EXCLUSIVE : नीमच संगठन चुनाव, पहले बंद कमरा, अब खुले मैदान में रायशुमारी, जिले में बैठकों का दौर, जिम्मेदारी इनकी, तो इन पर टिकी निगाहें, किस मंडल में किसके सिर पर ताज, और कौन करेगा अध्यक्षों का फैसला, पर्चे पर अब ये चर्चा, पढ़े खास रिपोर्ट
संगठन चुनाव, पहले बंद कमरा
रिपोर्ट- एडिटर अभिषेक शर्मा
नीमच। आने वाली 15 दिसंबर को होने वाले मंडल अध्यक्ष के चुनाव को लेकर नीमच जिला भाजपा की प्रक्रिया में बदलाव देखने को मिला। बीते दिनों मंडल अध्यक्ष के नामों को लेकर बंद कमरे में रायशुमारी का दौर चल रहा था। फिर एकाएक हवां रूख बदला, और खुले मैदान में रायशुमारी को लेकर बैठके आयोजित हो गई, जिसके लिए मंडल वार निर्वाचन अधिकारी भी बनाएं गए। फिर सोमवार को नीमच जिले की तीनों विधानसभाओं में विभिन्न जगहों पर बूथ अध्यक्षों के साथ बैठक की गई, जिसमे सभी 15 मंडलों के निर्वाचन अधिकारियों ने अध्यक्षता की, और घंटों-घंटों तक इन बैठकों में रायशुमारी का दौर चला।
किस विधानसभा में कितने मंडल-
जिले में मंडलों की बात करें, तो नीमच विधानसभा में कुल 6 मंडल है, जिसमे श्यामा प्रसाद मुखर्जी मंडल शहर, दीनदयान मंडल शहर, उत्तर मंडल कनावटी, दक्षिण मंडल जीरन, कुशाभाऊ ठाकरे मंडल जीरन और भादवामाता मंडल शामिल है। जावद विधानसभा में कुल 5 मंडल है। इनमें दीनदयाल मंडल नगर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी मंडल नगर, कुकड़ेश्वर मंडल, रामपुरा मंडल और कुशाभाऊ ठाकरे मंडल शामिल है। इसके बाद जावद विधानसभा की बात की जाएं, तो यहां जावद मंडल, मोरवन मंडल, रतनगढ़ मंडल और सिंगोली मंडल शामिल है। कुल मिलाकर 15 मंडल तीनों विधानसभाओं में है।
प्रत्येक मंडल में निर्वाचन अधिकारी, जिसकी बूथ अध्यक्षों के साथ रायशुमारी-
जानकारी के लिए बता दें कि, तीनों विधानसभाओं के 13 पुराने और दो नएं, यानीं कुल 15 मंडलों के लिए 15 निर्वाचन अधिकारी घोषित किए गए, जो सोमवार को 745 बूथ अध्यक्षों के साथ अलग-अलग विधानसभाओं में चयनित स्थानों पर बैठक करते हुए मंडल अध्यक्ष के नामों पर रायशुमारी कर रहे है। अब यहां से जो नाम मंडल वार सामने आएंगे। उन्हीं पर संबंधित विधानसभाओं के वरिष्ठ पदाधिकारी और नेताजी मुहम लगा सकते है।
तीनों विधानसभाओं के बूथों पर एक नजर-
आपकों बता दें कि, नीमच विधानसभा में कुल 277 बूथ, जावद विधानसभा में कुल 214 बूथ और मनासा विधानसभा में कुल 254 बूथ है, और इन सभी को मिलाकर कुल 745 बूथ होते है, इस मान से कुल 745 बूथ अध्यक्ष हुए, जिनके साथ अब खुले मैदान में रायशुमारी का दौर चल रहा है, और यहीं रायशुमारी का दौर सोमवार के बाद भी जारी रह सकता है।
खबर का असर, बंद कमरे के दरवाजे खुले, अब चर्चा सरेआम-
मंडल अध्यक्ष के नामों को लेकर रायशुमारी की पहली बैठक बीते शनिवार को सर्किट हाउस के एक हाॅल में हुई, जिसका दरवाजा बंद था, और चुनिंदा लोगों के बीच मंडल अध्यक्षों के नामों पर घंटों साथ विचार विमर्श किया था। जिसे लेकर 7 दिसंबर को हिन्दी खबरवाला द्वारा प्रकाशित खबर में इस बात का जिक्र करते हुए बताया था कि, बीते सालों में जब भी मंडल अध्यक्ष के नामों को लेकर रायशुमारी हुई, तो उसमे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के अलावा बूथ अध्यक्ष और सक्रिय सदस्यों के साथ खुले मैदान में नामों पर दावेदारी होती थी। जिसे बदलकर इस बार बंद कमरे में रायशुमारी हुई, खबर के प्रकाशित होने के बाद थोड़ी हलचल भाजपा में देखने को मिली, और ठीक दो दिन बाद सोमवार को बूथ स्तर पर खुले मैदान में बैठक आयोजित हुई। हालांकि बताया जा रहा है कि, सर्किट हाउस में हुई बैठक को रायशुमारी के बीच ही स्थगित कर दिया था।