BIG NEWS : दो घंटे देरी से पहुंची जननी एक्सप्रेस, समय पर नहीं मिला उपचार, महिला के साथ पेट में पल रहें बच्चे की भी मौत, मनासा से नीमच, फिर उदयपुर रैफर, बीच रास्ते में तोड़ दिया दम, पढ़े खबर

दो घंटे देरी से पहुंची जननी एक्सप्रेस

BIG NEWS : दो घंटे देरी से पहुंची जननी एक्सप्रेस, समय पर नहीं मिला उपचार, महिला के साथ पेट में पल रहें बच्चे की भी मौत, मनासा से नीमच, फिर उदयपुर रैफर, बीच रास्ते में तोड़ दिया दम, पढ़े खबर

रिपोर्ट- मनीष जोलान्या
  
मनासा। कुकड़ेश्वर थाना क्षेत्र के गांव बच्चाखेड़ी में बीती रात्रि में एक प्रसुता और उसके बच्चे की दर्दनाक मोत हो गयी, ग्राम पंचायत तलऊ के गांव बच्चाखेड़ी का निवासी होकर पीड़ित परिवार मजदूरी का कार्य करता है, राजू ओड ने बताया की मेरी काकी राधा बाई पति मुकेश (35) को रात्रि में दर्द हुवा और हमने 8 बजे जननी एक्सप्रेस को फोन पर सूचना दी, करीब 10:30 बजे गाड़ी पहुंची, समय पर सूचना देने के बाद भी जननी एक्सप्रेस 2:30 घंटे देरी से पहुंची, और प्रसुता को लेकर सीधे मनासा आयी। रात्रि 11:30 बजे प्रसुता को मनासा से नीमच रेफर कर दिया गया, और नीमच पंहुचने पर चिकित्सकों ने प्रसुता को तुरंत उदयपुर के लिए रेफर कर दिया, नीमच जिले में एक भी विशेषज्ञ चिकित्सक मौजूद नहीं था, इसलिए प्रसुता को उदयपुर रेफर करना पड़ा, परिणाम स्वरूप प्रसुता और बच्चे दोनों की उदयपुर पहुंचते समय रास्ते में ही मोत हो गयी। 

जहां एक और केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार चिकित्सा के क्षेत्र में बड़े-बड़े दावे कर रही है, नये नये मेडिकल कॉलेज खोलकर, जनता का श्रेय प्राप्त कर रही है, ठीक इसके विपरीत नीमच जिले के मनासा तहसील के कुकड़ेश्वर थाना क्षेत्र की ये घटना प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोलती नजर आ रही है, जहां एक और नीमच, मंदसौर, रतलाम में मेडिकल कॉलेज खुल गये है, लेकिन मरीज आज भी राजस्थान रेफर किये जा रहे है...!

पांच बहनो पर थी एक भाई की आस- 

प्रसुता के पति मुकेश ओड ने बताया की हमारे पांच बालिकाए थी, और एक बालक की आस में हमे ये एक और अवसर लिया था, लेकिन हमें क्या पता था की हमारे साथ ऐसी घटना घटेगी, जब हमने जननी एक्सप्रेस वाले को फोन लगाया तब से उसके आने तक हम कई बार फोन लगा चुके थे, लेकिन उसने हर बार तरह तरह के बहाने बनाये और अंततः वो 2:30 घंटे देरी से आया, उसके कारण भी मेरी पत्नी और बच्चे दोनों को पीड़ा हुई, चूंकि मेरी पारिवारिक स्थति ऐसी नहीं है कि, में वाहन की व्यवस्था कर सकू, इसलिए मेरे पास इंतजार करने के सीवा और कोई उपाय नहीं था, और चिकित्सकों ने भी उचित उपचार नहीं किया, यदि नीमच में ही ऑपरेशन हो जाता तो शायद कोई एक तो बच जाता, लेकिन उन्होंने भी देखते ही उदयपुर रेफर कर दिया, और आज मेरी पांच बेटियो के सिर से उनकी मां का साया बीछड गया। 

इनका कहना- 

108 एम्बुलेंस की पूर्व में भी शिकायते आ चुकी है, ये समय पर नहीं पहुंचती, गलती तो है, मनासा चिकित्सालय में जो सुविधाएं है, उसके अनुसार उपचार कर नीमच रेफर कर दिया था।- डॉ. बी.एल. भायल (ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर मनासा)

मृतक के परिजनों ने किसी पर आरोप नहीं लगाया है, मर्ग कायम कर लिया है, और जांच जारी है। जांच के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।- सोरभ शर्मा (थाना प्रभारी कुकड़ेश्वर)