OMG ! सावधान, अगर आपके व्हाट्सएप्प पर आती है ये APK फाइल, तो भूलकर भी ना करें क्लिक, वरना मोबाइल का कंट्रोल होगा किसी और के पास, ये सब हो जाएगा हैक, नीमच पुलिस ने एडवॉयजरी की जारी, पढ़े खबर

अगर आपके व्हाट्सएप्प पर आती है ये APK फाइल

OMG ! सावधान, अगर आपके व्हाट्सएप्प पर आती है ये APK फाइल, तो भूलकर भी ना करें क्लिक, वरना मोबाइल का कंट्रोल होगा किसी और के पास, ये सब हो जाएगा हैक, नीमच पुलिस ने एडवॉयजरी की जारी, पढ़े खबर

नीमच। पिछले कुछ समय से एक विशेष प्रकार का अपराध देखने में आ रहा है। जिसमें सायबर अपराधी व्हाट्सएप्प, ईमेल, सोशल मिडीया के माध्यम से किसी न्युज एजेंसी, मोबाईल शॉप, किसी योजना की APK फाईल बैंकिंग एप, शॉपिंग एप आदि के नाम पर एक फिशिंग मॉलवेयर को प्रसारित कर रहे है। जैसे (base.apk, नीमच टाईम्स.apk, news.apk, shop.apk आदि)। पिड़ित व्यक्ति द्वारा उक्त मालवेयर एप को इन्स्टाल करते ही उक्त एप मोबाईल के फोटोज, लोकेशन, फोन एसएमएस केमरा आदि की परमिशन प्राप्त कर लेता है। 

उक्त एप को इन्स्टाल करते ही पीड़ित का मोबाईल साईबर अपराधी के नियत्रंण में आ जाता है। साईबर अपराधी द्वारा पीड़ित के मोबाईल नंबर से अन्य व्हाट्सएप्प का संचालन कर उक्त वाट्सएप से पीड़ित के परिचितों को भी उक्त मालवेयर एप को प्रसारित किया जाता है। साईबर अपराधी द्वारा पीड़ित के मोबाईल में उपलब्ध बैंकिंग संबंधित एप जैसे फोन-पे, गुगल पे आदि का उपयोग कर ठगी की जा रही है। उक्त मॉलवेयर एप से पीड़ीत के मोबाईल पर प्राप्त होने वाले एसएमएस आदि स्वतः ही साईबर अपराधी को फारवर्ड हो जाते है। उक्त साईबर अपराधी द्वारा ईमेल के माध्यम से भी ऑनलाईन फार्म के नाम पर भी उक्त मॉलवेयर एप को प्रसारित किया जा रहा है।

ये सावधानियां बरते- 

किसी भी एप को अधिकृत एप स्टोर (गुगल प्ले स्टोर एप्पल स्टोर आदि) से या किसी अधिकृत वैद्य वेबसाईट जैसे विश्वसनीय स्त्रोतों से ही डाउनलोड करें।

एसएमएम सोशल मिडीया संदेश, API या विज्ञापनों पर क्लिक करके किसी भी एप को डाउनलोड नहीं करें।

एप्लीकेशन इन्स्टाल करने के दौरान मोबाईल फोन की अनुमति देने में सतर्क रहें।

किसी भी एप को डाउनलोड करने से पहले उक्त एप के डेवलपर वेबसाईट पर एप के विवरण को ठीक से सत्यापित (Verify) करें।

अपने डिवायस में किसी अधिकृत कंपनी के एन्टी वॉयरस / एन्टी मॉलवेयर सॉफ्टवेयर का उपयोग करें।

डिवायस में इन्स्टाल एप्पलीकेशन को वेरिफाई करे एवं उपयोग में न आने वाली एवं अनजान एप्लीकेशन को अनइन्स्टॉल करें।

अज्ञात प्रेषकों से प्राप्त ईमेल अटैचमेन्ट / फार्म खोलने से बचें।

ईमेल पर कोई भी संवेदनीशल जानकारी साझा करने से बचें।

स्पैम ईमेल के अंदर उत्तर न दे या लिंक पर क्लिक न करें।

यदि आपके साथ कोई सायबर अपराध घटित होता है तो उसकी शिकायत अपने नजदीकी पुलिस थाने/सायबर सेल में या www.cybercrime.gov.in या Cyber Crime Help Line (Toll Free) नम्बर 1930 पर करें।