OMG: उपज मंडी में निलामी कार्य, फिर अचानक इंस्पेक्टर की एंट्री, और नजर पड़ते ही सामने आया ये कारनामा, इस गैंग की कोशिश हुई नाकाम, पढ़े राजू नागदा ''दास्सा'' और महेन्द्र अहीर की ये खबर
उपज मंडी में निलामी कार्य, फिर अचानक इंस्पेक्टर की एंट्री, और नजर पड़ते ही सामने आया ये कारनामा, इस गैंग की कोशिश हुई नाकाम, पढ़े राजू नागदा ''दास्सा'' और महेन्द्र अहीर की ये खबर
नीमच। प्रदेश भर में अव्वल मानी जाने वाली नीमच की कृषि मंडी में लाल गुलाब गैंग किस तरह बीते कई सालों किसानों के माल पर हाथ साफ करने में लगी हुई है। इसका एक और उदाहरण आज फिर कृषि उपज मंडी में देखने को मिला। मंडी प्रशासन की ढीली कार्यप्रणाली के चलते इस प्रकार की वारदाते थमने का नाम नहीं ले रही।
जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को नीमच कृषि उपज मंडी में निलामी का कार्य जोर शोर से चल रहा था। इसी दौरान वहां मौजूद मंडी इंस्पेक्टर की नजर धनिया छपरे में रखी दो बोरी लावारिस धनिये पर पड़ी। जिसके बाद उक्त धनिये के मालिक की पहचान के लिये काफी प्रयास किये गये। लेकिन जब कोई सामने नहीं आया तो बाद में उक्त धनिये को मंडी प्रशासन द्वारा जप्त कर आगे की कार्यवाही की गई।
लाल गुलाब गैंग का हो सकता है कारनामा-
लावारिस अवस्था में मिले धनिये को लेकर माना जा रहा है कि निलामी के दौरान किसी लाल गुलाब गैंग (उपज चोरों) के द्वारा मौका देख एक बार फिर किसी किसान के माल पर हाथ साफ करते हुए अलग निलामी के लिये रख दिया गया। लेकिन इस बार उनकी यह कोशिश कामयाब नहीं हुईऔर माल मंडी प्रशासन के कब्जे में चला गया।
सुरक्षाकर्मी कर रहे पर्ची काटने का कार्य-
एक ओर बीते कई सालों से मंडी में किसानों की उपज चोरी होने का सिलसिला है कि रूकने का नाम तक नहीं ले रहा। वहीं दूसरी और सूत्रों की अगर माने तो यहां मंडी इंस्पेक्टरों के अलावा किसानों के माल की हिफाजत अलमी के लिये 70 सुरक्षा गार्ड लगाये हुए है। जिनमें से कई सुरक्षा गार्ड निलामी के दौरान चिट्टी काटने का कार्य तक करते हैं। ऐसे में किसानों के माल की सुरक्षा करना बेमानी ही साबित हो रहा है।
कुछ देर के लिये थमी असगंध मंडी-
आज नीमच मंडी में असगंध की आवक ज्यादा होने से निलामी कार्य ठीक ढंग से नहीं हो पा रहा था। जिसके चलते असंगध व्यापारियों द्वारा करीबन 15 मिनिट के लिये निलामी कार्य को रोक दिया। बाद में मंडी इंस्पेक्टर के वहां पहुंचने एवं कर्मचारियों की संख्या बढ़ाये जाने के बाद फिर से निलामी कार्य शुरू हुआ।