NEWS : एक पौधा मां के नाम अभियान, महिलाओं ने रौपे नीम, पीपल और आम के पौधे, बछ बारस पर की गौवंश की पूजा, पढ़े खबर
एक पौधा मां के नाम अभियान
नीमच। बछ बारस पर सुहागिन महिलाओं ने गौ माता की विशेष पूजा-अर्चना कर सुख समृद्धि की प्रार्थना की।महिलाओं ने अपने पुत्र की लंबी उम्र और परिवार की खुशहाली के लिए पर्व मनाया। इस दिन घरों में विशेष बाजरे व पीली मक्का की रोटी बनाकर अंकुरित अनाज की सब्जी बनाई गई साथ ही गाय का आकर्षक श्रृंगार कर विधि विधान से पूजा अर्चना की। महिलाओं ने बताया कि मान्यता अनुसार गाय की पूजा करने से परिवार में खुशहाली रहती है और पुत्र दीर्घायु होता है।
भारतीय सनातन संस्कृति में गौ सेवा का अत्यधिक महत्व है। श्री कृष्ण ने भी स्वयं ग्वालपाल चरवाह बन गौ पालन कर संसार को गौ सेवा का संदेश दिया है। पृथ्वी पर प्रकृति में विचरण करने वाले पशु पक्षियों की रक्षा का कर्तव्य देश के प्रत्येक नागरिक का है। मनुष्य को स्वस्थ शरीर के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है और ऑक्सीजन हमें हरे पेड़ पौधों से मिलती है इसलिए पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए अधिक से अधिक संख्या में औषधि वाले पौधे भी लगाना चाहिए जिससे एक पंथ दो काज हो सकते हैं पौधों से पर्यावरण शुद्ध रहेगा और औषधि से लोगों का उपचार हो सकता है।
हम पशु पक्षी जैसे मुक प्राणियों की वह सेवा करते हैं तो इसे प्रकृति का संतुलन बना रहता है और वातावरण शुद्ध रहता है। गाय के गोबर से खाद बनता है वह खाद फसलों में पौष्टिक आहार प्रदान करता है। यह बात जय गणेश परिवार की पहल जीव सेवा विकास अभियान की पावन श्रृंखला में एक पौधा मां के नाम के अभियान के पावन उपलक्ष्य में लेवडा स्थितश्री कृष्ण गोपाल गौशाला के परिसर में आयोजित पौधारोपण गौ माता पूजन कार्यक्रम में उपस्थित मातृशक्ति ने सामूहिक रूप से व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि इसके साथ साथ पौधों को पूरे वर्ष पर्यंत सिंचाई, खाद एवं कीटाणु लगने पर दवाई छिड़काव करने का संकल्प लिया। महिलाओं द्वारा शीघ्र ही और अन्य औषधि वाले पौधे भी लगाए जाएंगे। सनातन संस्कृति में पेड़ पौधों में भी देवी देवताओं का वास बताया गया है। इसलिए पेड़ पौधों की का पूजन भी किया जाता है।
गौमाता केवल पशु नहीं यह भारतीय संस्कृति सनातन संस्कृति है इसलिए वह माता को हिंदू समाज माता कहकर बुलाता है गायों में समस्त देवी देवताओं का निवास होता है। गौ माता का संरक्षण हमारा कर्तव्य व धर्म है। एक पौधा मां के नाम पर्यावरण अभियान के पावन उपलक्ष्य में मातृशक्ति ने आंवला नीम पीपल, बड, आम सहित विभिन्न औषधियों के पोधे लगाए ओर पौधों को संतान की तरह सिंचाई कर पालन करने का संकल्प लिया। गौशाला में पहुंचकर गौ माता का आरती पूजन किया गौ माता को हरी घास गुड खिला कर आशीर्वाद ग्रहण किया
इस अवसर पर जीव सेवा विकास अभियान की मातृशक्ति संयोजक श्रीमती कौशल्या काबरा के मार्गदर्शन में प्रेमलता मालू, प्रेम देवी, कृष्णा बाहेती, मंजू बाहेती, कोमल बाहेती, कला मुंदड़ा, कल्पना जैन, रेखा तोतला, वंदना मंत्री, निर्मला मंत्री, मंजू समदानी, शोभा तोतला, शिव कांता अजमेरा, तारा बाहेती, कांता अजमेरा, गीता अजमेरा, यशोदा अजमेरा, अनिता सिशोदिया, दिनेश मालवीय, सहित अन्य गौ सेवक उपस्थित थे।