NEWS : भावांतर भुगतान योजना, मंदसौर कृषि उपज मंडी में जिला स्तरीय कार्यक्रम संपन्न, राहत राशि का वितरण, यहां क्या बोले सांसद सुधीर गुप्ता, पढ़े खबर
भावांतर भुगतान योजना
मंदसौर। भावांतर भुगतान योजना अंतर्गत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा सिंगल क्लिक के माध्यम से प्रदेश के 1 लाख 33 हजार किसानों को कुल 233 करोड़ रुपये की राहत राशि का अंतरण किया गया। यह कार्यक्रम देवास जिले से प्रदेश स्तरीय रूप में आयोजित किया गया, जिसका सीधा प्रसारण मंदसौर जिले में कृषि उपज मंडी परिसर सहित सभी मंडियों और उपमंडियों में किया गया। जिले के कृषकों ने इस कार्यक्रम को लाइव देखा और सुना। जिला स्तरीय कार्यक्रम कृषि उपज मंडी मंदसौर में आयोजित किया गया, जिसमें सांसद सुधीर गुप्ता, पूर्व विधायक यशपाल सिसोदिया, नगर पालिका अध्यक्ष रमादेवी गुर्जर, जनपद अध्यक्ष बसंत शर्मा, अधिकारी, जनप्रतिनिधिगण, पत्रकार एवं बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।

जिले की आठ मंडियों में कुल 4213 कृषकों को कुल 5 करोड़ 26 लाख 87 हजार 453 रुपये की राशि का भुगतान सिंगल क्लिक के माध्यम से किया गया। इनमें मंदसौर मंडी के 854 कृषकों को 1,13,32,400 रुपये, पिपलिया मंडी के 383 कृषकों को 41,48,613 रुपये, उपमंडी मल्हारगढ़ के 775 कृषकों को 98,50,285 रुपये, सुवासरा के 590 कृषकों को 51,92,371 रुपये, गरोठ के 321 कृषकों को 35,57,582 रुपये, सीतामऊ के 585 कृषकों को 82,61,363 रुपये, भानपुरा के 202 कृषकों को 19,40,633 रुपये तथा दलौदा मंडी के 703 कृषकों को 84,04,233 रुपये की राशि का अंतरण किया गया।

सांसद सुधीर गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि कार्य करने की इच्छा हो तो कोई कार्य असंभव नहीं होता। वर्तमान सरकार किसानों के हित में निरंतर कार्य कर रही है। आज किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है तथा पहली बार पीला मोजेक रोग से प्रभावित सोयाबीन फसल पर राहत राशि भी प्रदान की गई है। भारत आज नैनो यूरिया निर्माण, जैविक खेती और दूध उत्पादन में अग्रणी देश बन चुका है। आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से गरीब एवं जरूरतमंद नागरिकों को 5 लाख रुपये तक के निःशुल्क इलाज की सुविधा दी गई है।

पूर्व विधायक यशपाल सिसोदिया ने कहा कि सरकार ने हर वर्ग के उत्थान के लिए उल्लेखनीय कार्य किए हैं — चाहे वह किसान हों, महिला हों या युवा। लाड़ली बहना योजना के तहत 12 नवम्बर को बहनों को 1500 रुपये प्रतिमाह की राशि अंतरित की गई और आज किसानों को सोयाबीन फसल मूल्य के अंतर की राशि सीधे खाते में दी गई। अब योजनाओं में पारदर्शिता आई है और बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो चुकी है।
