NEWS: रास्ता रोका, और अश्लील गालियां देते हुए की मारपीट, फिर जान से मारने की भी धमकी, अब न्यायालय का फैसला, 4 आरोपियों को 3-3 माह का कारावास, जुर्माना भी, पढ़े खबर
रास्ता रोका, और अश्लील गालियां देते हुए की मारपीट, फिर जान से मारने की भी धमकी, अब न्यायालय का फैसला, 4 आरोपियों को 3-3 माह का कारावास, जुर्माना भी, पढ़े खबर
मनासा। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी द्वारा आरोपी मोतीलाल पिता भेरूलाल खटीक (80) को फरियादी का रास्ता रोक उसे जान से मारने की धमकी देने के कारण धारा 341, 506 (2) भारतीय दण्ड संहिता के अंतर्गत 3-3 माह के कारावास व कुल 600 रूपए अर्थदण्ड से दण्डित किया। आरोपी गोविंद पिता रमेशचंद्र खटीक (32) को फरियादी का रास्ता रोककर मारपीट कर उसे जान से मारने की धमकी देने के कारण धारा 341, 323/34, 506 (2) भारतीय दण्ड संहिता के अंतर्गत 3-3 माह के कारावास व कुल 900 रूपए अर्थदण्ड से दण्डित किया।
आरोपी महेश पिता रमेशचंद्र खटीक (30) को फरियादी के साथ मारपीट करने के कारण धारा 323/34 भारतीय दण्ड संहिता के अंतर्गत 3 माह के कारावास व 300 रूपए अर्थदण्ड से दण्डित किया एवं आरोपी रमेशचंद्र पिता भेरूलाल खटीक (60) निवासी ग्राम लसुडियाआंत्री को फरियादी को अश्लील गालियां देकर मारपीट करने के कारण धारा 294, 323/34 भारतीय दण्ड संहिता के अंतर्गत 3-3 माह के कारावास व कुल 600 रूपए अर्थदण्ड से दण्डित किया।
एडीपीओ अरविंद सिंह द्वारा जानकारी देते हुवे बताया कि, घटना बीती दिनांक- 25.03.2015 की ग्राम लसुडियाआंत्री स्थित फरियादी गणेश के घर के सामने की हैं। फरियादी कुछ सामान उठाकर उसके पिता आरोपी रमेशचंद्र की जमीन पर रख रहा था तो इस बात पर आरोपी ने फरियादी को अश्लील गालियां देते हुए मारपीट करने लगा। इतने में फरियादी की पत्नी कृष्णाबाई बीच-बचाव करने आई तो आरोपीगण महेश व गोविंद दोनों कृष्णाबाई के साथ मारपीट करने लगे।
इसके बाद फरियादी रिपोर्ट करने के लिए जाने लगा तो आरोपीगण मोतीलाल व गोविंद ने फरियादी का रास्ता रोककर उसे जान से मारने की धमकी दी। इसके पश्चात् फरियादी ने डरते हुए थाना कुकडेश्वर में उपस्थित होकर आरोपीगण के विरूद्ध रिपोर्ट लिखाई जिस पर से अपराध क्रमांक 39/2015 पर प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई। विवेचना के दौरान दोनों आहतगण का मेडिकल कराये जाने के उपरांत आवश्यक साक्ष्य एकत्रित कर अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र मनासा न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से न्यायालय में फरियादी, आहत एवं अन्य महत्वपूर्ण गवाहों के बयान कराकर अपराध को प्रमाणित कराते हुए आरोपीगण को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया, जिस पर से माननीय न्यायालय द्वारा आरोपीगण को उपरोक्त दण्ड सं दण्डित किया गया।