NEWS: हजारों परिवारों को रेलवे ने दिया नोटिस, फिर फूटा आक्रोश, नगर पालिका के बाहर किया प्रदर्शन, सांसद के नाम सौंपा ज्ञापन, पढ़े बबलू यादव की खबर
हजारों परिवारों को रेलवे ने दिया नोटिस, फिर फूटा आक्रोश, नगर पालिका के बाहर किया प्रदर्शन, सांसद के नाम सौंपा ज्ञापन, पढ़े बबलू यादव की खबर
नागदा। बिरलाग्राम क्षेत्र की झुग्गी झोपड़ी में बसे अधिकांश परिवारो को रेल्वे ने नोटिस थमाकर जगह खाली करने को कहा। इस नोटिस से क्षेत्र के लगभग 15 हजार लोग प्रभावित होंगे। नोटिस का जवाब 7 से 15 दिवस में देने को कहा गया है। इसको लेकर सैकड़ो क्षेत्रवासियों ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य बसंत मालपानी के नेतृत्व में सोमवार को रेल्वे स्टेशन चौराहा से रैली निकालकर नगर पालिका भवन पहुंचकर सांसद अनिल फिरोजिया के नाम एक ज्ञापन सौपा। वहीं जिलाधीश व नगर पालिका अध्यक्ष को प्रतिलिपि दी।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि, नागदा के बिरलाग्राम क्षेत्र में लगभग 3 से 4 हजार झुग्गी झोपड़ी बनी हुई है। जहां पर लगभग दस से बारह हजार लोग पिछले 50 सालो से अधिक से निवास कर रहे है। पिछले कई सालो से भारतीय रेल्वे डिवीजन रतलाम द्वारा नोटिस भेजकर उक्त जमीन रेल्वे विभाग की बताकर वहां के रहवासियो से मकान खाली करने को कहा जा रहा है। रेल्वे उक्त मामले को रेल्वे न्यायालय में ले जा चुकी है। अब वहां के रहवासियों को रेल्वे न्यायालय द्वारा नोटिस दिये जा रहे है। जिसका व्यक्तिगत रूप से हर रहवासी को जवाब देने को कहा गया है। ज्ञापन के माध्यम से प्रश्न, सुझाव एवं मांगे भी की गई है ताकि जल्द से जल्द वहां के रहवासियों को वहीं पर अपने मकान का मालिकाना हक(पट्टै) मिल सके।
ज्ञापन में कहा गया कि उक्त क्षेत्र के रहवासी वहां पर पिछले 50 सालो से अधिक समय से निवास कर रहे है। अब चूंकि वे वहां पर लाखो रूपया खर्च कर अपना मकान व अन्य सुविधाएं जुटा चुके है तो अब बेदखली का नोटिस रेल्वे द्वारा क्यों दिया जा रहा है ? उक्त क्षेत्र में नगर पालिका परिषद नागदा यानि कि राज्य शासन कई मुलभूत सुविधाएं जैसे सड़क, पानी, बिजली मुहैया करवा चुकी है तो इस मान से तो उक्त भूमि राज्य शासन की होना चाहिये। तो क्यों केन्द्र सरकार की रेल्वे विभाग वहां के रहवासियों को बेदखली का नोटिस दे रहा है...?
ज्ञापन में मांग की गई है कि उक्त क्षेत्र का संयुक्त रूप से राज्य शासन व केन्द्र शासन मिलकर सीमांकन करवाए। वही उक्त रहवासी क्षेत्र की जमीन राज्य शासन की हो तो तत्काल राज्य शासन वहां के रहवासियों को पट्टा देकर मालिकाना हक दे। अगर उक्त रहवासी क्षेत्र की जमीन केन्द्र सरकार अर्थात् रेल्वे विभाग की निकले तो राज्य शासन अन्य गैर रहवासी क्षेत्र की अपने स्वामित्व की जमीन रेल्वे विभाग को देकर बिरलग्राम टापरी क्षेत्र जिसे रेल्वे अपनी बता रहा है राज्य शासन अपने स्वामित्व की करवाए अर्थात् जमीन का विनिमय कर उक्त स्थान का पट्टा प्रत्येक रहवासियो को दे।
ज्ञापन में चेतावनी दी गई कि इस संबंध में कार्यवाही कर क्षेत्रवासियों को राहत दिलाई जाए और की गई कार्यवाही को 15 दिवस में सार्वजनिक करे अन्यथा राज्य शासन एवं केन्द्र शासन के खिलाफ नगरहित में उग्र आंदोलन किया जायेगा।
इस मौके पर श्री मालपानी ने कहा कि ग्रेसिम उद्योग द्वारा कई लोगो से रिटायरमेन्ट के अवसर पर हिसाब देने के समय टापरी वापस ना देने पर पैसे काटे गये। तो ये जमीन ग्रेसिम की है, या रेल्वे की। श्री मालपानी ने आरोप लगाया है कि कुछ भु माफिया उद्योग व रेल्वे के साथ षडयंत्र कर 15000 लोगो का आशियाना छिनना चाहते है जिसे किसी भी किमत पर सफल नहीं होने दिया जायेगा।
प्रदर्शन में जुम्मन खां, अशोक परांजपे, लोकेन्द्र ठाकुर, श्रवण सोलंकी, दुर्गेश साहनी, मनोज साहनी, जुगल किशोर जग्गा, सतीश मालवीय, राज परमार, बंशी पंत, माधुरी सोनी, जया बघेल, अर्चना प्रजापति, उमा परिहार, कौशल्या परिहार, पुनम त्रिपाठी सहित सैकडो जन उपस्थित थे। ज्ञापन सांसद प्रतिनिधि पार्षद प्रकाश जैन को सौपा गया।