WOW ! सुबह 5 बजे उठना, फिर साइकिल भी चलाना, बिना चश्मे के सुई में धागा पिरोने की कलां, 100 वर्ष के हुए प्रभुलाल पाटीदार, कुछ यूं मनाया अपना जन्मदिन, स्वस्थ रहने का दिया संदेश, पढ़े खबर

सुबह 5 बजे उठना

WOW ! सुबह 5 बजे उठना, फिर साइकिल भी चलाना, बिना चश्मे के सुई में धागा पिरोने की कलां, 100 वर्ष के हुए प्रभुलाल पाटीदार, कुछ यूं मनाया अपना जन्मदिन, स्वस्थ रहने का दिया संदेश, पढ़े खबर

रिपोर्ट- संजय नागौरी 

दड़ौली। समीपस्थ ग्राम जनकपुर के सेवानिवृत शिक्षक प्रभुलाल पाटीदार मंगलवार को अपना 100 वां जन्मदिवस मना रहे है। संयमित जीवन, नियंत्रित खानपान, योग, कर्मठता के चलते शिक्षक पाटीदार अंचल में अनुकरणीय बने हुए है। एक जनवरी 1923 को जनकपुर में भुवानीराम पाटीदार के घर जन्मे पाटीदार ने शिक्षा के क्षेत्र में दो बार एम ए परीक्षा उत्तीर्ण की। उन्होंने एम फिल भी किया। हायर सेकंडरी उत्तीर्ण होने के बाद ही शासकीय शिक्षक बन गए। 

उन्होंने नेनोरा, कन्या हाईस्कूल मनासा, डीकेन, सरवानिया महाराज, दड़ौली, जनकपुर आदि गावो के स्कूलों में अध्यापन करवाया। नेनोरा गांव में तब ग्रामीणों को प्रेरित कर शाला भवन भी बनवाया। संयमित खान पान, योग, तय दिनचर्या के चलते पाटीदार आज 100 वर्ष पूरे होकर भी साइकिल चला रहे हैं। पाटीदार आज भी सुबह 5 बजे उठ जाते है। नियमित क्रम के साथ घंटे पर योग ध्यान के पश्चात धार्मिक पुस्तकों कल्याण, गीता का पठन दिन चर्या में शामिल है। बिना तेल मिर्ची, नमक की फीकी सब्जी, दूध, आपके आहार में शामिल है। 

शादी समारोह में तेल, घी इत्यादि का खाना 50 से भी अधिक वर्षों से नहीं खाया। आप आज भी बिना चश्मे के सुई में धागा पिरो देते है। सेवानिवृति के बाद आप अपने खेतों में जैविक फसल का उत्पादन करते है। अश्वगंधा, चिया, किनोवा जैसी औषधीय फसलों का पूरी तरह जैविक खेती से सर्वाधिक उत्पादन लेते है। पाटीदार नीमच की शिक्षक कॉलोनी बनाने वाले शिक्षकों में शामिल रहे है। 

इन्होंने शिक्षक सहकार भवन बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। आज 100 वे जन्मदिन पर एक सादे कार्यक्रम में शिक्षक पाटीदार का जनकपुर गांव में समाज ओर परिवारजनों द्वारा अभिनंदन किया जाएगा।