OMG ! ये क्या हो रहा चीताखेड़ा में, लाखों की बेशकीमती भूमि पर अतिक्रमण, फिर निर्माण कार्य भी शुरू, पटवारी तक पहुंची शिकायत, पर नहीं हुई कार्यवाही, अब नायब तहसीलदार के संज्ञान में आया मामला...! क्या इस बड़ी रेड की तैयारी में राजस्व विभाग..! पढ़े खबर

क्या हो रहा चीताखेड़ा में

OMG ! ये क्या हो रहा चीताखेड़ा में, लाखों की बेशकीमती भूमि पर अतिक्रमण, फिर निर्माण कार्य भी शुरू, पटवारी तक पहुंची शिकायत, पर नहीं हुई कार्यवाही, अब नायब तहसीलदार के संज्ञान में आया मामला...! क्या इस बड़ी रेड की तैयारी में राजस्व विभाग..! पढ़े खबर

रिपोर्ट- अभिषेक शर्मा / राजेश प्रपन्ना

नीमच। जिले के जीरन तहसील क्षेत्र का ग्राम चीताखेड़ा और उसके आसपास का क्षेत्र वैसे तो आएं दिन सुर्खियों में रहता है। यहां राजस्व विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों की नाक के नीचे क्षेत्र के कई बाहुबली अवैध अतिक्रमण करने के साथ ही उस पर निर्माण के कार्य को अंजाम देते है, और देखते ही देखते शासकीय भूमि को भी अपने कब्जे में कर लेते है। ऐसा ही एक और मामला इन दिनों क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। जिसकी चर्चा गांव की चौपाल पर सुनने की मिल रही है। 

दरअसल, ग्राम चीताखेड़ा के वार्ड क्रमांक- 2 में एक मंडी व्यापारी द्वारा शासकीय भूमि पर पहले अतिक्रमण करते हुए उसे अपने कब्जे में लिया गया। फिर इसी व्यापारी द्वारा यहां योजनाबध्द तरीके से यहां निर्माण कार्य भी शुरू किया गया। इस मंडी व्यापारी ने बीती 22 अगस्त से अवैध निर्माण शुरू किया। सबसे पहले इसने शासकीय भूमि को समतल कर नींव तैयार की। और भराव कराया। फिर देखते ही देखते पक्का निर्माण का कार्य शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि, शासकीय भूमि को समतल करने के बाद यह उसी जगह पर अपनी उपज का ढेर एकत्रित करने के लिए गोडाउन बनाने की तैयारी कर रहा है। 

बिना अनुमति के निर्माण कार्य...! 

सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सामने आया है कि, शासकीय भूमि पर निर्माण करने वाला शिखरचंद्र उर्फ काका और उसका बेटा धमेन्द्र जैन है। यह दोनों लंबे समय से मंडी में व्यापारी है। अब ये रहते तो वार्ड क्रमांक- 6 में है, लेकिन इनकी नजर वार्ड क्रमांक- 2 स्थित शासकीय भूमि पर पड़ गई, इसी के बाद इनकी नियत खराब हो गई, और योजना तैयार करते हुए अतिक्रमण की हुई भूमि पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया। जिसकी अनुमति इन्होंने प्रशासन से लेना भी उचित नहीं समझा। 

जब इस बारे में धमेन्द्र जैन से संपर्क किया गया, तो इन्होंने स्वयं ही इस बात को स्वीकारा की उनके और उनके पिता द्वारा इस अवैध निर्माण को लेकर किसी भी तरह की अनुमति राजस्व विभाग या संबंधित अधिकारियों से नहीं ली गई। धमेन्द्र जैन का कहना है कि, उनके पास को केवल रसीद है, जिसके आधार पर ही वह इस अवैध निर्माण का कार्य कर रहे है। यानीं की इन्हें प्रशासनिक अधिकारियों की अनुमति की कोई जरूरत नहीं है। वो तो यह भी कह रहा है कि, उस क्षेत्र में कई लोगों ने इस तरह का अवैध निर्माण किए हुए है। 

शिकायत का भी असर नहीं- 

हमे तो जानकारी यह भी मिली है कि, जब काका जी द्वारा शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण करने के बाद जब निर्माण की शुरूवात की गई, तो उसी समय चीताखेड़ा के ही निवासी एक ग्रामीण ने मामले की शिकायत हल्का पटवारी नरेन्द्र योगी को की। अब यहां पटवारी जी को जांच करनी थी, लेकिन उन्होंने जांच ना करते हुए महज खानापूर्ति के लिए गांव के चौकीदार के कानों में यह बात डाल दी। जिसके बाद आज तक यह निर्माण कार्य नहीं रूका। जब हमने उनसे फोन पर संपर्क किया, तो उन्होंने खुद को भोपाल एक कार्यक्रम में होने का हवाला दिया। 

क्या बोले अधिकारी- 

हां, यह पूरा मामला संज्ञान में आया है, जिसके बाद संबंधित व्यक्ति को नोटिस जारी किया गया है। अगर सोमवार तक जवाब नहीं आता है, तो पंचायत सरपंच और राजस्व के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर आगामी कार्यवाही की जाएगी।- नवीन पाटीदार, सचिव, ग्राम पंचायत चीताखेड़ा। 

फिलहाल यह मामला मैरे संज्ञान में नहीं आया है। आपके माध्यम से जानकारी मिली है, तो जांच करवाई जाएगी। अगर शासकीय भूमि पर अतिक्रमण के साथ अवैध निर्माण किया जा रहा है, तो वैद्यानिक कार्यवाही भी की जाएगी।- जागृति जाट, नायब तहसीलदार, जीरन।