BIG NEWS: रतनगढ़ घाट का निर्माण, मार्ग बंद हुआ तो बच्चें परेशान, जनता भी लड़ रही स्वास्थ्य लाभ से जंग, सत्यनारायण पाटीदार का बड़ा बयान, क्षेत्रिय विधायक और मंत्री सखलेचा पर साधा निशाना, पढ़े खबर

रतनगढ़ घाट का निर्माण, मार्ग बंद हुआ तो बच्चें परेशान, जनता भी लड़ रही स्वास्थ्य लाभ से जंग, सत्यनारायण पाटीदार का बड़ा बयान, क्षेत्रिय विधायक और मंत्री सखलेचा पर साधा निशाना, पढ़े खबर

BIG NEWS: रतनगढ़ घाट का निर्माण, मार्ग बंद हुआ तो बच्चें परेशान, जनता भी लड़ रही स्वास्थ्य लाभ से जंग, सत्यनारायण पाटीदार का बड़ा बयान, क्षेत्रिय विधायक और मंत्री सखलेचा पर साधा निशाना, पढ़े खबर

जावद/रतनगढ़। रतनगढ़-सिंगोली मार्ग के रतनगढ़ घाट पर इम्प्रुवमेंट कार्य के नाम पर घाट सेक्षन मार्ग पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है। जिसके कारण रतनगढ़ के आसपास 7 किमी क्षेत्र में निवासरत रहवासियों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। हालात ये हो रहे है कि, आमजन को मात्र 7 किमी की दूरी को अब 60 किमी तक घूमकर तय करना पड़ रही है। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे है। वहीं चिकित्सा सुविधा भी समय पर नहीं मिल पा रही है। बिना किसी प्लानिंग के मप्र शासन के म.प्र. रोड़ डेल्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड के द्वारा शासन प्रशासन के निर्देश पर कार्य शुरू करने से रतनगढ़ के आसपास के कई गांवों के रहवासियों को भारी परेशानियां झेलना पड़ रही है। 

इसकी जानकारी म.प्र. के केबिनेट मंत्री व क्षेत्रीय विधायक ओमप्रकाश सखलेचा को भी है, लेकिन वे हमेशा की तरह जनता को समस्याओं के मकड़ जाल छोड़ सत्ता का आनंद लेने में लगे है। लोगो को सुविधा देने के नाम पर परेशानियां देने का काम किया जा रहा है। एक माह का समय कार्य होने का दिया गया है। सभी को ज्ञात है कि तय समय में शासकीय काम होता कभी देखा नहीं गया। ऐसे में इस कार्य में 1 माह के अलावा कितना समय लगेगा। यह भविष्य के गर्त में छिपा है, लेकिन वर्तमान में यह मार्ग सैकड़ों लोगो के लिये मुसीबत बन चुका है।

उक्त विचार व्यक्त करते हुए जावद के पूर्व जनपद अध्यक्ष एवं काॅंग्रेस नेता सत्यनारायण पाटीदार ने कहा कि, म.प्र. रोड़ डेल्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड संभागीय प्रबंधक कार्यालय उज्जैन के दिनांक 12 दिसंबर 2022 को पत्र के माध्यम से सूचना जारी की गई कि, सिंगोली मार्ग पर स्थित रतनगढ़ घाट पोर्शन जिसकी लम्बाई 3.60 किमी बताई है वहां इम्प्रूवमेंट का कार्य प्रगतिरत है। जिसके तहत यह मार्ग एक माह तक वाहनों के आवागमन हेतु बंद रखा जायेगा। इसके लिये उन्होंने जो वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था की है। वह परेशानियों भरी है। वहीं आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से सही नहीं है। 

पाटीदार ने कहा कि, रतनगढ़ के आसपास 10 किमी क्षेत्र में ऐसे कई गांव है। जहां के सैकड़ों रहवासियों को रतनगढ़ में सभी आवष्यक कामों की पूर्ति करने हेतु प्रतिदिन आना जाना लगा रहता है। चाहें बच्चों के स्कूल आना जाना हो, चाहें आवश्यकता पढ़ने पर मेडिकल, स्वास्थ्य सुविधाओं की जरूरत पडे, चाहें जीवन जीने के लिये आवष्यक खाद्य पदार्थ की जरूरत हो सभी आवश्यक कार्यो की पूर्ति रतनगढ़ से ही होती है। ऐसे में लोगो को वैकल्पिक मार्ग से भारी परेशानियां उठाना पड रही है, और भविष्य में पडेगी ही, क्योंकि मात्र 7 किमी का रास्ता 50 से 60 किमी दूरी पर घूमकर तय करना पड़ रहा है और जब तक रतनगढ़ घट वाला मार्ग बंद रहेगा, कार्य पूरा नहीं होगा तब तक लोगो को इसी तरह परेशानियां झेलना पडेगी।

सत्यनारायण पाटीदार ने कहा कि, किसी को नीमच आना हो तो उसे चित्तौड़गढ होकर या बेगू से जाट व वहां से जावद होकर नीमच आना पडेगा। जिसमें काफी लम्बा रास्ता तय करना पडेगा। जिससे आर्थिक नुकसान तो होगा वहीं लोगो को आवश्यकता लगने पर भारी परेशानियां झेलना पडेगी। यदि किसी को अचानक स्वास्थ्य सेवाओ की आवश्यकता लगी तो ऐसे में जरूरतमंद की जान को खतरा भी हो सकता है। सैकड़ों बच्चें आसपास गांवों से रतनगढ़ पढ़ने आते है वहीं बच्चों की परीक्षा भी आने वाली है ऐसे में कई बच्चें तो स्कूल जा भी नहीं पायेंगे उनका भविष्य तो खतरे में है ही वहीं आमजन भारी आर्थिक परेशानियां भी झेलना पडेगी। 

पाटीदार ने कहा कि, क्षेत्र के विधायक मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कभी भी जावद विधानसभा क्षेत्र के लोगो की भावना का, उनकी समस्याओं का कभी भी ध्यान नहीं रखा। आमजन को आने वाली परेशानियों, समस्याओं के बारे में मंत्री सखलेचा सोचते भी नहीं है उन्हें तो उनके मन की करना है, बीते कई वर्षो से जावद की जनता को परेशान करने का काम मंत्री सखलेचा की देखरेख में ही हो रहा है।

सत्यनारायण पाटीदार ने कहा कि, हम भी चाहते है कि रतनगढ़ घाट वाले मार्ग पर कार्य होना चाहिये, वहां जरूरत भी है, एक दो दिन का काम तो तो पूरा मार्ग बंद चल सकता है, लेकिन यहां तो 1 महीने से अधिक की बात है इसीलिए आमजन की समस्याओं का भी इसमें ध्यान रखा जाना चाहिये। आमजनता की समस्याओं को देखते हुए मार्ग पर सुरक्षा के बतौर काम करने वाले व्यक्तियों की टीम लगवाकर उनकी ही निगरानी में रतनगढ घाट से एक तरफ आना जाना प्रारंभ करवाना चाहिये। जिससे कि लोगो को परेशान ना होना पढे, क्योंकि वर्तमान में वैकल्पिक मार्ग लोगो के लिये सिरदर्द के समान हो गया है मात्र 7 किमी की दूरी को 60 किमी अधिक घूमकर तय करना पड़ रही है। ऐसे में लोगो को आर्थिक नुकसान तो ही रहा है। वहीं उन्हें आवश्यकता पढ़ने पर चिकित्सा सुविधा भी समय पर नहीं मिल पायेगी।