EXCLUSIVE : नीमच जनपद चुनाव संपन्न, सीटों पर तो कब्जा, पर अब कलह, इस सदस्य ने छेड़ा सोशल मीडिया वार, खोली BJP नेताओं की पोल, 5 मिनट का षड्यंत्र, वादे के बाद धोखा भी, क्या है 10-10 लाख का खेल...! पढ़े ये खबर
EXCLUSIVE : नीमच जनपद चुनाव संपन्न, सीटों पर तो कब्जा, पर अब कलह, इस सदस्य ने छेड़ा सोशल मीडिया वार, खोली BJP नेताओं की पोल, 5 मिनट का षड्यंत्र, वादे के बाद धोखा भी, क्या है 10-10 लाख का खेल...! पढ़े ये खबर

नीमच। जनपद पंचायत अध्यक्ष उपाध्यक्ष के चुनाव एक दिन पहले संपन्न हुए, और दोनों ही पदों पर भाजपा के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की। अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर भाजपा-कांग्रेस उम्मीदवारों में कड़ी टक्कर थी। फिर भाजपा समर्थित सदस्यों ने अपना मत देकर शारदा बाई को अध्यक्ष चुन लिया।
अब बारी उपाध्यक्ष की आई, तो भाजपाई सदस्यों के बीच कलह देखने को मिली। नेताओं के बीच बहस बोलचाल की नौबत तक आ पड़ी। मोके पर बवाल भी मचा और यहां-वहां की भाग दौड़ भी देखने को मिली। उड़ती उड़ती खबरे बाहर तक भी आई कि, उपाध्यक्ष के तीन से चार दावेदार सामने आये। जिनमे गोटी डालकर एक नाम पर सहमति बनी, और उसे उपाध्यक्ष का नामांकन भरवा दिया गया।
पर आज सावन क्षेत्र के एक जनपद सदस्य प्रह्लाद भट्ट ने भाजपाई खेमे की सारी पोल पट्टी सोशल मीडिया पर खोल कर रख डाली। भट्ट ने खुल्ले शब्दों में भाजपा संगठन के नेताओं को आड़े हाथो लेते हुए लिखा कि, जनपद पंचायत नीमच के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के सभी दायित्व वान पदाधिकारियों ने मुझसे उपाध्यक्ष पद पर पार्टी की और से अधिकृत नामांकन दाखिल करने का वादा किया था।
यह वादा पार्टी के प्रमुख पदाधिकारियों ने मुझसे ऐसे समय किया था। जब भारतीय जनता पार्टी के पास केवल 12 वोट थे। ऐसी परिस्थिति में केवल 1 वोट से हार या जीत के परिणाम आ रहे थे। भाजपा के पदाधिकारियों ने मुझसे सौगंध लेकर कहा कि, संगठन ही हमारी मां है, आप हमारे साथ आइए पार्टी के नेताओं ने जो भी आज तक आपके साथ कुठाराघात किया है, हम उसके एवज में आपको पार्टी की और से अधिकृत रूप से भाजपा का उम्मीदवार घोषित कर उपाध्यक्ष बनाएंगे।
भट्ट आगे लिखते है कि, बिना किसी प्रलोबन के मेरे द्वारा भारतीय जनता पार्टी के सभी पदाधिकारियों के आग्रह को स्वीकार कर समर्पित भाव से मतदान किया गया, और भारतीय जनता पार्टी का नीमच जनपद में परचम लहराया।
जब उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन का समय आया। तब मुझे मुख्य गेट पर बुलाकर नामांकन फार्म भरा हुआ बताया गया कि, आपका फार्म भर दिया गया है। महज 5 मिनट में षड्यंत्र कर लिया गया। मेरे द्वारा सार्वजनिक रूप से नेताओं से कहा गया कि, आपने मुझसे कमिटमेंट किया था, उसका क्या हुआ। नेताओं ने यह स्वीकार कर लिया कि, हमने आपसे उपाध्यक्ष की हामी भरी थी, लेकिन अब संभव नहीं है।
सवाल यह नहीं है कि, किसे उपाध्यक्ष बनाया गया, और क्यों बनाया गया। सवाल यह है कि, सार्वजनिक रूप से गौरस और जल हाथ में लेकर संकल्प के साथ वादा करने वाले नेताओं ने मेरे साथ धोखा क्यों किया...?
हर रोज सदस्यों के 10-10 लाख रुपए में बिकने की खबरें आ रही थी। ऐसे समय में वरिष्ठ नेताओं ने मुझे बैठकों में बुलाकर भाजपा का समर्थक और ईमानदार कार्यकर्ता कह कर बहुत बड़ा सम्मान देने का प्रपंच किया।
खैर.. मैं इस बात से खुश हूं, और मुझे आत्म संतोष है कि, मेरी विचारधारा वाली पार्टी चुनाव जीत गई।
चुनावी रण में मुझे कुटिल नेताओं ने बर्बरीक बना दिया।
आगामी समय में विधानसभा के चुनाव होने हैं। किसी व्यक्ति को चतुर नेता कितनी बार धोखा दे सकते हैं...?
आओ इंतजार करते हैं...?
मैं भोला था, मुझे भोलेपन का सबक मिल गया...!
मैंने भरोसा किया, मेरी पीठ में खंजर घोंप दिया...!
वे लोग नेता थे, उन्होंने इधर से भी लिया उधर से भी लिया...!
यहां तक की भाजपाई नेताओ द्वारा गोटी के माध्यम से जो उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार का नाम निकाले जाने की बात फैलाई गई थी। उसे भी प्रह्लाद भट्ट ने ख़ारिज करते हुए एक व्हाट्सप ग्रुप में लिखा कि, गोटी अध्यक्ष को छोड़ बाकि सभी भाजपा समर्थित सदस्यों के 13 लोगों के नाम की डाली जानी थी, पर कुछ लोगों ने षड्यंत्र कर यहां भी धोखा किया। अब सवाल यह खड़ा होता है कि, क्या भाजपाई नेताओं ने अपने अध्यक्ष पद का समर्थन जुटाने को तीन से चार लोगों को उपाध्यक्ष पद का लालच देकर अपनी और किया, और फिर उन्हें किनारे कर डाला।
बहरहाल, भाजपाई खेमे की अंतरकलह अब सार्वजनिक तौर पर सामने आ रही है। पहले भाजपा में ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला करता था, लेकिन अब ये हर छोटे बड़े मामले में देखने को मिल रहा है, और कहीं ना कहीं अब कांग्रेस की राह पर नीमच भाजपा संगठन चलते हुए गुटों में बटा सा नजर आने लगा है। जिसका असर चुनावों में हमें देखने को मिला ही है। जहां भाजपा एक तरफा अपना दबदबा इस जिले में रखती थी। वहां अब कांग्रेस बराबरी से मुकाबले में आ रही है, हालांकि अभी किस्मत जरूर साथ भाजपा का दे रही है। पर हालत जमीनी स्तर पर भाजपा के क्या है, ये ज्यादा बेहतर भाजपाई नेता भी जानते है।