BIG NEWS: डी.पी धाकड़ का नेतृत्व, और सैकड़ों किसानों ने निकाली न्याय यात्रा, पहुंचे CBN कार्यालय, उगमसिंह पर NDPS का मुकदमा दर्ज करने की मांग, जब अधिकारी नहीं आये बाहर, तो हुआ ये !... फिर सौंपा ज्ञापन, पढ़े खबर

डी.पी धाकड़ का नेतृत्व, और सैकड़ों किसानों ने निकाली न्याय यात्रा, पहुंचे CBN कार्यालय, उगमसिंह पर NDPS का मुकदमा दर्ज करने की मांग, जब अधिकारी नहीं आये बाहर, तो हुआ ये !... फिर सौंपा ज्ञापन, पढ़े खबर

BIG NEWS: डी.पी धाकड़ का नेतृत्व, और सैकड़ों किसानों ने निकाली न्याय यात्रा, पहुंचे CBN कार्यालय, उगमसिंह पर NDPS का मुकदमा दर्ज करने की मांग, जब अधिकारी नहीं आये बाहर, तो हुआ ये !... फिर सौंपा ज्ञापन, पढ़े खबर

नीमच। जहां एक और वित्त मंत्रालय द्वारा 20 फीसदी किसानों को सीपीएस पदत्ति में अफीम की खेती के पट्टे जारी किए गए, तो वहीं दूसरी और बीते दिनों सीबीएन की टीम ने राजस्थान के श्रीपुरा गांव में दबिश देते हुए एक कार्यवाही की थी, जिसमे गांव के शांतिलाल धाकड़ नामक व्यक्ति को हिरासत में लिया था। दोनों की मामलों को लेकर सैकड़ों की तादात में किसान न्याय यात्रा के जरिये नार्कोटिक्स कार्यालय पहुंचे, और शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात को रखते हुए ज्ञापन दिया। किसान नार्कोटिक्स विभाग के DNC को ज्ञापन देने पर अड़े रहें, पर जब अधिकारी बाहर नहीं आये, तो डीपी धाकड़ के साथ कुछ लोग अंदर गया, और DNC से चर्चा की। जिसके बाद DNC को पुरे प्रोटोकॉल से साथ ज्ञापन सौंपा गया। 

जानकारी के अनुसार किसान नेत डीपी धाकड़ के नेतृत्व में शुक्रवार को एक विशाल किसान यात्रा निकाली गई, जो रतनगढ़ क्षेत्र के वाहन रैली के रूप में रवाना हुई, यह न्याय यात्रा मुख्या गांवों से होते हुए करीब 80 किलोंमीटर का सफर तय कर नीमच के दशहरा मैदान पहुंची। जिसके बाद दशहरा मैदान से सैकड़ों किसान पैदल रैली निकालते हुए नार्कोटिक्स कार्यालय पहुंचे, और शांतिपूर्वक प्रदर्शन शुरू किया। जिसके दो अलग-अलग ज्ञापन सौंपे, जिसमें पहला ज्ञापन एसडीएम ममता खेड़े, तो दूसरा नार्कोटिक्स विभाग के डीएनसी को सौंपा। 

पहला ज्ञापन जिला कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने नाम एसडीएम ममता खेड़े को सौंपा। जिसमे बताया कि मार्फिन की मात्रा कम या घटिया बताकर नीमच सहित राजस्थान के हजारों किसानों के अफीम लायसेंस पूर्व में रोक लिए गए, फिर बाद में उनकों सीपीएस पदत्ति के लिए महज 6 आरी पट्टे जारी किए, वर्तमान में किसानों ने अफीम की फसल बोई हुई है, और कुछ ही दिनों में उनमे दूध निकालने का समय आ जाएगा, लेकिन अभी तक किसानों को अफीम निकालने के संबंध में कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं हुए, आगामी दिनों से निर्देश नहीं मिलते है, तो किसानों की फसल सूख कर खराब हो जाएगी। फसलों को सहेजने में किसानों ने कर्ज कर करीब 1.50 लाख रूपये तक खर्च कर दिए। 

ज्ञापन के माध्यम से आग्रह है कि उक्त अफीम लायसेंसधारी किसानों को अफीम का दूध निकालने के लिए जल्द से जल्द दिशा-निर्देश जारी किए जाए, अन्यथा सभी किसान परिवारों को भूख हड़ताल करने पर मजबूर होना पड़ेगा। सीपीएस पदत्ति किसान विरोधी है, अतः इसे किसान हित में बंद किया जाए, किसान इसे किसी भी हालत में नहीं अपना पाएगा, और विदेशी कंपनियों का गुलाम नहीं बनेगा। अतः सभी लायसेंस सामान्य पदत्ति से दिए जाए। 

वहीं दूसरा ज्ञापन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी और नार्कोटिक्स आयुक्त ग्वालियर के नाम नार्कोटिक्स डीएनसी को सौंपा। जिसमे बताया कि ग्राम श्रीपुरा निवासी शांतिलाल धाकड़ पर बीती 29 जनवरी को अफीम का झूठा कैस दर्ज किया गया। इस मामले में नार्कोटिक्स विभाग के कर्मचारी उगमसिंह की भूमिका संदिग्ध है, जिस समय कैस दर्ज किया गया, उस समय शांतिलाल धाकड़ मौके पर मौजूद नहीं था। वहीं उगमसिंह द्वारा महिला को ब्लैक मैल कर यौश शौषण करने की बात भी ज्ञापन में बताई गई, बाद में उगमसिंह ने शांतिलाल धाकड़ को धमकाकर उसके घर पर दबिश दिलवाई, जहां पर शांतिलाल के घर पर नहीं होने के बावजूद उस पर एनडीपीएस एक्ट में झूठा मामला दर्ज किया गया, जो कि पूर्णतः गलत है।

ज्ञापन के माध्यम से यह भी बताया गया कि फिर कुछ दिनों बाद उगमसिंह का सोशल मीडिया पर एक विडियों वायरल हुआ, जिसमे उसने स्वीकार किया कि शांतिलाल पर कार्यवाही में उसकी भूमिका रहीं, और वीडियों में उगमसिंह ने महिला के साथ संबंध भी बनाने की बात स्वीकारी। इस पूरे मामले में उगमसिंह साजिशकर्ता है। विडियों वायरल होने के बावजूद विभाग की और से उगमसिंह पर कोई ठोस कार्यवाही अब तक नहीं की गई, और ना ही उसके विरूध्द कोई विभागीय जांच के आदेश दिए। शांतिलाल धाकड़ पर गलत तरीके से मामला दर्ज करने को लेकर पूरे समाजजनों और अफीम किसानों में रोष है। 

इसी को लेकर सैकड़ों किसान शांतिलाल धाकड़ को न्याय दिलाने के मामले में न्याय यात्रा के माध्यम से नार्कोटिकस विभाग नीमच को ज्ञापन सौंप रहे है। निवेदन है कि इस पूरे मामले की सीबीआई जांच कराई जाए, और कर्मचारी उगमसिंह के खिलाफ यौन शाषण करने, झूठा मुकदमा दर्ज करने और साजिश रचने को लेकर दंडात्मक मुकदमा दर्ज किया जाए, और उगमसिंह के विरूध्द एनडीपीएस की कार्यवाही भी की जाए। साथ ही शांतिलाल पर झूठा मुकदमा दर्ज होने की पूरे मामले की उच्च स्तर पर जांच कर शांतिलाल के खिलाफ हुआ मुकदमा वापस लिया जाए। किसानों द्वारा सौपे गया ज्ञापन के बाद नार्कोटिक्स के अधिकारीयों ने भी उन्हें आश्वासन दिया, मामले की निष्पक्ष जांच करने की बात कही है।