NEWS: घर में घुसकर बुरी नियत से पकड़ा हाथ, तो चिल्लाई पीड़िता, फिर लोग हुए इकट्ठा, और बघाना थाने पहुंची शिकायत, अब आरोपी को दो वर्ष का सश्रम कारावास, जुर्माना भी भुगतेगा, पढ़े खबर

घर में घुसकर बुरी नियत से पकड़ा हाथ

NEWS: घर में घुसकर बुरी नियत से पकड़ा हाथ, तो चिल्लाई पीड़िता, फिर लोग हुए इकट्ठा, और बघाना थाने पहुंची शिकायत, अब आरोपी को दो वर्ष का सश्रम कारावास, जुर्माना भी भुगतेगा, पढ़े खबर

नीमच। माननीय सुशांत हुद्दार, सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश (पॉक्सों एक्ट) द्वारा रात्रि के समय घर में घुसकर पीड़िता का बुरी नियत से हाथ पकड़ने वाले आरोपी दिलीप पिता कन्हैयालाल मेघवाल (23) निवासी- ग्राम बाघपिपलिया को धारा 354 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 2 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2 हजार अर्थदण्ड, धारा 354 (क) (i) भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 1 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 500 रूपए अर्थदण्ड एवं धारा 456 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 1 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 500 रूपए अर्थदण्ड से दण्डित किया।

प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाले विशेष लोक अभियोजक जगदीश चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि, घटना थाना बघाना क्षेत्र की बीती दिनांक- 27.05.2021 की रात्रि के 8ः30 बजे की हैं। पीड़िता के माता पिता व भाई घर नहीं थे, तथा पीड़िता घर में अकेली थी, तभी आरोपी पीड़िता के घर के अंदर घुस गया और उसने पीछे से पीड़िता का बुरी नियत का हाथ पकड लिया। फिर पीड़िता ने हाथ छुडाया और पीछे के दरवाजे से बहार निकलकर जोर-जोर से चिल्लाई तो आस-पास के लोग आ गये थे। जिस कारण आरोपी आगे के दरवाजे से भाग गया। पीड़िता के माता पिता जब घर आये फिर पीड़िता ने सारी घटना उन्हे बताई, जिसके बाद आरोपी के विरूद्ध थाना बघाना में प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की। पुलिस बघाना द्वारा विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विशेष न्यायालय (पॉक्सों एक्ट) में प्रस्तुत किया।

अभियोजन द्वारा माननीय विशेष न्यायालय (पॉक्सों एक्ट) के समक्ष विचारण के दौरान पीड़िता सहित सभी महत्वपूर्ण साक्षीगण के बयान कराकर आरोपी के विरूद्ध अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराकर घटना की गंभीरता को देखते हुए उनको कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया। जिससे सहमत होकर माननीय विशेष न्यायालय (पॉक्सों एक्ट) द्वारा आरोपी को उपरोक्त दण्ड से दण्डित करते हुए अर्थदण्ड की कुल राशि 3000 हजार को पीड़िता को प्रतिकर के रूप में प्रदान करने का आदेश भी दिया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक जगदीश चौहान द्वारा की।