BIG NEWS: लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान में कांग्रेस को बड़ा झटका, पूर्व मंत्री व सांसद सहित ये 25 दिग्गज नेता BJP में शामिल, क्यों छोड़ दिया हाथ का पंजा, पढ़े ये खबर
लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान में कांग्रेस को बड़ा झटका
डेस्क। राजस्थान कांग्रेस में पिछले चार साल से उठापटक चल रही है। पहले अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच लंबी सियासी अदावत चली, जिसकी वजह से पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार अस्थिर रही। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के कई नेता बीजेपी में शामिल हो गए थे। अब लोकसभा चुनाव से पहले भी कांग्रेस के 25 दिग्गज नेताओं सहित पूर्व कैबिनेट मंत्री कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी सहित वरिष्ठ नेताओं ने इन नेताओं को बीजेपी की सदस्यता दिलाई। पूर्व कैबिनेट मंत्री लालचंद कटारिया, राजेंद्र यादव, पूर्व विधायक रिछपाल मिर्धा, विजयपाल मिर्धा, खिलाड़ी लाल बैरवा, सेवादल से जुड़े रहे सुरेश चौधरी, विनोद पूनिया और कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ चुके रामपाल शर्मा सहित बड़े नेता बीजेपी में शामिल हो गए हैं।
ये नेता बीजेपी में शामिल-
राजस्थान में कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले नेताओं में पूर्व मंत्री लालचंद कटारिया, राजेंद्र यादव, पूर्व सांसद खिलाड़ी लाल बैरवा, पूर्व विधायक रिछपाल मिर्धा, विजयपाल मिर्धा, आलोक बेनीवाल, भीलवाड़ा पूर्व जिलाध्यक्ष रामपाल शर्मा, पूर्व विधायक रामनारायण किसान, अमित व्यास, पूर्व आईएएस ओंकार सिंह चौधरी, गोपाल राम कुकणा, अशोक जांगिड़, प्रिया सिंह मेघवाल, राजस्थान कांग्रेस सेवा दल के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश चौधरी, राजेंद्र परसवाल, शैतान सिंह मेहरड़ा प्रधान पंचायत समिति जोबनेर, रामनारायण झाझड़ा, प्रधान पंचायत समिति झोटवाड़ा, जगन्ननाथ बुरड़क, कर्मवीर चौधरी, कुलदीप देवा, बच्चूसिंह चौधरी, रामलाल मीणा, महेश शर्मा, रणजीत सिंह और मधुसूदन शर्मा बीजेपी में शामिल हुए है।
जनाधार वाले नेताओं की कांग्रेस में कोई कद्र नहीं - रिछपाल
बीजेपी मुख्यालय के बाहर मीडिया से बात करते हुए पूर्व विधायक रिछपाल मिर्धा ने कांग्रेस के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। मिर्धा ने कहा कि, कांग्रेस में जनाधार वाले नेताओं की कोई कद्र नहीं है। कांग्रेस में अब सिर्फ ऐसे नेता रह गए हैं, जो एक दूसरे को नीचा दिखाने का काम करते हैं। रिछपाल मिर्धा ने कहा, वे नागौर के सबसे सीनियर कांग्रेस नेता हैं, लेकिन पार्टी ने उन्हें कभी संगठन में कोई जिम्मेदारी नहीं दी। चार बार विधायक रहने के बाद भी कांग्रेस ने सिर्फ इसलिए टिकट काट दिया, क्योंकि सीनियर नेता को मंत्री बनना पड़ सकता था।