BIG NEWS : भारत सरकार की स्वानित्व योजना, नीमच जिले में हो रहा भारी भ्रस्टाचार, शासन के निर्देशों का नहीं हो रहा पालन, नहीं किया प्रचार-प्रसार, किस पर लगाएं गंभीर आरोप, प्रेसवार्ता में कांग्रेस नेत्री मधु बंसल का बड़ा खुलासा, पढ़े खबर

भारत सरकार की स्वानित्व योजना

BIG NEWS : भारत सरकार की स्वानित्व योजना, नीमच जिले में हो रहा भारी भ्रस्टाचार, शासन के निर्देशों का नहीं हो रहा पालन, नहीं किया प्रचार-प्रसार, किस पर लगाएं गंभीर आरोप, प्रेसवार्ता में कांग्रेस नेत्री मधु बंसल का बड़ा खुलासा, पढ़े खबर

नीमच। भारत सरकार ने ग्रामीण आबादी सर्वे हेतु स्वामित्व योजना प्रारंग की है। इस योजना का क्रियान्वन राजस्व विभाग द्वारा किया जा रहा है। इसमें गांवों में आबादी भूमि के सर्वे का कार्य तीन चरणों में किया जाना है। प्रथम चरण में प्रारंभिक तैयारी जिसमें आबादी के सर्वे कि पूर्व तैयारी, विभिनन समितियों का गठन किया जाना है। द्वितीय चरण में सर्वे की कार्यवाही ड्रोन द्वारा सर्वे, प्रारूप नक्शे का निर्माण, नक्शे का सत्यापन एवं अधिकार अभिलेखों का निर्माण किया जाना है। तीसरे चरण में सर्वे के पश्चात् की कार्यवाही की जाना है। जिसमें प्रारूप अभिलेखों का प्रकाशन, दावा आपत्ति तथा अभिलेखों का अंतिम प्रकाशन किया जाना है। इन सब कार्यों के लिए शासन द्वारा नियम बनाये गये है तथा दिशा-निर्देश प्रदान किये गये है, लेकिन नीमच जिले में स्वामित्व योजना के नियमों को धज्जियां उड़ाई जा रही है। राजस्व अधिकारी अपनी मनगर्जी से कार्य कर रहे है तथा गरीब ग्रामीणों के साथ अन्याय हो रहा है।

उक्त जानकारी देते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री मधु बंसल ने बताया कि भाजपा के शासन में अधिकारी बेलगाम हो गए है। शासन द्वारा गरीबों के हक में बलाई जा रही योजनाओं का फायदा अमीर लोग उठा रहे है। स्वामित्व योजना में भी ऐसा ही हो रहा है। बंसल ने बताया कि स्वामित्व योजना में पंचायत स्तर भी एक समिति बनाई गई है। जिसमें सरपंच, सचिव, पटवारी, कोटवार एवं दो अन्य सदस्य है। यह समिति संयुक्त रूप से इस संपूर्ण कार्य को करेगी, लेकिन इसमें केवल पटवारी ही यह सभी कार्य कर रहा है। सचिव, सरपंच के मात्र हस्ताक्षर कराएं जा रहा है। इस योजना का प्रचार प्रसार जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न समाचार पत्रों के माध्यम से किया जाना चाहिए था तथा इस योजना से जनप्रतिनिधियों तथा आमजन को अवगत करवाया जाना चाहिए था, लेकिन नीमच जिले में इस योजना के बारे में स्थानीय प्रशासन में कभी कोई जानकारी जनप्रतिनिधियों तथा आम लोगों को नहीं दी और ना ही समाचार पत्रों में कोई प्रेसनोट दिया। इस कारण आम लोगों इस योजना के नियम/निर्देशों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। सभी कार्य केवल पटवारी अपने हिसाब से कट रह है। इस योजना में कौन पात्र है, कौन अपात्र है। इसके बारे में कभी कोई जानकारी नहीं दी गई।

बंसल ने बताया कि आबादी क्षेत्र में केवल उन लोगों को स्वामित्व प्रमाण पत्र दिया जावेगा, जो लोग 2018 से पूर्व वहां निवास कर रहे है। यदि 2018 के बाद किसी व्यक्ति ने आबादी भूमि में अतिक्रमण कर निर्माण किया तो उसे स्वामित्व प्रमाण पत्र नहीं दिया जावेगा और केवल छत निर्माण तक एरिया का ही स्वानित्य प्रमाण पत्र दिया जावेगा। श्रीमती बंसल ने बताया कि लेकिन पटवारी द्वारा सर्वे के दौरान अपने हिसाब से मनमर्जी से सांठ-गांठ कर 2018 के बाद के भी निर्माण कार्यों को इस योजना में शामिल किया जा रहा है तथा भू स्वामित्व अधिकार पत्र बनाए जा रहे है। बंसल ने बताया कि विशेष्कर शहरी क्षेत्र से लगे गांवों में जैसे कनावटी, चंगेरा, इंगलावदी, भोलियावास, बरूखेडा, जमुनियाका धनेरियाकलां, अरनियाकुमार, मालखेड़ा जैसे इंगलावदा ओलिोगों ने करोड़ों रूपये आबादी की भूमि पर अतिक्रमण कर लिया या जैसे गांवों से बहुत सस्ते दामों पर अतिक्रमण खरीद लिया तथा उस पर मकान बना लिये और अब उन मकानों के स्वामित्व प्रमाण पत्र पटवारी से सांठ-गांद कर बनाये जा रहे है।

बंसल ने बतायाकि आबादी भूमि के सर्वे के पश्चात् भूखण्ड में पात्र पाये गये व्यक्तियों की सूचि तहसीलदार द्वारा गांवों में तथा तहसील में चस्पा करनी चाहिए थी तथा सूचि में पात्र सभी व्यक्तियों को व्यक्तिगत भी सूचना पत्र भी जारी करना चाहिए था, लेकिन नीमच जिले में ऐसा नहीं किया गया। इस सूची को गुप्त रखा गया। इस सूचि के प्रकाशन के दिनांक से कम से कम 15 दिन तक दावे आपत्ति लिये जाने चाहिए थे तथा तहसीलदार द्वारा उन दावे आपत्तियों का निराकरण किया जाना चाहिए था। इसके पश्चात् तहसीलदार पात्र व्यक्तियों की सूची तैयार कर जिला कलेक्टर को भेजेंगे तथा यदि कोई न्यायालयीन प्रकरण है तो उसकी सूची भी प्रारूप 21 में कलेक्टर को भेजेंगा।

इसके पश्चात् पात्र व्यक्तियों की सूची का अंतिम प्रकाशन कलेक्टर www.rems.gov.in पर प्रकाशित करेगा और फिर 15 दिन की समय सीमा में दावे आपत्ति प्राप्त कर सुनवाई के पश्चात् अंतिम सूचि पात्र व्यक्तियों की प्रकाशित करेगा। बंसल ने बताया कि नीमच जिले में किसी भी गांव की सूचि तहसील या में चस्पा नहीं की गई। इस कारण ग्रग्रीमणों को इस सूची के बारे में पता ही नहीं चल पाया और कोई भी व्यक्ति दावे / आपत्ति प्रस्तुत नहीं कर पाया। इस कारण आपात्र व्यक्तियों / भूगाफियाओं के भूअधिकार पत्र बनवा दिये गये।

बंसल ने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत केवल गांव में स्थानीय निवासी को ही शामिल किया जाना चाहिए। यदि गांवों के बाहर का कोई अन्य व्यक्ति या शहरी व्यक्ति है तो इसका भूस्वामित्व का प्रमाण पत्र नहीं बनाया जाना चाहिए। इन भूमाफियाओं से लाखों रूपये लेकर इनके द्वारा अतिक्रमण की गई भूमि के स्वामित्व के प्रमाण पटवारी एवं सरपंच पत्र बनाने की तैयारी कर रहे है ताकि इनके अवैध भूखण्ड वैध हो जावे तथा भूमाफिया करोड़ों रूपये कमा सकें। बंसल ने बताया कि नीमच जिले में केवल और केवल राजस्व अधिकारी और पटवारी मिलकर अपने हिसाब से नियमों के विरूद्ध स्वामित्व प्रमाण-पत्र बना रहे है। इस कारण गरीब व्यक्तियों को इस योजना का पूर्ण लाभ नहीं मिल पा रहा है और इस योजना का लाभ भूमाफिया और अमीर लोग उठा रहे है।

बंसल ने जिलाधीश नीमच से मांग की है कि नीमच जिले में जो भूमिस्वामित्व के प्रमाण पत्र बनाए गए है। उनकी गहनता से जांच की जाए। तो सत्य सामने आ जाएंगा। इस संबंध में मधु बंसल ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव को भी पत्र लिखकर जांच की मांग को है। ताकि वास्तविक पात्र व्यक्तियों को इस योजना का लाभ मिल सकें।