NEWS : मजदुर से आर्मी तक का सफर,कनावटी के शंकरलाल नायक का,संघर्ष देखे कई,पर नहीं मानी हार,देश सेवा में निकले 18 साल,अब लौटेंगे अपने घर,होगा भव्य स्वागत,निकलेगा जुलुस,पढ़े ये खबर
मजदुर से आर्मी तक का सफर,कनावटी के शंकरलाल नायक का,
नीमच। भारतीय थल सेना (इंडियन आर्मी) की 18 साल सेवा पूरी कर 3 सितंबर को हवलदार शंकरलाल नायक अपने घर लौटेंगे। मूलत: ग्राम कनावटी के निवासी शंकरलाल नायक 06 जनवरी 2004 को भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। 18 साल 8 माह की अवधि के दौरान श्री नायक ने देश के कई हिस्सों में अपनी सेवाएं दी। नायक की पहली पोस्टिंग देश के सबसे महंगे शहर बैंगलोर में हुई। इसके बाद वे देश की सबसे ठंडी जगह लेह-लद्दाख में तैनात हुए। फिर असम, जयपुर, जोशीमट, चाइना बॉर्डर पर तैनात रहे। वर्तमान में वे जम्मू कश्मीर से रिटायर होकर घर लौटेंगे। सिपाही से भर्ती हुए शंकरलाल नायक हवलदार के पद से निवृत्त 31 अगस्त 2022 को सेवानिवृत्त हुए। 3 सितंबर को नीमच पहुंचने पर रेलवे स्टेशन से भव्य जुलूस निकाला जाएगा।
यह रहेगा जुलूस का रूट----
हवलदार शंकरलाल नायक जम्मू-कश्मीर से 3 सितंबर को प्रातः 9 बजे सीधे नीमच रेलवे स्टेशन पहुंचेंगे। जहाँ से जुलूस प्रारंभ होगा। जो शहर की प्रमुख सड़कों से होता हुआ नीमच सिटी स्थित शहीद स्मारक पर पहुंचेगा। यहां शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके बाद जुलूस इंदिरा नगर होते हुए ग्वालटोली स्थित महाराणा प्रताप चौराहे पर रुकेगा। वहां से सीधे ग्राम कनावटी पहुंचकर जुलुस का समापन होगा।
संघर्ष भरा रहा शंकर का जीवन---
सेवानिवृत्त हो रहे शंकरलाल नायक का जीवन संघर्षों से भरा रहा। इनका जन्म मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ। पिता मोहनलाल नायक किसान हैं। शंकर ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ग्राम कनावटी में तथा उच्चस्तरीय शिक्षा शासकीय क्रमांक 02 से ग्रहण की। इसके बाद भाई-बहनों में सबसे बड़ा होने की वजह से परिवार की जिम्मेदारी इनके कंधों पर आ गई। बचपन से ही शंकर में आर्मी में भर्ती होने का जुनून था। इसलिए उसने मजदूरी के साथ सेना में भर्ती की तैयारी भी जारी रखी। वर्ष 2004 में महू से आर्मी में भर्ती हुए। तब से अब तक निरंतर देश की सेवा में जुटे है।
यहां इतने वर्षों से दी सेवाएं--------
कब से कब तक शहर
2004 2007 बैंगलोर
2007 2009 लद्दाख
2009 2012 असम
2012 2015 जयपुर
2015 2017 जोशीमठ
2017 2019 बैंगलोर
2019 2022 जम्मू-कश्मीर