NEWS : वध हेतु गौवंश की तस्करी का भंडाफोड़, मंदसौर जिले का नारू चढ़ा हत्थे, अब आरोपी को मिली ये सजा, पढ़े खबर

वध हेतु गौवंश की तस्करी का भंडाफोड़, मंदसौर जिले का नारू चढ़ा हत्थे, अब आरोपी को मिली ये सजा, पढ़े खबर

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नीमच। माननीय अंकित जैन, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी द्वारा कंटेनर में वध किये जाने हेतु गौवंश की तस्करी करने वाले आरोपी नारू पिता मोहम्मद हुसैन (40) निवासी ग्राम बोतलगंज को धारा 4/9 मध्य प्रदेश गौवंश प्रतिषेध अधिनियम, 2004 के अंतर्गत 01 वर्ष के सश्रम कारावास व 5000 रूपए अर्थदण्ड, धारा 6/9 मध्य प्रदेश गौवंश प्रतिषेध अधिनियम, 2004 के अंतर्गत 06 माह के सश्रम कारावास व 5000 हजार अर्थदण्ड एवं धारा 11डी पशु क्रुरता निवारण अधिनियम, 1960 के अंतर्गत 50 रूपए अर्थदण्ड से दण्डित किया।

प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाली एडीपीओं कीर्ति शर्मा द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना लगभग 08 वर्ष पूर्व की होकर दिनांक 28.10.2016 को दिन के 03:50 बजे मन्दसौर-नीमच फोरलेन स्थित ग्राम चल्दु के समीप स्थित पुलिया की हैं। पुलिस थाना जीरन में पदस्थ एसआई जोरसिंह डामोर को मुखबीर सूचना प्राप्त हुई कि एक कंटेनर जिसमें कि वध हेतु गौवंश ले जाये जा रहे हैं वह नयांगाव से चल्दु होता हुवा मन्दसौर की तरफ ले जाया जा रहा हैं। 

मुखबीर सूचना पर से कार्यवाही करते हुवे एसआई जोरसिंह डामोर द्वारा मय फौर्स चल्दु पुलिया के समीप पँहुचे, जहाँ उन्हे मुखबीर द्वारा बताया हुवा कंटेनर आता हुवा दिखाई दिया, जिसको रोककर  कंटेनर को खोलकर देखा तो उसमें 37 जीवित अवस्था तथा 3 मृत अवस्था में गौवंश/केड़े बंद मिले  थे। सभी गौवंश को कंटेनर में ठूंस-ठूंस कर बंद कर रखा था व भोजन, पानी, हवा की कोई व्यवस्था नहीं थी। कंटेनर को रोके जाने की कार्यवाही के दौरान आरोपी नारू हुसैन का साथी अकबर पिता मंजूर (36) निवासी ग्राम बोतलगंज मौके से फरार होने में सफल हो गया। 

आरोपी नारू हुसैन के पास गौवंश परिवहन के कोई वैध दस्तावेज नहीं थे तथा उसके द्वारा पुछताछ में बताया कि वह सभी गौवंश को वध हेतु धुलिया (महाराष्ट्र) ले जा रहा था। पुलिस द्वारा सभी गौवंश व कंटेनर को जप्त कर व आरोपी को गिरफ्तार कर उसके विरूद्ध पुलिस थाना जीरन में प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई तथा आवश्यक विवेचना के उपरांत अभियोग-पत्र नीमच न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। आरोपी अकबर के फरार रहने से उसकी गिरफ्तारी हो जाने के पश्चात् उसके संबंध में आवश्यक विवेचना उपरांत विचारण होगा।

विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से न्यायालय में पुलिस फोर्स, पंचसाक्षी, विवेचक सहित सभी महत्वपूर्ण गवाहों के बयान कराकर अपराध को प्रमाणित कराते हुवे आरोपी को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया, जिस पर से माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्रीमती कीर्ति शर्मा, एडीपीओ द्वारा की।