BIG NEWS : 30 से 35 प्रतिशत फसल नुकसानी देकर किसानों के साथ धोखा, 119 करोड़ की सरकारी राहत, कांग्रेस जिलाध्यक्ष बाहेती ने उठाये सवाल, कहीं ये बड़ी बात, पढ़े खबर
30 से 35 प्रतिशत फसल नुकसानी देकर किसानों के साथ धोखा

नीमच। जिले में अतिवृष्टि और पीला मौजक रोग से 80-90 फीसदी नष्ट हो चुकी खरीफ की फसलों की नुक्सानी को शासन एवं जिला प्रशासन ने सिर्फ 35 से 50 फीसदी का आंकलन कर जिले के किसानों के साथ बड़ा धोखा किया है। प्रदेश की भाजपा सरकार ने 119 करोड़ की राहत राशि नीमच जिले को जारी करने का दावा किया है, जबकि जिले में नुकसानी के हिसाब से लगभग 300 करोड़ का मुआवजा मिलना था। प्रदेश सरकार ने सिर्फ 35-40 फीसदी की नुक्सानी मान कर 8500 रु प्रति हेक्टेयर की नुकसानी दे रही जों बिलकुल नाकाफी है। जिला प्रशासन का मुआवजा देने के आंकड़ों का खेल अजब है। जिस सिंगोली तहसील में इस वर्ष जिले में सबसे ज्यादा लगभग 50 इंच बारिश हुई वहां सिर्फ एक गांव के 29 किसानों को ही मुआवजा दिया गया जो समझ से परे है।
जिला कांग्रेस अध्यक्ष तरुण बाहेती ने ख़राब फसलों की मुआवजा नीति पर सवाल करते हुए कहा की इस वर्ष की तरह ही बारिश की स्थिति 2019 में भी थी उस वर्ष भी फसले खराब हो गई लेकिन अभी की 119 करोड़ रु की तुलना में 2019 में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने 51 प्रतिशत से अधिक फसल नुकसान को मान नीमच जिले में 242 करोड़ से अधिक की मुआवजा राशि स्वीकृत की थी। अभी की मुआवजा राशि से जिले का किसान अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष बाहेती ने मन्दसौर जिले के 265 करोड़ की राशि पर नीमच जिले के तीनों विधायकों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा की नीमच जावद मनासा के विधायकों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पूरी फैसले नष्ट होने की बात कही थी यह लेकिन मुआवजा तो बहुत कम मिला है तो इन विधायकों के पत्र के क्या मायने रहें है। बाहेती ने कहा कि नीमच जिले में कम से कम 300 करोड़ का मुआवजा दिया जाना चाहियें था। वर्तमान का मुआवजा तो किसानों का खर्च का आधा भी नहीं है।
बाहेती ने दावा किया की जिले में पटवारीयों की रिपोर्ट के अनुसार तो 70 फीसदी से अधिक का नुकसान बताया गया था जिसके अंतर्गत 17 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर मुआवजा मिलना था लेकिन जिला प्रशासन ने अंतिम रिपोर्ट में नुकसान कम कर दिया। यह रिपोर्ट विधायकों की जानकारी के बगैर नहीं बन सकती है लेकिन जिले के विधायक भी किसानों का मजबूती से पक्ष नहीं रख पाए और जिला प्रशासन पर कोई दबाव नहीं बना सके जिसके फलस्वरूप किसानों को बहुत कम मुआवजा मिला है। अब विधायक फसल बीमा और भावंतर राशि का गुणगान कर किसानों को बरगलाने में लगे हैं।
उन्होंने कहा कि नीमच जिले में सोयाबीन सहित खरीफ की फसलों की नुकसानी को लेकर किसान लगातार सरकार से मुआवजा देने की मांग कर रहे थे। कांग्रेस ने और जिले के किसानों ने इस वर्ष नुक्सानी के हिसाब से वर्ष 2019 की तर्ज पर फसलों में 100 प्रतिशत नुकसानी मान कर बगैर सर्वे मुआवजा देने की मांग की थी, लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार ने नीमच जिले में फसल नुकसानी दूसरे स्लैब में गिन कर सिर्फ 35-40 फीसदी ही मानी और 119 करोड़ की राहत जारी की है, जबकि इससे दो गुना अधिक राशि तो 2019 में तत्कालीन कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने किसानों के लिए स्वीकृत की थी, जिसमें 120 करोड़ रूपए तो तुरंत जारी किए थे और शेष राशि को ओर जारी किया जाता, उसके पहले ही षड़यंत्र पूर्वक कमलनाथ सरकार को गिरा दिया गया।
2019 की स्वीकृत बकाया राशि 122 करोड़ का भी भुगतान करें सरकार-
कांग्रेस जिलाध्यक्ष तरूण बाहेती ने किसानों को राहत देने के नाम प्रदेश की भाजपा सरकार पर झूठी वाहवाही लूटने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि 2019 में कांग्रेस सरकार गिराने के बाद प्रदेश की सत्ता में काबिज हुई भाजपा सरकार ने जिले के किसानों के स्वीकृत 242 करोड़ में से 122 करोड रुपए का भुगतान आज तक नहीं किया है। जबकि यह राशि स्वीकृत है जो बीते 6 सालों में किसानों को जारी नहीं की गई। बाहेती ने कहा की प्रदेश की मोहन यादव सरकार पहले किसानों की 2019 से बकाया 122 करोड़ का मय ब्याज के भुगतान करें।
मापदंड का खुलासा नहीं, छुपाई जा रही जानकारी- कांग्रेस आंदोलन की तैयारी करेगी-
कांग्रेस जिलाध्यक्ष तरूण बाहेती ने आरोप लगाया है कि भले ही प्रदेश की भाजपा सरकार नीमच जिले के किसानों को फसल नुकसानी पर 119 करोड़ रूपए की राहत राशि जारी करने का दावा कर रही है, लेकिन सरकार और प्रशासन ने यह खुलासा नहीं किया है कि राहत राशि जारी करने के मापदंड क्या है। इसके अलावा किस किसान को कितनी राशि जारी की गई, इसकी भी जानकारी छुपाई जा रही है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने कहा हालात यह है कि तहसीलदार से पूछो, तो वह कृषि विभाग का नाम ले रहे हैं और कृषि विभाग के अधिकारियों से पूछ रहे हैं, तो वह अपर कलेक्टर व राहत शाखा से जानकारी लेने की कह रहे हैं। इधर अपर कलेक्टर भी कुछ बताने को तैयार नहीं है। श्री बाहेती ने कहा कि जब भाजपा की सरकार जिले में किसानों को फसल नुकसानी की राहत के करोडो रूपए देने की बात कह रही है, पर किसान को किस मापदंड से कितनी राशि दी जा रही है, इसकी जानकारी छुपाते हुए कोई खुलासा नहीं किया जा रहा है। कांग्रेस जिला अध्यक्ष बाहेती ने कहा कि आगामी दो-तीन दिन में किसानों के खातों में कितना कितना मुआवजा राशि आई है कांग्रेस इसकी जानकारी लेकर एवं किसानों से मुलाक़ात कर जिले में उचित मुआवजा नहीं मिलने के विरोध में कांग्रेस आंदोलन करेगी।
सिंगोली तहसील में सर्वाधिक बारिश लेकिन मुआवजा सिर्फ एक गांव को-
जिला अध्यक्ष तरुण बाहेती ने कहा की कहा की मुआवजा नीति में जिला प्रशासन का आंकड़ों की खेल बिल्कुल अजब है। जिले की जिस सिंगोली तहसील में जहां इस वर्ष जिले में सर्वाधिक 50 इंच के लगभग बरसात हुई है। इस तहसील में सिर्फ एक गांव के 29 किसानों को ही नुकसान के लायक माना गया जो किसी के हजम होने लायक नहीं है। जबकि सिंगोली तहसील में भी अधिक बारिश से बहुत ज्यादा नुकसान है। जब इसी सिंगोली तहसील को 2019 की कमलनाथ सरकार ने 12648 किसानों को मुआवजा दिया गया था।