NEWS : शिशु रंजनी अभियान, SSVM स्कूल में पंचजन्य माता-पिता परिवार मेले व सांस्कृतिक कार्यक्रम संपन्न, विद्यार्थियों ने उत्साह के साथ दिखाई प्रतिभा, पढ़े खबर

शिशु रंजनी अभियान

NEWS : शिशु रंजनी अभियान, SSVM स्कूल में पंचजन्य माता-पिता परिवार मेले व सांस्कृतिक कार्यक्रम संपन्न, विद्यार्थियों ने उत्साह के साथ दिखाई प्रतिभा, पढ़े खबर

नीमच। सरस्वती शिशु विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल सीबीएसई के तत्वाधान में शिशु रंजनी अभियान के अंतर्गत बच्चों के मनोरंजन के लिए पितामह-मातामही दिवस के पावन उपलक्ष्य में 14 नवंबर के उपलक्ष्य में शाम 4 बजे सरस्वती शिशु विद्या मंदिर परिसर में संघ शताब्दी वर्ष के अंतर्गत पंच परिवर्तन आधारित युवा पीढ़ी को अपने कर्तव्य व परिवार के महत्व की प्रेरणा देते हुए विद्यालय द्वारा पितामह मातामहि दिवस एवं शिशु रंजनी मेले का आयोजन  किया गया जिसमें सभी कक्षा वर्ग के विद्यार्थियों ने अपार उत्साह के साथ सहभागिता निभाते हुए भाग लिया और विभिन्न प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। इस अवसर पर आयोजित मेले में स्वादिष्ट व्यंजन, आकर्षक झूले 1 मिनट गेम,  टॉप 10, घुड़सवारी, प्रदर्शनी में विद्यार्थियों द्वारा आकेस्ट्रा में देश भक्ति गीतों एवं भजनों विषयों पर आधारित नृत्य नाटिका सहित विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए जिसमें बच्चों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। 

कार्यक्रम में सर्वप्रथम दीप प्रज्वलन वयोवृद्ध दादी मां मथरा बाई, के कर कमलों द्वारा किया गया। तत्पश्चात कार्यक्रम का शुभारंभ तरंगिनी समूह ने प्रार्थना से किया। मधु मोदी द्वारा अतिथि  परिचय प्रस्तुत किया गया। प्राचार्य कविता जिंदल ने अपने स्वागत भाषण कार्यक्रम की भूमिका स्पष्ट की जिसमें सामाजिक समरसता पर्यावरण संरक्षण, का वसुधैव कुटुंबकम् , स्व का बोध, नागरिक कर्तव्य आदि विषयों के वर्तमान परिपेक्ष में महत्व को प्रतिपादित किया। प्राचार्य महेश गदले ने कार्यक्रम की रूपरेखा पर विस्तार से प्रकाश डाला। पुण्यश्लोक राजमाता अहिल्याबाई होलकर के त्रिशताब्दी वर्ष एवं आदिवासी गौरव बिरसा मुंडा के समाज के प्रति योगदान का भी कार्यक्रमों में समायोजन किया गया।

कक्षा ग्यारहवीं के विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना सामूहिक नृत्य अन्य विद्यार्थियों द्वारा अपने बुजुर्ग वयोवृद्ध दादा दादी नाना नानी की आरती  की नृत्य नाटिका, यूकेजी के बच्चों द्वारा यह तो सच है कि भगवान है धरती पर मां-बाप गीत पर समूह नृत्य ,कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों ने आज और कल पर नाटिका, कक्षा 6 के विद्यार्थियों ने पेड़ बचाओ पर आधारित नृत्य नाटिका, इसके साथ ही वरिष्ठ दादा दादी द्वारा विद्यार्थियों का जीवन चरित्र पर अपना अनुभव सुनाए। नर्सरी के नन्हे मुन्ने बच्चों ने बम बम भोले गीत पर नृत्य, 11वीं कक्षा के विद्यार्थियों द्वारा जैसी करनी वैसी भरनी नाटिका, तरंगिणी समूह द्वारा म्यूजिक आर्केस्ट्रा, एलकेजी के विद्यार्थियों द्वारा सपने सच हो जाना समूह नृत्य, कक्षा 9 के विद्यार्थियों द्वारा  संयुक्त परिवार पर आधारित नाटिका प्रस्तुत कर संयुक्त परिवार के लाभ हानि पर प्रकाश डाला और प्रेरणादाई संदेश दिया। कक्षा 1 से पांचवी तक के विद्यार्थियों द्वारा त्योहार पर आधारित समूह नृत्य, कक्षा सातवीं से दसवीं तक के विद्यार्थियों द्वारा देश के सभी राज्यों की संस्कृति पर आधारित समूह नृत्य और अंत में सभी दीदी शिक्षिकाओं द्वारा सामूहिक नृत्य प्रस्तुत किया गया, 11वीं के विद्यार्थियों ने स्वच्छ भारत पर आधारित सफाई का संदेश देती नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी। 

कार्यक्रम में मुख्य अतिथिविभाग समन्वयक मंदसौर राघवेंद्र देराश्री ने कहा कि शिशु मंदिर में विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ संस्कार पर विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है ।संस्कार से ही व्यक्ति विकसित राष्ट्र बनाने में सहयोगी बनता है। शिशु भारती में विद्यार्थियों को राष्ट्र को परम वैभव पर ले जाने के संस्कार सिखाए जाते हैं। सभी अभिभावकों को शिक्षा के साथ संस्कारों को जीवन में आत्मसात करने के लिए बच्चों को प्रेरित करना होगा। उन संस्कारों पर स्वयं भी चलना होगा तभी विद्यार्थी भावी विकसित राष्ट्र के निर्माता बन सकेंगे। विद्यार्थी ही विकसित राष्ट्र के नींव के पत्थर है। संस्कारित विद्यार्थी ही विकसित राष्ट्र की प्रमुख आधारशिला होते हैं। इस बात को हमें जीवन में आत्मसात करना होगा।

अभिभावकों की रुचि के कारण ही बच्चों ने भारतीय सनातन संस्कृति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों को प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया हैं।जो समाज को एक नई दिशा प्रदान करेंगे। विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भारतीय सभ्यता और संस्कृति की झलक दिखाई दी है। विभिन्नता में एकता ही भारत राष्ट्र की विशेषता है जो यहां सामूहिक नृत्य में परीलक्षित हुई है। राष्ट्र को परम वैभव पर ले जाने के लिए संस्कृति को विद्यार्थियों के माध्यम से समाज में जीवित रखना आवश्यक है। शिशु मंदिर की संस्कृति का साथ पूरे समाज को देना चाहिए। संस्कृति को समझ कर धारा प्रवाह बहाना हम सब का कर्तव्य है ।भारतीय संस्कृति स्व का बोध कर पर कल्याण की शिक्षा प्रदान करती है। देश के प्रति गौरव स्वाभिमान समरसता सभी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को स्वीकार कर करना चाहिए। वसुदेव कुटुंबकम की भावना को हमारे पूर्वजों ने आत्मसात किया और देश को विकसित राष्ट्र बनाया। हम स्वयं भी प्रेरित होऔर दूसरों को भी प्रेरित करें देश के प्रति सभी को सजक होकर अपने कर्तव्यों का निरवहन करना होगा। पृथ्वी भूमि का टुकड़ा नहीं हमारी माता है ।हम इसके पुत्र के समान है। मातृभूमि की रक्षा के लिए हमें संघर्ष करना पड़े तो पीछे नहीं हटना चाहिए। प्रकृति का संतुलन बनाने के लिए पर्यावरण संरक्षण आवश्यक है। 

पर्यावरण संरक्षण के लिए पंच यज्ञ का विधान है। प्रति दिन गाय , कुत्ते को रोटी, चींटी को आटा, पक्षियों को दाना और जल जीवों को आहार देना भारतीय संस्कृति का संस्कार है। यज्ञ में अग्नि धूप हवन की पंचामृत से वातावरण शुद्ध होता है इसे हमें समझना आवश्यक है। स्वच्छ भारत में भी हमें सहयोगी बनना चाहिए तभी हमारा भारत विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में अग्रणी बनेगा।

विवेकानंद बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रहलाद राय गर्ग, दडोली वाला ने कहा कि विद्यालय में समय-समय पर विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए सभी विज्ञान पर आधारित सांस्कृतिक सामाजिक कार्यक्रम निरंतर आयोजित किये जा रहे हैं। विद्यालय परिवार सक्रियता के साथ अपने कर्तव्य का निर्माण कर रहा है। विद्यार्थियों के अभिभावक सुभाष पाटीदार लाभचंद जैन रवि कुमार जैन, किशन चतुर्वेदी आदि ने विद्यार्थियों में आ रहे परिवर्तन और संस्कारों के महत्व पर प्रकाश डाला। विद्यालय के प्रवेश द्वार पर विद्यालय की शिक्षिका दीदी सपना शर्मा, सलोनी यादव ,आशा शर्मा ,नम्रता चौहान ,मीनाक्षी शर्मा, कीर्ति वर्मा ने क्रमशः सभी विद्यार्थियों का  चंदन तिलक लगाकर सम्मान किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर अतिथियों द्वारा किया गया। अतिथियों की अगवानी प्राचार्य कविता जिंदल एवं समिति सचिव निलेश पाटीदार द्वारा की गई। कार्यक्रम का रचनात्मक प्रभावी संचालन शिक्षिका दीदी मधु मोदी पूजा व्यास विद्यार्थी बहन साक्षी जैन , बहन खुशबू शर्मा ने संयुक्त रूप से किया तथा आभार समिति सचिव निलेश पाटीदार की प्रतिनिधि प्रतिमा शर्मा ने व्यक्त किया। कार्यक्रम का समापन शांति पाठ एवं राष्ट्रगान से किया गया।