डेस्क। मध्यप्रदेश में लापरवाह अधिकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। दरअसल नर्मदा पूर्व में रेशम उत्पादन में भ्रष्टाचार मामले में कर्मचारी अधिकारियों के फर्जी बिलों का उपयोग किया गया है। जितना ककून खरीद कर उसके विक्रय करने और उसके बदले किसानों को राशि का भुगतान दिखाया गया है, वह भी सत्य नहीं है। इसके अलावा जो किसान गांव में है भी नहीं, उन्हें भी फर्जी तरीके से ककून की खरीदी में शामिल किया गया है।
जिस पर शिकायत आयुक्त रेशम और आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ को की गई। शिकायत के बाद उचित कार्रवाई की गई थी। जिसमें बड़ी बात सामने आई है। कार्रवाई के नाम पर दो कर्मचारियों को निलंबित किया गया है। अन्य के खिलाफ जल्द ही बड़ी कार्रवाई की जाएगी।एक अन्य कार्रवाई खरगोन जिले में की गई है। जिले में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों और शिक्षकों को सार्थक है पर उपस्थिति नहीं लगाने पर कार्रवाई की गई है। दरअसल कर्मचारियों के पास एंड्रॉयड मोबाइल नहीं है। जिसके चलते उनकी उपस्थिति नहीं लगाई गई है। कर्मचारियों को महीने के अंतिम दिनों में नोटिस जारी किया गया था। जिले के कई शिक्षक को बिना नोटिस दिए ही उनके वेतन काट लिए गए हैं।
झिरन्या के करीब डेढ़ सौ शिक्षकों के वेतन काटे गए हैं। एक शिक्षक के 20 से 38 हजार तक का वेतन है। ऐसे में कर्मचारी संगठन द्वारा भी कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया गया है। वहीं शिक्षकों का कहना है कि वेतन काटने से पहले उन्हें नोटिस दिया जाना चाहिए। इस मामले में प्रभारी सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग एबी गुप्ता का कहना कि जहां कवरेज नहीं मिलता है, वहां ऑफलाइन उपस्थिति लगाई जाती है। जिन कर्मचारियों की उपस्थिति नहीं है। उन्हें नोटिस दिए गए हैं, साथ ही शिक्षकों का वेतन काटा गया है।
मध्य प्रदेश वन विभाग के ट्रांसफर के आदेश को कोर्ट में चुनौती देने और कोर्ट के निर्देश के बाद सरकार के निर्देश का पालन नहीं करने पर आईएफएस अधिकारी हरिशंकर मिश्रा को निलंबित कर दिया गया है। इस संबंध में वन विभाग के सचिव अतुल कुमार मिश्रा ने आदेश जारी किए।
आदेश के अनुसार शंकर मिश्रा की सेवाएं राजधानी परियोजना भोपाल से लेकर 28 जुलाई को वन संरक्षक कार्य योजना इकाई सिवनी के पद पर पदस्थ की गई थी। जिसके बाद मिश्रा कोर्ट चले गए थे। वहीं कोर्ट ने 24 अगस्त को मिश्रा को अभ्यावेदन प्रस्तुत कर स्पीकिंग ऑर्डर का निराकरण करने के निर्देश दिए थे।राज्य शासन द्वारा 12 सितंबर को स्पीकिंग आदेश जारी किया गया था। हरिशंकर मिश्रा को वन संरक्षक कार्य योजना इकाई सिवनी के पद पर पदस्थ करने के आदेश दिए गए थे। वहीं वन विभाग ने आईएफएस हरिशंकर मिश्रा को शासन के आदेश का पालन नहीं करने पर निलंबित किया है।
एक अन्य कार्रवाई शहडोल में की गई है, जहां कार्य में गंभीर लापरवाही बरतने पर शहडोल एसपी द्वारा महिला थाने में पदस्थ रमा आर्मो सहित विवेचक एएसआई को सस्पेंड कर दिया गया है। एक अन्य मामले में ब्यौहारी थाने में पदस्थ एएसआई का वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें वह फरियादी से पैसे की मांग और दिन दिन कर रहा था। इस पर एएसआई को भी निलंबित किया गया है। साथ ही रक्षा समिति के सदस्य को भी बाहर का रास्ता दिखाया गया है।