BIG NEWS: अमृत काल का पहला आम बजट, कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा पत्रकारों से हुए रूबरू, खोले कई बड़े राज, शिक्षा, रोजगार और मेडिकल के लिए किस तरह फायदेमंद, पढ़े ये खबर
अमृत काल का पहला आम बजट, कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा पत्रकारों से हुए रूबरू, खोले कई बड़े राज, शिक्षा, रोजगार और मेडिकल के लिए किस तरह फायदेमंद, पढ़े ये खबर
नीमच। वित्तिय वर्ष 2023-24 को लेकर बीते दिनों देश का बजट जारी हुआ। जिसे लेकर देशभर की जनता में सकारात्मक उर्जा है। वहीं आम जनता को काफी हद तक राहत भी मिली। जारी बजट को लेकर शनिवार शाम नीमच के भाजपा कार्यालय तपोभूमि पर पे्रसवार्ता का आयोजन किया गया। इस दौरान मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने बजट को लेकर कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी। वार्ता के दौरान मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा के साथ भाजपा जिलाध्यक्ष पवन पाटीदार, नीमच विधायक दिलीप सिंह परिहार और मनासा विधायक माधव मारू सहित अन्य उपस्थित रहें।
वार्ता के दौरान मंत्री सखलेचा ने बजट के मुख्य बिन्दुओं के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि, अमृत काल का पहला आम बजट 2023-24 एक लोक कल्याणकारी बजट है। यह गांव, गरीबी, किसानों, आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों, शोषितों, वंचितों, दिव्यांगजनों, आर्थिक रूप से पिछड़े तथा मध्यम वर्ग के लोगों को सशक्त और सक्षम बनाने वाला बजट है। यह ग्राम विकास, कृषि विकास श्रमिक कल्याण, इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी क्षेत्रों सहित पूरे देश के समग्र विकास को समर्पित बजट है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा देश के नागरिकों को सामाजिक न्याय, समानता, सम्मान और समान अवसर उपलब्ध कराने वाला बजट है। देश का 75 वां आम बजट 'ईज ऑफ लिविंग' को बढ़ाने पर जोर देने वाला बजट है। यह दुनिया में सबसे तेज गति से देश को विकास की राह दिखाने वाला और भारत को सुपर इकॉनमी पावर बनाने वाला बजट है।
ऐसे सर्व स्पर्शी, सर्व समावेशी एवं देश के जन जन और हर क्षेत्र के सर्वागीण कल्याण के प्रति समर्पित आम बजट के लिए हम माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी एवं उनकी पूरी टीम का हार्दिक अभिनंदन करते हैं।
यह आम बजट 2023-24 का एजेंडा-
- नागरिकों के लिए बड़े अवसर उपलब्ध कराना।
- विकास और रोजगार सृजन को मजबूत प्रोत्साहन प्रदान करना, और व्यापक आर्थिक स्थिरता को मजबूत करना।
बजट की 7 अर्थात सप्तर्षि प्राथमिकताएं-
- समावेशी विकास,
- लास्ट माइल डिलीवरी,
- बुनियादी ढांचा और निवेश,
- क्षमता को उजागर करना,
- हरित विकास
- युवा और वित्तीय क्षेत्र की मजबूती।
मंत्री सखलेचा ने कहां कि, यह महज वर्ष 2023-24 के डेवलपमेंट का एजेंडा नहीं है, बल्कि देश के लिए अगले 25 से 50 साल हेतु विकसित अर्थव्यवस्था की बुनियाद रखने वाला ब्लू प्रिंट है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वजट के माध्यम से पुरानी टेक्स व्यवस्था को खत्म करते हुए मध्य वर्ग के नौकरीपेशा लोगों को ऐतिहासिक तोहफा दिया है। अब नौकरी पेशा लोगों को 7 लाख रुपये सालाना की आप पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। साथ ही, टेक्स स्लैब को को भी घटा कर 5 तक सीमित कर दिया गया है।
मोटे अनाज उगाने के मोर्चे पर भारत लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। भारत अन्न का सबसे बड़ा उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश है। भारत को अन्न का ग्लोबल हब बनाने के लिए हम कटिबद्ध है। इस दिशा में हैदराबाद में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च स्थापित करना एक बहुत बड़ा कदम है।
पिछड़े आदिवासी समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए PMPBTG विकास मिशन किये जाने का निर्णय नरेन्द्र मोदी सरकार की आदिवासी विकास के प्रति शुरू गंभीरता को दिखाता है। इस योजना के लिए लगभग 15 हजार करोड़ रुपये का कोष बनाया गया है। जिससे PBTG बस्तियों में बुनियादी सुविधाएं दी जाएगी।
बच्चों और किशोरों के लिए राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय स्थापित किया जाना और अगले 3 साल में 740 एकलव्य स्कूलों के लिए 38 हजार 800 टीचर्स और सपोर्ट स्टाफ नियुक्त किए जाने का निर्णय एक स्वागतयोग्य कदम है।
मंत्री सखलेचा ने कहां कि, में नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देने के साथ कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किये जाने के निर्णय का हृदय से स्वागत करता हूँ। युवा उद्यमियों द्वारा कृषि स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए एक कृषि त्वरक कोष की स्थापना का निर्णय भी एक सराहनीय कदम है जो कृषि विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अगले 3 साल तक 1 करोड़ किसानों को नेचुरल फॉर्मिंग में मदद की जाएगी। इसके लिए 10 हजार वायो इनपुट रिसोर्स सेंटर्स बनाए जाएंगे जो कि एक स्वागत योग्य कदम है।
6,000 करोड़ रुपये के फंड से पीएम मत्स्य संपदा योजना की नई उप-योजना मछुआरे, मछली विक्रेताओं और इस क्षेत्र के माइक्रो और स्माल उद्यमियों को और सशक्त बनाएगी।
युवाओं के सपनों को उड़ान देने के लिए पीएम कौशल विकास योजना 4.0 की घोषणा सर्वथा स्वागतयोग्य कदम है। इसके तहत देश भर में 40 स्किल इंडिया सेंटर्स स्थापित किये जायेंगे जो युवाओं के कौशल में और निखार लाएगा और उन्हें आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करेगा।
3 वर्षों में 47 लाख युवाओं को वजीफा सहायता प्रदान करने के लिए अखिल भारतीय राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के तहत प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण शुरू किया जाएगा।
नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा महिला सम्मान विकास पत्र जारी करने का निर्णय भी स्वागत योग्य है। इसमें महिलाओं को अब 2 लाख रुपए की बचत पर सालाना 75% ब्याज मिलेगा। वरिष्ठ नागरिकों के लिए सेविंग्स एकाउंट में रखी जाने वाली रकम की लिमिट को भी 4.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 9 लाख रुपए करने का निर्णय भी एक अच्छी पहल है। साथ ही, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना की लिमिट को भी 15 लाख से बढ़ा कर 30 लाख रुपये कर दिया गया है। ये योजनायें महिला सशक्तिकरण और वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगी।
वर्ष 2023-24 का आम बजट ग्रीन ग्रोथ के लक्ष्य का आधार है। नेशनल हाइड्रोजन मिशन के लिए 19 हजार 700 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है। सरकार का 2030 तक 50 लाख टन हरित हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। एनर्जी ट्रांजिशन के लिए 35 हजार करोड़ रुपये का फंड दिया गया है।
5 G सर्विस पर चलने वाले ऐप डेवलप करने के लिए इंजीनियरिंग संस्थानों में 100 लैब बनाई जाएंगी। इन लैब्स के जरिए नए अवसर विजनेस मॉडल और रोजगार की संभावनाएं बनेंगी। इन लैब्स में स्मार्ट क्लासरूम, प्रिसाइजन फार्मिंग, इंटेलिजेंट ट्रासपोर्ट सिस्टम और हेल्थकेयर जैसे फील्ड्स के लिए ऐप्स तैयार होंगे।
रेलवे के लिए 2 लाख 40 हजार करोड़ रुपए का बजट दिया गया है जो कांग्रेस की यूपीए सरकार के समय के 2013-14 के वजट से 9 गुना अधिक है। इन्वेस्टमेंट खर्च को 33% बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपए किया जा रहा है जो 2019-20 की तुलना में लगभग 33 प्रतिशत अधिक है। राज्यों को मिलने वाले इंटरेस्ट फ्री लोन को भी एक साल के लिए आगे बढ़ा दिया गया है। साथ ही इसकी पूजी को भी 1.30 लाख करोड़ रुपये बढ़ा दिया गया है।
इस बजट में पीएम आवास योजना का वजट बढ़ कर 69 हजार करोड़ रुपए कर दिया गया है। पीएम आवास योजना में 66 प्रतिशत की बढ़ोतरी दिखाती है कि नरेन्द्र मोदी सरकार गरीबों के लिए कितनी संवेदनशील है।
कोरोना संकट और रूस यूक्रेन युद्ध के कारण उपजे वैश्विक संकट के बावजूद देश के बजट का आकार बढ़ाकर 45 लाख करोड़ रुपये करना भारत की तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को दर्शाता है।
2014 से मौजूद 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे। 2047 तक अनीमिया के उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है।
रीजनल कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए 50 नए एयरपोर्ट, हेलिपेड, वाटर एरो ड्रोन, एडवांस्ड लेडिंग ग्राउंड्स का विकास किया जाएगा। सरकार शहरी बुनियादी ढांचा विकास कोष के लिए हर साल 10 हजार 000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। यह शहरी इन्फ्रास्ट्रक्चर को और मजबूती देगी।
MSME को 9 हजार करोड़ रुपए की क्रेडिट गारंटी दी जाएगी। इससे उन्हें दो लाख करोड़ रुपए का एक्स्ट्रा कोलेटरल फ्री क्रेडिट भी मिल सकेगा। यह घरेलू अर्थव्यस्था को एक नई मजबूती देगी और इससे रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।
50 पर्यटन स्थलों की पहचान की जाएगी। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को संपूर्ण पैकेज के रूप में इन्हें विकसित किया जाएगा। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट और हैंडीक्राफ्ट आइटम को बढ़ावा दिया जाएगा। जैव विविधता, कार्बन स्टॉक, इकोटूरिज्म के अवसरों और स्थानीय समुदायों के लिए आय बढ़ाने के लिए अगले 3 वर्षो में अमृत धरोहर योजना लागू की जाएगी। 10 हजार 000 करोड़ रुपये के कुल निवेश पर सर्कुलर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए GOBARDAN योजना के तहत 500 नए वेस्ट टू वेल्थ प्लांट स्थापित किए जाएंगे।
• कुल मिलाकर, यह वजट आजादी के 100 साल बाद भारत की परिकल्पना का बजट है। इस बजट में किसान, मध्य वर्ग, महिला से लेकर समाज के सभी वर्ग के विकास की रूपरेखा है। भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है और उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रही है।