EXCLUSIVE : कॉन्स्टेबल डेथ मिस्ट्री, कारों की भिड़ंत, फिर मिली राजाराम की लाश, दुसरा कोई घायल नहीं, आरक्षक की मौत बनी रहस्य...! रोजाना की तरह कौन गया था वहीं, SP की मॉनिटरिंग में जांच, कैस सॉल्व करेगी खाकी, कब उठेगा पर्दा, क्या बयां करती है ये बाते...! पढ़े ये खास खबर
कॉन्स्टेबल डेथ मिस्ट्री, कारों की भिड़ंत
रिपोर्ट- अभिषेक शर्मा
नीमच। गुरूवार सुबह कैंट थाना क्षेत्र स्थित ग्राम भरभड़िया और ग्वालटोली रोड़ के बीच एक सड़क दुर्घटना हुई, जिसमे नीमच सिटी थाने की जवासा चौकी पर पदस्थ आरक्षक राजाराम जाट की मौके पर ही मौत हो गई, सुचना पर पुलिस कप्तान अंकित जायसवाल और एएससपी नवलसिंह सिसौदिया सहित पुलिस बल मौके पर पहुंचा, और कागजी कार्यवाही के बाद मृतक आरक्षक के शव को जिला अस्पताल लाया गया। जहां से पीएम के बाद शव परिजनों को सौंपा।
अब गुरूवार सुबह यह हादसा हुआ, लेकिन शाम होते-होते आरक्षक की मौत रहस्यमयी कहानी के रूप में बदल गई, और संदिग्ध मानी जाने लगी। अब आने वाले दिनों में पुलिस जांच में इस सड़क दुर्घटना के अलावा आरक्षक की मौत से जुड़े कई चौकाने वाले खुलासे भी हो सकते है। आरक्षक की इसी रहस्यमयी मौत से जुड़ी कुछ जानकारियां भी बाद में सामने आई, जो संभावित कुछ और ही बयां करती है।
बिंदुवार घटनाक्रम-
रेंज फायरिंग के लिए जाता था मृतक आरक्षक...!
बताया जा रहा है कि, आरक्षक राजाराम जाट रैंज फायरिंग के लिए रोजाना जावद क्षेत्र में स्थित कैंप में जाया करता था। आज भी वह रैंज फायरिंग के लिए ही ग्वालटोली स्थित पुलिस लाइन से कैंप के लिए निकला, लेकिन बाद में उसकी मौत की खबर आई, और उसकी लाश भरभड़िया-ग्वालटोली रोड़ पर मिली।
दुर्घटना से 100 मीटर दुर मिली लाश...!
मीडिया रिपोट्स के अनुसार, आरक्षक राजाराम स्कॉपियों में सवार था, जब घटना स्थल पर पुलिस पहुंची, तो आरक्षक राजाराम की स्काॅर्पियों से करीब 100 मीटर दूर उसकी लाश मिली। उसके शरीर पर चोट के निशान पाएं गए, वहीं दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हुई अन्य राजस्थान पार्सिंग स्विफ्ट कार में मौजूद कोई भी व्यक्ति मौके पर नहीं मिला। जबकि स्काॅर्पियों से ज्यादा स्विफ्ट कार के परखच्चे उड़े नजर आए।
आरक्षक की मौत बनी रहस्य, मामला संदिग्ध क्यों...!
फिलहाल आरक्षक राजाराम की मौत एक रहस्य बनी हुई है। कहीं ना कहीं मामला भी संदिग्ध नजर आता है। घटना स्थल से आई रिपोट्स पर नजर डाले, तो कई सवाल यहां से निकलकर सामने आते है। आइएं इन सवालों पर भी एक नजर डालते है...!
- अगर आरक्षक राजाराम की स्काॅपियों और राजस्थान पार्सिंग स्विफ्ट कार में भिड़ंत हुई, तो स्काॅर्पियों मामूली क्षतिग्रस्त क्यों हुई, और उसके एयरबैग तक क्यों नहीं खुले...!
- क्षतिग्रस्त हुई स्विफ्ट कार के परखच्चे उड़ गए, इसके एयरबैग भी खुल गए, बावजूद इसके कार में कोई घायल व्यक्ति नहीं था, ना ही कोई अन्य घायल घटना स्थल के आसपास क्यों नहीं मिला...!
- जब स्विफ्ट कार में कोई घायल नहीं हुआ, तो मामूली क्षतिग्रस्त होने वाली स्काॅर्पियों में सवार आरक्षक की मौत कैसे हो गई, क्या यहां किसी तरह का कोई विवाद तो नहीं हुआ...!
- जब स्विफ्ट कार से जुड़ा कोई व्यक्ति मौके पर नहीं मिला, तो क्या किसी ने घटना स्थल पर पहुंचकर इनकी मदद की, और अगर घायल भी हुए, तो क्या कोई उन्हें अपने साथ ले गया...!
- सड़क दुर्घटना से जुड़े अधिकतम मामलों में एंबुलेंस या राहगीरों की मदद से घायलों को जिला अस्पताल ही लाया जाता है, लेकिन यहां तो सिर्फ आरक्षक राजाराम का ही शव पहुंचा, इसके अलावा तो किसी भी व्यक्ति को दुर्घटना के बाद यहां क्यों नहीं लाया गया, या फिर सामने कोई घायल हुआ भी या नहीं...!
- बताया जा रहा है कि, हादसे के बाद घटना स्थल से करीब 100 मीटर दूर आरक्षक की लाश मिली। अमुमन सड़क में वाहनों की आमने-सामने की भिड़ंत होती है, लेकिन इस घटनाक्रम से जुड़ी तस्वीरों में देखने से ऐसा लगता है कि, दोनों कारों के मुंह विपरित दिशा में थे, तो क्या वाकई में यहां सड़क हादसा हुआ था, या फिर कहानी क्या कुछ और तो नहीं...!
पूरे घटनाक्रम पर एक नजर-
दरअसल, गुरूवार सुबह करीब 8 बजे भरभड़िया से ग्वालटोली रोड़ पर सड़क दुर्घटना की सुचना पुलिस को मिली थी। जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो मृतक आरक्षक की पहचान राजाराम पिता जगदीश जाट 30 निवासी ग्राम थड़ोद, थाना पिपलियामंडी के रूप में हुई, जो नीमच सिटी थाना क्षेत्र की जवारा पुलिस चौकी पर पदस्थ था। घटना की जानकारी मिलने पर एएसपी नवल सिंह सिसौदिया भी घटना स्थल पर पहुंचे थे। जिसके बाद शव को जिला अस्पताल लाया गया।
पुलिस कप्तान अंकित जायसवाल कर रहे माॅनिटरिंग-
चूंकि हादसे में नीमच जिले के एक जाबाज पुलिस जवान की मौत हुई है। ऐसे में जांच तो पुलिस की टीमें कर रही है, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम की माॅनिटरिंग एसपी अंकित जायसवाल कर रहे है। आरक्षक की मौत की खबर के तुरंत बाद एसपी जायसवाल पहले घटना स्थल पहुंचे, और फिर वह जिला अस्पताल भी गए, अपने काम में एक्सपर्ट और अपराध को जड़ से खत्म करने वाले पुलिस कप्तान के निर्देशन में जब इस घटनाक्रम को लेकर टीमे काम कर रही है, तो यह माना जा सकता है कि, आरक्षक राजाराम की रहस्यमयी मौत से भी पर्दा जल्द ही उठ सकता है...!
अब एसपी जायसवाल के निर्देशन और एएसपी नवलसिंह सिसौदिया, सीएसपी अभिषेक रंजन के नेतृत्व में कैंट टीआई सौरभ शर्मा के साथ ही कई अनुभवी अफसर इस कैस को साॅल्व करने में जुट गए है। ऐसे में जल्द ही पूरे घटनाक्रम का खुलासा होने की संभावना है। फिलहाल तो पुलिस ने धारा- 304 के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच गंभीरता से शुरू कर दी है।