NEWS: तहसीलदार के फर्जी हस्ताक्षर, फिर भूमि का किया नामांतरण, FIR के बाद रीडर गिरफ्तार, अब न्यायालय का फैसला, आरोपी को सुनाई ये सजा, पढ़े खबर
तहसीलदार के फर्जी हस्ताक्षर, फिर भूमि का किया नामांतरण, FIR के बाद रीडर गिरफ्तार, अब न्यायालय का फैसला, आरोपी को सुनाई ये सजा, पढ़े खबर
नीमच। श्रीमति सोनल चौरसिया, प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश के द्वारा तहसीलदार के फर्जी हस्ताक्षर वाली आदेश पत्रिका तैयार कर भूमि का नामांतरण करने वाले तहसीलदार के रीडर आरोपी जगदीश पिता खड़गसिंह मुवेल, (52) वर्तमान निवासी- ग्राम तारापुर, जिला धार को धारा- 467 भारतीय दण्ड संहिता में 10 वर्ष के सश्रम कारावास व 2 हजार अर्थदण्ड, धारा- 420, 468 में 4-4 वर्ष के सश्रम कारावास व 1-1 हजार अर्थदण्ड, धारा- 465 में 2 वर्ष के सश्रम कारावास व 1 हजार अर्थदण्ड व धारा- 471 में 1 वर्ष के सश्रम कारावास व 1 हजार अर्थदण्ड से दण्डित किया।
अपर लोक अभियोजक इमरान खान द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि, आरोपी वर्ष 2006 से 2014 तक तहसील कार्यालय नीमच में तहसीलदार के रीडर के रूप में पदस्थ रहा। इसी बीच आरोपी द्वारा नामांतरण के प्रकरणों में तत्कालीन तहसीलदार राजेन्द्र लोहारिया एवं धर्मराज प्रधान के फर्जी हस्ताक्षर करते हुए आदेश पत्रिका तैयार की गई, एवं गोपालदास बैरागी नाम के व्यक्ति के कथनों पर तहसीलदार के फर्जी हस्ताक्षर किये और गोपाल भील की ग्राम बोरखेडी पानडी स्थित पट्टे की भूमि को मदनलाल बाछंडा व मांगूलाल भील की ग्राम गिरदौड़ा स्थित भूमि को मांगू भील के नाम नामांतरण किये जाने का फर्जी आदेश जारी किया।
अज्ञात शिकायत के आधार पर आरोपी के विरूद्ध विभागीय जांच के उपरांत वर्ष 2014 में केंट थाने में अपराध क्रमांक 228/2014 के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की। विवेचना के दौरान आरोपी को गिरफ्तार किया। दोनों तत्कालीन तहसीलदारो के बयान लिए गये एवं फर्जी दस्तावेजों की जांच उपरांत अभियोग पत्र नीमच न्यायालय में प्रस्तुत किया।
विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा न्यायालय में दोनों तहसीलदारों सहित सभी महत्वपूर्ण गवाहों के बयान कराकर अपराध को प्रमाणित कराते हुवे उसे कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया, जिस पर से माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया।