NEWS : 40 दिवसीय 'किसान मजदूर बचाओ' यात्रा, पहुंची नीमच के दशहरा मैदान, अपनी इन मांगो को लेकर की प्रेस वार्ता, पढ़े खबर
40 दिवसीय 'किसान मजदूर बचाओ' यात्रा, पहुंची नीमच के दशहरा मैदान
नीमच। किसानों और मजदूरों की समस्याओं तथा मांगों को लेकर 'किसान मजदूर बचाओ' यात्रा' भोपाल एवं संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ की मध्य प्रदेश इकाई द्वारा किसानों और मजदूरों को समस्याओं और माँगों को लेकर पूरे मध्य प्रदेश में 'किमान मजदूर बचाओ' यात्रा का शुभारंभ दिनांक 3 अक्टूबर 2023 को किया गया। जो आज शाम यह यात्रा जो की नीमच के दशहरा मैदान में पहुंची। और वंहा यत्र के पदाधिकारियो ने एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया। जिसमे इनके द्वारा बताया गया कि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा निरन्तर किसानों और मजदूरों के हितों की उपेक्षा की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एनडीए सरकार द्वारा 5 जून 2020 को अध्यादेश द्वारा तीन नये कृषि कानून लाये गये थे। उन्हें पूरा किया जाये।
देशभर के किसानों का करीब 20 हजार करोड़ रुपए गन्ना मिलों पर बकाया है। सरकार शुगर मिल मालिकों से किसानों को बकाया राशि वसूलने में उदार रवैया अपनाए हुए है, , दूसरी ओर बीटी फसलों के परीक्षण की अनुमति देना सरकार की कार्य प्रणाली पर बढ़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा करती है। बीटी सरसों सहित अन्य फसलों पर किए जा रहे परीक्षणों को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाये।आज लखीमपुर खेरी तिकुनिया कांड को दो वर्ष पूरे हो गये हैं। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर नेपाल की सीमा से सटे तिकुनिया गांव में 3 अक्टूबर 2021 को दोपहर करीब तीन बजे किसान प्रदर्शन कर रहे थे, तभी अचानक में तीन गाड़ीया किसानों को चली गई थी, जिसमें 4 किसानों को भी हो गई थी तत्कालीन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आरोप समेत 14 पर हत्या का परिवारजन न्याय की आस में है। भारत सरकार को आयात-निर्यात योजना, मुख व्यापार करार, डब्ल्यूटीओ जैसे विषयों तथा राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय कृषि कानूनों पर भी चर्चा की गई है। उस पर भी विचार-विमर्श किया गया है।
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा काबी' ने बताया कि मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। इसके चलते अमानक बीज, अमानक कीटनाशक, समानय खाद की बिक्री धड़ल्ले से जारी है। सरकार द्वारा इन पर कोर कार्यवाही नहीं करने से खेती-किसानी चौपट हो रही है। किसान के दल में ताजा है. ऐसे में संपूर्ण ऋण बुद्धि के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में कराब 16 लाख से अधिक राजस्व के प्रकरण समित हैं। इनका समय हमें विशकरण हो सकता था, लेकिन सरकार ने कोई कारगर कदम को उठाए। बर्तमान में गूगल मैप की सहायता से किए जा रहे जमीन को नपाई में कई सामने आ रही है। अपने वादे के अनुरूप सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली देने में विफल रही है। प्राकृतिक आपदा से खराब हुई पनालों का सबै ढंग से नहीं किया गया है। पुरे प्रकरणों की मुआवजा राशि नहीं मिली है।
प्रधानमंत्री पाल बीमा को राशि नहीं मिली है। फसल बीमा कंपनियों मुनाफे में है। कृषि उपज मंडियों में किसानों का शोषण जारी है, यहाँ भ्रष्टाचार चरम पर है। मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाएं कागजी खानापूर्ति कर रही है। प्रदेश में बुनियादी ढाँचे के विकास के नाम पर किसानों की जमीनें खरीदी जा रही हैं। इस मामले में भी सरकार किसानों को उचित मुआवजा देने में विफल रही है। प्रदेश में भूमि घोटाला और अतिक्रमण करम पर है। गौशालाओं में भ्रष्टाचार के चलते गो वंशों को ठीक तरह से देखभाल नहीं की जा रही है। पशुओं में आई पी र बीमारी और उसकी रोकथाम के टीकों में फंसता आने से सरकार की कथनी और करनी को उजागर कर दिया है। पशुओं के टीकाकरण अभियान में व्याप्त भारी भ्रष्टाचार को उजागर कर दिया है। सिंचाई का रकबा खेतों में बढ़ने के बजाए कागजों पर तेजी से बढ़ रहा है। रों से औतम छोर तक पानी नहीं पहुँच रहा है। मध्य प्रदेश में किसानों की आत्महत्या के प्रकरण इस बात की मी दे रहे हैं कि सरकारी योजनाओं का लाभ परातल पर नहीं पहुंचा है।इसी प्रकार से 6 जून 2017 को मध्य प्रदेश के मंदसौर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर रहे। किसानों पर पुलिस द्वारा गोली चलाने से 5 किसानों की मौत हो गई थी। इन किसानों की मौत का विरोध प्रदर्शन कर रहे एक किसान की पुलिस कस्टडी में ही मौत हो गई थी। शहीद हुए इन 6 किसानों की मौत को लेकर गठित जैन आयोग की रिपोर्ट को सरकार सार्वजनिक करे। इस गोलीकांड के विरोध में राज्यव्यापी धरना आंदोलन में सरकार ने किसानों पर मुकदमे दर्ज किए थे। बाद में सरकार ने मुकदमे वापस लेने का वादा किया था। हमारी माँग है कि सरकार सभी किसानों पर दर्ज मुकदमे तत्काल वापस ले।