NEWS: एक तो बिना वैद्य बीमा की बाइक, ऊपर से तेज रफ्तार, फिर टक्कर मार किया घायल, अब न्यायालय ने सुनाई कठोर कारावास की सजा, पढ़े खबर
एक तो बिना वैद्य बीमा की बाइक, ऊपर से तेज रफ्तार, फिर टक्कर मार किया घायल, अब न्यायालय ने सुनाई कठोर कारावास की सजा, पढ़े खबर
मनासा। न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी मान. विशाल जेठवा मनासा द्वारा बिना बीमा की मोटरसाईकल को तेजगती व लापरवाहीपूर्वक चलाते हुए टक्कर मारकर गंभीर चोट पहुँचाने वाले आरोपी योगेन्द्रसिंह पिता रामसिंह भाटी 40 वर्ष, निवासी-ग्राम पिपल्यारावजी, तहसील मनासा, जिला नीमच को भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 338 के अंतर्गत 03 माह के कठोर कारावास एवं 300 रू. जुर्माने व मोटर यान अधिनियम, 1988 की धारा 146/196 के अंतर्गत 01 माह के कठोर कारावास एवं 1000 रू. जुर्माने से दण्डित किया।
एडीपीओ अरविन्द थापक द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना 6 वर्ष पूर्व की होकर दिनांक 15.06.2016 को रात के लगभग 10 बजे मनासा थाना क्षैत्र के अंतर्गत आने वाले रामतलाई मंदिर के पास की हैं। फरियादी भूपेन्द्र के पिता वेदप्रकाश मंदिर में दर्शन करके वापस पैदल-पैदल सड़क किनारे से घर जा रहे थे कि आरोपी द्वारा तेजगती व लापरवापूर्वक मोटरसायकल चलाते हुए पीछे से उसके पिता को टक्कर मार दी, जिससे वह नीचे गिर गये व उनके शरीर पर कई चोटे आई।
फरियादी द्वारा घटना की रिपोर्ट पुलिस थाना मनासा पर की गई, जिस पर से अपराध क्रमांक 221/2016, धारा 279, 337 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत पंजीबद्ध की गई। विवेचना के दौरान आहत की मेडिकल रिपोर्ट में गंभीर चोटे आने से धारा 338 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 व आरोपी के मोटरसायकल का वैद्य बीमा नहीं होने से धारा 146/196 मोटर यान अधिनियम, 1988 का ईजाफा करते हुए शेष आवश्यक विवेचना पूर्ण अभियोग पत्र मनासा न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से न्यायालय में आहत व फरियादी सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराकर अपराध को प्रमाणित कराते हुए आरोपी को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया। मान. न्यायालय द्वारा वर्तमान में बढते हुए दुर्घटनाओं के मामलों को देखते हुए आरोपी को भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 338 के अंतर्गत 03 माह के कठोर कारावास एवं 300 रू. जुर्माने व मोटर यान अधिनियम, 1988 की धारा 146/196 के अंतर्गत 01 माह के कठोर कारावास एवं 1000 रू. जुर्माने जुर्माने से दण्डित किया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी एडीपीओ अरविन्द थापक द्वारा की गई।