NEWS: श्री राम मंदिर मनासा पर  श्री मद भागवत कथा का आयोजन,जो सब छोड़ कर भगवान का भरोसा करता है, वहीं पार उतरता है-पं. जितेंद्र शर्मा  

श्री राम मंदिर मनासा पर  श्री मद भागवत कथा का आयोजन,जो सब छोड़ कर भगवान का भरोसा करता है, वहीं पार उतरता है-पं. जितेंद्र शर्मा  

NEWS: श्री राम मंदिर मनासा पर  श्री मद भागवत कथा का आयोजन,जो सब छोड़ कर भगवान का भरोसा करता है, वहीं पार उतरता है-पं. जितेंद्र शर्मा  

मनासा। जीव को खुद की ताकत का भरोसा होता है, वह इस अहं में रहता है कि वह हर मुसीबत को पार कर लेगा। तब तक ईश्वर भी उसका सहारा नहीं बनते। और जब वह सब ओर से स्वयं को असहाय अनुभव कर भगवान को पुकारता है। भगवान दौड़े चले आते हैं। 

गजेन्द्र को जल में रहने वाले ग्राह ने पकड लिया और पानी में खिंचने लगा, तो सबसे पहले गज को अपने बल का अहं टूट लगा। अपने बड़े परिवार में अनेकों पत्नियों-बेटों को वह छुड़ाने के लिए पुकारने लगा। सब मिलकर भी उसे ग्राह से बचा नहीं सके और एक-एक करके सभी उसे उसी दशा में छोडक़र चले गए। तब ग्राह से बचने के लिए, गज ने भगवान को पुकारा। भगवान दौड़े चले आये और गज को ग्राह से बचाया और साथ ही ग्राह को मारकर उसे मुक्ति प्रदान की।

उक्त आशय के सद्विचार पं. जितेन्द्र शर्मा पिपलिया मंडी निवासी ने व्यक्त किए। वे यहां मनासा के उषागंज श्रीराम मंदिर में चल रही 15 दिवसीय श्री मद् भागवत कथा के गज-ग्राह प्रसंग पर बोलते हुए, संसार के झुठे नातों पर अपनी बात कह रहे थे।  इस प्रसंग के पूर्वाद्र्ध में पंडित जी ने नरसिंह अवतार कथा के माध्यम से बताया कि प्रहलाद को भरोसा था कि भगवान कण कण में, जल में, थल में, पत्ते-पत्ते में है। और भगवान खम्ब में से प्रकट हो गए। भजन प्रस्तुति एवं प्रसाद वितरण के साथ कथा के पांचवें दिन का विराम हुआ।