BIG NEWS: नीमच के इस धाम में बालाजी का जलवा, सजेगा भव्य दरबार, तो विराट भजन संध्या भी, मशहूर कलाकार बांधेगे समां, आप भी इस दिन पहुंचे यहां...! पढ़े खबर

नीमच के इस धाम में बालाजी का जलवा, सजेगा भव्य दरबार, तो विराट भजन संध्या भी, मशहूर कलाकार बांधेगे समां,

BIG NEWS: नीमच के इस धाम में बालाजी का जलवा, सजेगा भव्य दरबार, तो विराट भजन संध्या भी, मशहूर कलाकार बांधेगे समां, आप भी इस दिन पहुंचे यहां...! पढ़े खबर

नीमच। जलवा उत्सव सनातन धर्म के सोलह संस्कारों में से एक संस्कार है। परंपरा अनुसार बघाना बालाजी धाम मंदिर पर हनुमान जन्मोत्सव के सवा महीने बाद जलवा उत्सव मनाया जाता है। यह दो दिवसीय आयोजन 15मई सोमवार से प्रारंभ होगा और 16 मई मंगलवार को जलवा उत्सव मनाया जाएगा।

इस दिन मंदिर गर्भगृह में गुलाब व मोगरा के ताजे फूलों से सजाने के साथ संपूर्ण मंदिर प्रांगण को रंग-बिरंगी लाइट व गुब्बारों से सजाया जाएगा। बालाजीधाम मंदिर समिति के अध्यक्ष अमित गाेयल ने बताया कि उत्सव के तहत सोमवार को प्रारंभ होगा, दिनभर धार्मिक अनुष्ठान होंगे। मंदिर और परिसर को रंग-बिरंगे फूलों और बल्बों से सजाया जाएगा। परिसर में रात 8बजे से विराट भजन संध्या होगी।

जिसमें देश के ख्यातनाम भजन गायक शीतल पांडेय, दिल्ली अपनी टीम के साथ भजनों की प्रस्तुति देंगे। म्यूजिकल पार्टी भी दिल्ली से आएगी। भजन संध्या स्थल पर विशाल मंच पर अंजनी लाल का दिव्य दरबार सजाया जाएगा। जिसमें बालाजी माता अंजनी के साथ गोद में विराजित होकर दिव्य दर्शन देंगे। भजन संध्या देररात प्रभु इच्छा तक चलेगी। भजन संध्या में महिला-पुरुषों के लिए बैठक की अलग-अलग व्यवस्था की गई है।

जलवा पूजन और जलवा जागरण मंगलवार 16 मई को आयोजित हाेगा। सुबह अभिषेक-पूजन के साथ बाबा का दिव्य श्रृंगार किया जाएगा। सुबह से ही पूजा-अर्चना और दर्शन का दौर चलेगा। दोपहर 3 बजे से महिला मंडल द्वारा संकीर्तन किया जाएगा। शाम 5बजे जलवा पूजन होगा, इसके लिए बैंडबाजों के साथ महिलाएं बालाजी धाम क्षेत्र व उससे लगी बालाजी धाम काॅलोनी के प्रमुख मार्गों से जलवा पूजन यात्रा निकालेगी और मंदिर पहुंचकर जलवा पूजन होगा। यहां महिलाएं मंदिर परिसर स्थित प्राचीन कुए में जला पूजन करेंगी।

रात 8बजे बालाजी की महाआरती होगी। पश्चात रात 10बजे से जलवा जागरण शुरू होगा। रातभर स्थानीय व अंचल के भक्त व कलाकार भजन प्रस्तुत करेंगे। जो अगले दिन बुधवार को ब्रह्ममुहूर्त तक चलेगा और महाआरती व प्रसादी वितरण के साथ संपन्न होगा। जलवा पूजन : हिंदू समाज में जलवा पूजन 16 संस्कारों में से एक है। बच्चे के जन्म के सवा महीने बाद जलवा पूजन कर यह संस्कार निभाया जाता है। इस दिन जलाशय और सूर्य की पूजा-अर्चना की जाती है। बालाजी मंदिर में इस दिन बालाजी की माताजी मां अंजनी को याद किया जाता है और उनका पूजन किया जाता है।

जागरण में जुटते हैं पुराने भक्त : बघाना बालाजी मंदिर व्यवस्था समिति के युगलकिशोर शर्मा, लालचंद सिंहल ने बताया जलवा जागरण में हनुमान बाबा के पुराने भक्त बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। कई भक्त ऐसे हैं, जिनकी उम्र 80-90 से पार है। बावजूद पूरी रात जागरण करते हैं और भजन में शामिल होते हैं। अब अनुष्ठान में युवा भी बढ़-चढ़ कर शामिल होने लगे हैं। समिति ने भक्तों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में धर्मलाम लेने की अपील की है।

1946 में शुरू हुई थी परंपरा : बघाना वाले बालाजी का मंदिर अति प्राचीन है। बालाजी की प्रतिमा कब और किसने स्थापित की, यह किसी को नहीं पता। जलवा पूजन की परंपरा 1946 में शुरू हुई। महंत पं. परमानंद जोशी ने इस परंपरा की शुरुआत की जो आज भी श्रद्धा-भाव से मनाई जा रही है। उनके साथ पोस्ट मास्टर बापूसिंह परिहार और प्रभाती लाल शर्मा ने इस परंपरा को सालों तक निभाया। वर्तमान में श्री बालाजी धाम मंदिर समिति, बघाना निभा रही है।