसी कड़ी में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें निर्णायक दल प्रो.रवीना दशोरा व प्रो. रितेश कुमार चौहान ने कार्यक्रम में आयोजित भाषण प्रतियोगिता में निर्णय करते हुये कु.नंदिनी खरे, कु. लक्ष्मी जटिया, कु. निकिता को क्रमश: प्रथम द्वितीय एवम् तृतीय स्थान प्रदान किया कु.सीमा गुर्जर को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। 

कार्यक्रम के द्वितीय दिवस शनिवार को तमिल कवि व लेखक तथा स्वतंत्रता सेनानी सुब्रमण्यम भारती के जीवन व योगदान पर व्यक्तव्य का आयोजन किया गया जिसमें प्रमुख वक्ता प्रो. रणजीत सिंह चंद्रावत ने बताया कि जो कार्य सुभद्रा कुमारी चौहान ने 'झांसी की रानी' कविता रचकर हिंदी पट्टी को ऊर्जावान किया वही काम सुब्रमण्यम भारती ने तमिल पट्टी के लिए किया। साथ ही वक्ता डॉ.ज्ञान सिंह बघेल ने बताया कि अपनी जनपदीय भाषा में व्याख्यान देखकर छात्रों को लाभान्वित किया। साथ ही अन्य कार्यक्रम भी बड़ी पैमाने पर किये गए यथा मनोरंजन खेल, विभिन्न भाषाई शब्द, वाद-विवाद आदि गतिविधियां भी संपन्न की गई। 

कार्यक्रम प्रभारी डॉ.रामधन मीना ने समस्त कार्यक्रम की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि इस प्रकार के कार्यक्रम समय-समय पर होते रहने चाहिए जिससे छात्रों में अंतर्विषयक ज्ञान का विकास होगा एवं छात्र-छात्राएं अन्य सांस्कृतिक परिदृश्य से भी रूबरू होते हुए भारत के ' वसुदेव कुटुंबकम' की भावना को जीवंत कर सकेंगे। इस अवसर पर महाविद्यालय स्टॉफ व विद्यार्थी उपस्थित रहे।


जानकारी मीडिया प्रभारी रणजीत सिंह चन्द्रावत ने प्रदान की।