BIG NEWS : चित्तौड़गढ़ में दुर्गा उत्सव की धूम, बंगाली परंपरा के अनुसार आयोजन, कारीगरों ने बनाई आकर्षक प्रतिमा, एक व दो अक्टूबर को होंगे ये खास कार्यक्रम, पढ़े खबर

चित्तौड़गढ़ में दुर्गा उत्सव की धूम

BIG NEWS : चित्तौड़गढ़ में दुर्गा उत्सव की धूम, बंगाली परंपरा के अनुसार आयोजन, कारीगरों ने बनाई आकर्षक प्रतिमा, एक व दो अक्टूबर को होंगे ये खास कार्यक्रम, पढ़े खबर

रिपोर्ट- मनीष मालानी 

चित्तौड़गढ़। शहर में बंगाली समिति की ओर से दुर्गा पूजा उत्सव पूरे बंगाली परंपरा के अनुसार मनाया जा रहा है। पंचमी से पूजा शुरू हो चुकी है, और महाअष्टमी तक श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर है। इस उत्सव के लिए आठ महीने पहले ही कोलकाता से 10-12 कारीगरों को बुलाकर मां दुर्गा की प्रतिमा बनाई गई। प्रतिमा में मां दुर्गा को महिषासुर वध करते हुए दिखाया गया है। साथ ही मां सरस्वती, लक्ष्मी, गणेश और कार्तिकेय की प्रतिमाएं भी स्थापित की गई हैं, जिसे बंगाली परंपरा में “चाला” कहा जाता है।

पश्चिम बंगाल के हुगली से पुरोहितों और सहयोगियों की टीम भी आई है। प्रीतम व शुभम बनर्जी पूजा करा रहे हैं, संपा बनर्जी भोग बना रही हैं, जबकि ढोल, खाना व अन्य सेवाओं के लिए कन्हैया, विमल और साधन मौजूद हैं। हर दिन सुबह-शाम पूजा, आरती और सांस्कृतिक कार्यक्रम हो रहे हैं। महाअष्टमी पर संधि पूजा और पारंपरिक “धुनुची डांस” हुआ। नवमी (1 अक्टूबर) को बलिदान, कुमारी पूजन और हवन होंगे। दशमी (2 अक्टूबर) को सिंदूर खेला व प्रतिमा विसर्जन के साथ उत्सव का समापन होगा।

पूरे आयोजन में बंगाल की संस्कृति झलक रही है और मां दुर्गा को “महिषासुर मर्दिनी” स्वरूप में आराधना की जा रही है, जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।