BIG NEWS : गाड़े खंभे, और कब्जे की तैयारी में भू-माफिया, स्कूल की छुट्टी का उठाया फायदा, खुलेआम कर दिया ये बड़ा खेल, अब अधिकारियों तक पहुंची शिकायत, जांच शुरू, पढ़े आजाद मंसूरी की खबर
गाड़े खंभे, और कब्जे की तैयारी में भू-माफिया
चीताखेड़ा। प्रदेश सरकार के आदेशों के बावजूद नीमच जिले में भू-माफिया सक्रिय होते नजर आ रहे है। ये लगातार शासकीय भूमियों को अपने निशाने पर लेते हुए उन पर कब्जा कर रहे है, और इस अवैध काम को अंजाम देने में सांठगांठ होने जैसी खबरे भी निकलकर सामने आती है, लेकिन इसके बावजूद भी ये भू-माफिया बैखौफ है, और लगातार अपने काले कारोबार को अंजाम दे रहे है। इस तरह का एक मामला नीमच जिले की जीरन तहसील क्षेत्र में सामने आया है।
दरअसल, यहां के हल्का नंबर- 8 के पटवारी द्वारा शासकीय हाई सेकेंडरी स्कूल चीताखेड़ा के लिए साल 2007-08 में सर्वे क्रमांक- 1153/10 के 7.599 पड़त भूमि में से 4.00 हैक्टेयर भूमि शाला भवन के लिए आवंटित की गई, जिसके एक हिस्से में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के भवन का निर्माण किया गया। वहीं अन्य भूमि पर लगाएं गए पौधों और खेल मौदान पर बीते दिनों श्यामलाल पिता हीरालाल शर्मा द्वारा अपना अधिपत्य जमाने का प्रयास किया गया।
इस पूरे मामले का खुलासा तो तब हुआ, जब सोमवार सुबह प्राचार्य स्कूल पहुंचे। जिसके बाद घटना के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों और राजस्व विभाग को पत्र के माध्यम से जानकारी दी गई, लेकिन इसके बाद भी कोई कार्यवाही अब तक नहीं हो पाई। जबकि उक्त व्यक्ति द्वारा पूर्व में भी कब्जा करने का प्रयास किया गया था। तात्कालीन राजस्व अमले ने हाई सेकेंडरी स्कूल के पीछे की रिक्त पड़ी जमीन को श्यामलाल के पास पटटे की बताई थी, जो इसके रास नहीं आई, क्योंकि चीताखेड़ा के मुख्य मार्ग से सटी इस भूमि की कीमत करोड़ो में पहुंच चूकी है।
यही कारण है कि, भू-माफिया इस जमीन पर कब्जा करने का प्रयास कर रहे है। उक्त पट्टो पर स्पष्ट रूप से लाल अक्सर से लिखा गया है कि, यह भूमि अहस्तांतरित है, लेकिन बाहुबली एवं धनाट्य लोगों ने उन गरीब लोगों से जमीन ओने पोने दामों में खरीद लीं, और लेन-देन कर भूमि स्वामी बन गए। भूमि स्वामी बनते ही जमीन को करोड़ों रुपए में बेची जा रही है। इसके बावजूद भी स्थानीय प्रशासन द्वारा इन भू-माफियाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाएं जा रहे है। यह पूरा मामला शासकीय भूमि से जुड़ा है, ऐसे में समय रहते प्रशासन को एक्शन तो लेना ही चाहिएं, और ऐसे भू-माफियाओं पर सख्त से सख्त कार्यवाही करना चाहिएं।
अपना आधिपत्य जमाने के पीछे कारण...!
पटवारी हल्का नंबर- 08 विगत कई वर्षों से नक्शा विहीन होने से वर्ष 2016 में बंदोबस्त कर नक्शा बनाया। जिसमें काफी मात्रा में त्रुटि हुई, साल 2016 के बाद भूमि को लेकर कई विवाद सामने आए, जिस पर तत्कालीन तहसीलदार द्वारा नक्शा निरस्त हेतु वरिष्ठालय को पत्र लिखा गया। किंतु अभी तक उस पर भी कोई संज्ञान नहीं लिया गया। वर्ष 2016 में हुवे बंदोबस्त के दौरान लोगों ने अपने मन मुताबिक नक्शे में नंबर इंद्राज करवाए, और यही कारण अब विवाद की वजह बन रहा है।
इनका कहना-
छुट्टी का दिन होने से उक्त व्यक्ति द्वारा शाला की भूमि पर पोल लगाने का प्रयास किया। सोमवार को जब में पहुंचा, तो मैने स्थिति को जाना और जिसकी जानकारी तुरंत वरिष्ठालय जिला कलेक्टर, तहसीलदार जीरन, जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला पंचायत सीईओ नीमच को पत्र के माध्यम से दी।- विकास साल्वी, प्राचार्य चीताखेड़ा
यह पूरा मामला एक पत्र के माध्यम से मेरे संज्ञान में आया है, जिसके बाद हल्का पटवारी को मामले के संबंध में जांच के निर्देश दिए है।- नवीन गर्ग, तहसीलदार, जीरन।