BIG NEWS : इंदौर के हैदर शेख बने हरिनारायण, बोले- सनातन का ना कोई प्रारंभ, और ना कोई अंत, महाकाल की शरण में भी पहुंचे, अब कौन दें रहा धमकियां, पढ़े खबर

इंदौर के हैदर शेख बने हरिनारायण

BIG NEWS : इंदौर के हैदर शेख बने हरिनारायण, बोले- सनातन का ना कोई प्रारंभ, और ना कोई अंत, महाकाल की शरण में भी पहुंचे, अब कौन दें रहा धमकियां, पढ़े खबर

डेस्क। शहर के खजराना निवासी हैदर शेख धर्म परिवर्तन के बाद हरिनारायण शर्मा बने और बुधवार को हर (महाकाल) की शरण में पहुंचे। उन्होंने यहां बाबा महाकाल को अपनी सुरक्षा की अर्जी लगाई। बोले- बाबा अब आपका ही सहारा है। अपना आशीर्वाद हमेशा बनाए रखना। उन्होंने बताया कि, जब से मैंने हिन्दू धर्म अपनाया है, तब से मुझ पर लगातार हमले हो रहे हैं। धमकी मिल रही है कि, तुहारा और विश्व हिन्दू परिषद के संतोष शर्मा का गला काटकर सोशल मीडिया पर अपलोड करेंगे। 

उल्लेखनीय है कि, सनातन में आस्था के कारण इंदौर के खजराना गणेश मंदिर में 3 महिलाओं सहित 7 लोगों ने बीती 27 अप्रेल को धर्म परिवर्तन किया। हरिनारायण ने बताया कि मेरा शुरू से सनातन पर अटूट विश्वास था। यहां सभी का मान-सम्मान किया जाता है। इसलिए मैंने धर्म परिवर्तन नहीं, घर वापसी की। उनका कहना है कि, जबसे मैंने यह किया है, तब से मुझे विधर्मी लोग जान से मारने की धमकियां दे रहे हैं। 1 मई को मेरे घर पर अराजक तत्वों ने हमला भी किया था।

स्नेह-प्यार की भावना करती है प्रेरित- 

सनातन धर्म में स्नेह और प्यार की भावना है, वह सभी को प्रेरित करता है। एक न एक दिन सभी को सनातन धर्म को अपनाना होगा। सनातन धर्म के लिए हम कार्य कर रहे हैं, और आगे भी करते रहेंगे। अभी इंदौर में 7 लोगों ने घर वापसी की है। आगे और लोगों की घर वापसी होगी।

सनातन सदैव से है और सदैव रहेगा- 

हरिनारायण ने बताया कि, अन्य धर्म में जिस तरह की विचारधारा और मानसिकता है, उससे मुझे नफरत होने लगी है। सनातन धर्म जो सदैव से है, और सदैव रहेगा। इसका न कोई प्रारंभ है, और न कोई अंत। आज मैंने महाकाल के दरबार में शीश झुकाकर खुद को समर्पित किया। 

इस दौरान उनके साथ आए विश्व हिन्दू परिषद मालवा प्रांत के पदाधिकारी संतोष शर्मा ने बताया कि, धर्मान्तरण तो तब हुआ था, जब मुगलों ने जबरन मार-मारकर लोगों का धर्म परिवर्तन कराया था। इस बात से पीड़ित होकर अब घर वापसी की है। उन्होंने कहा सनातन में सभी धर्मों की जय कहा जाता है। सनातन ने किसी को जबरन धर्म में लाने का प्रयास नहीं किया।