NEWS : नगर परिषद की फर्जी सील बनाने का मामला, न्यायालय ने आरोपियों को सुनाई सजा, पांच साल का कारावास, तो जुर्माना भी, पढ़े खबर

नगर परिषद की फर्जी सील बनाने का मामला

NEWS : नगर परिषद की फर्जी सील बनाने का मामला, न्यायालय ने आरोपियों को सुनाई सजा, पांच साल का कारावास, तो जुर्माना भी, पढ़े खबर

मंदसौर। दिनांक- 04.01.24 को मुख्य नगर पालिका अधिकारी भैसोदा ने चौकी भैसोदामण्डी को लिखित आवेदन पत्र प्रस्तुत किया कि फिनोवा कैपिटल प्रायवेट लिमिटेड बैंक रामगंजमण्डी द्वारा भवानी खारोल व गजानंद खारोल का अनापत्ति प्रमाण पत्र सत्यापन हेतु भेजा गया। जिसे नगर पालिका के रिकार्ड से मिलान किया, तो उक्त प्रमाण पत्र फर्जी होना पाया गया।

मुख्य नगर पालिक अधिकारी की रिपोर्ट से पुलिस थाना भानपुरा पर अपराध क्रमांक 6/24 धारा- 109, 420, 467, 468, 471, 34 भादवि का पंजीबद्ध कर तत्कालीन चौकी प्रभारी कपिल सौराष्ट्रीय द्वारा विवेचना के दौरान आरोपी  भवानी लाल पिता मथुरालाल खारोल (50) निवासी रगस पुरिया थाना भानपुरा और रोहित टेलर पिता श्याम लाल टेलर (25) निवासी मिठ्ठन खेड़ी थाना भानपुरा को गिरफ्तार कर  आरोपीगणो से नगर परिषद भेसोदा की 02 फर्जी सीले, स्टाम्प मेकर मशीन व फर्जी प्रमाण पत्र जप्त किया गया एवं फिनोवा बैंक के लोन एडवाईजर आरोपी रोहित टेलर के हस्तलिपि के नमूने लेकर जांच हेतु पुलिस मुख्यालय भेजे गये, पुलिस द्वारा विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय प्रस्तुत किया। पुलिस मुख्यालय से प्राप्त हस्तलिपि जांच में फर्जी प्रमाण पत्र में लिखित हस्तलिपि आरोपी रोहित टेलर की होना पायी गई। 

उक्त प्रकरण में माननीय अपर सत्र न्यायालय भानपुरा श्रीमान जितेन्द्र कुमार पाराशर साहब द्वारा आरोपी भावनीखारोल एवं रोहित टेलर को धारा 420, 467, 468, 471, 34 भादवि में दोषी पाते हुये धारा 467 भादवि में 5 वर्ष के कठोर कारावास धारा 420 एवं 468 भादवि में 3 वर्ष के कठोर कारावास व धारा 471 भादवि में एक वर्ष के कठोर कारावास व जुर्माने से दण्डित किया। प्रकरण की पैरवी एजीपी हरिवल्लभ पाटीदार द्वारा की। घटना के मात्र 9 माह में एवं साक्ष्य प्रारंभ होने के मात्र 6 माह में प्रकरण का विचारण पूर्ण करवाये जाने में आरक्षक 552 राजकुमार भट्ट का सरायनीय योगदान रहा। प्रकरण की कुशल विवेचना उनि कपिल सौराष्ट्रीय द्वारा की। 

अपील- फर्जी लोन एजेण्टों से सावधान रहे किसी भी बैंक अथवा कर्यालय में फर्जी दस्तावेज अथवा शपथ पत्र प्रस्तुत ना करें यह दण्डनीय अपराध है।