NEWS: नागदा के शासकीय महाविद्यालय में गणतंत्र दिवस की धूम, रौशनी से जगमगाया परिसर, एनसीसी कैडेट्स ने दी प्रस्तुति, प्राचार्य डॉ. रेड्डी बोले...! पढ़े खबर
नागदा के शासकीय महाविद्यालय में गणतंत्र दिवस की धूम, रौशनी से जगमगाया परिसर, एनसीसी कैडेट्स ने दी प्रस्तुति, प्राचार्य डॉ. रेड्डी बोले...! पढ़े खबर
रिपोर्ट- बबलू यादव
नागदा। शासकीय महाविद्यालय में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया गया। इसके पूर्व संध्या पर महाविद्यालय के भवन की रोशनी से सजाया गया। परिसर में स्वच्छता अभियान चलाया। फिर 26 जनवरी को सुबह NCC के लेफ्टिनेंट डॉ. केसी मिश्र अपने कैडेट्स के साथ प्राचार्य डॉ. भास्कर रेड्डी को मंच पर लेकर आये। इस अवसर पर एनसीसी कैडेट्स द्वारा विभिन्न प्रकार के इवेंट्स प्रस्तुत किये गए।
ध्वजारोहण के पश्चात, प्राचार्य डॉ रेड्डी ने अपने उदबोधन में कहा कि, भारत में सबसे पहले वर्ष 1950 में गणतंत्र दिवस मनाया गया। इसी दिन डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भारत के राष्ट्रपति के रूप में अपना कार्यकाल शुरू किया। साल 1947 में देश को ब्रिटिश राज से आजादी मिली, लेकिन उसका अपना संविधान नहीं था। 26 जनवरी 1950 को भारत को अपना संविधान मिला। डॉ. बीआर अंबेडकर ने संविधान की प्रारूप समिति की अध्यक्षता की। देश गणतंत्र घोषित हो गया था, इसलिए इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा संविधान है। जिसमें 444 लेख 22 भागों में विभाजित हैं, और 12 अनुसूचियां आज तक 118 संशोधनों के साथ हैं। प्राचार्य डॉ रेड्डी ने गणतंत्र दिवस पर स्वतंत्र सेनानियों को एवं उनके बलिदान को याद किया। उन्होंने कहा कि, वर्तमान की भारत बहुत तेजी से आगे बढ़ रही हैं। ग्लोबल इन्नोवेशन इंडेक्स में 2015 जो 88 रैंक थीं, आज 42 तक पहुंच गए हैं। नई शिक्षा नीति 2020 के लागू होने के बाद युवा पीढ़ी को रोजगार का अवसर मिलेगा एवं युवा विश्व प्रतिस्पर्धा में अपने आप को स्थापित करने में सक्षम होगा।
इस अवसर पर, वरिष्ठ अध्यापक वासुदेव जाटवान, डॉ. वीना पारीक, प्रोफेसर पूजा शर्मा, डॉ. सुनील प्रसाद, डॉ. केसी मिश्र एवं डॉ कृष्णपाल नरुका ने भी अपनी बात रखी। इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।