BIG NEWS : नीमच में यहां निकला आठ फीट लंबा सांप, क्षेत्रवासियों में मचा हड़कंप, फिर रजाक चाचा पहुंचे मौके पर, और दिखाया जलवा, स्नेक को पकड़ने के बाद जंगल में‌ छोड़ा, पढ़े खबर

नीमच में यहां निकला आठ फीट लंबा सांप

BIG NEWS : नीमच में यहां निकला आठ फीट लंबा सांप, क्षेत्रवासियों में मचा हड़कंप, फिर रजाक चाचा पहुंचे मौके पर, और दिखाया जलवा, स्नेक को पकड़ने के बाद जंगल में‌ छोड़ा, पढ़े खबर

नीमच। शहर के स्कीम नंबर.01 सेंट्रल बैंक के पास रहवासी क्षेत्र में जिनेंद्र डोसी के मकान के पास शनिवार को लगभग 8 फीट लंबा अजगर की तरह दिखाई देने वाले सांप को सुनीता डोसी ने देखा और परिवारजनों को सूचित किया। घटना स्थल पर चिकित्सक संदीप वर्मा पहुंचे और उन्होंने सर्प पकड़ने में विशेषज्ञ सेवाभावी जन सेवक ‌रजाक चाचा को फोन पर सूचना दी और बाद में बाइक पर उन्हें बघाना से घटना स्थल लाया गया। कक्षा छठी तक अध्यनरत रजाक चाचा‌ द्वारा सांप को पकड़कर कट्टे में बंद कर रस्सी बांधी गई और क्षेत्रवासियों को सुरक्षा प्रदान करने में सहयोग अपना अहम सहयोग दिया। 

सर्प पकड़ने के विशेषज्ञ अब्दुल रजाक चाचा ने बताया कि, सांप के आंखें होती है पलक नहीं होती है। सांप की आंखें 24 घंटे खुली ही रहती है। कान नहीं होते वह बहरा होता है। कंपन गति से वह दूसरे प्राणियों जीव जंतुओं और इंसानों को पहचानता है। सांप वर्षा ऋतु में चूहे और मेंढक खाने के लिए नगर की तरफ आता है। किसी भी सर्प को पकड़ने से पहले उसकी प्रजाति को समझना आवश्यक होता है। मैंने अपने जीवनकाल में हजारों सर्प पड़कर जंगल में छोड़े है, लेकिन कभी भी सर्प को मारने की नहीं सोचा है। सांप को पकड़ने से पूर्व शंकर भगवान और अन्य आयत पढ़कर अपने गुरु का ध्यान लगाया जाता है। 

10 वर्ष की आयु में राजस्थान के दोसा नगर में मुर्शीद नगर निवासी बब्बू मियां से गुरु दीक्षा प्राप्त की थी। तभी से निरंतर 60 वर्षों तक अनेक सांप को पड़कर जंगल में छोड़ने का सेवा कार्य किया है। सांप पकड़ने से जो भी उपहार राशि मिलती है, उसे राशि से दान पुण्य में सहयोग किया जाता है। पूर्व में भी मनोहर कच्छावा के साथ मिलकर लावारिस लाश के अंतिम संस्कार में भी इस राशि का योगदान प्रदान किया जाता था। सांप के काटने के इलाज के लिए दवा निःशुल्क प्रदान की जाती है। गुरु दीक्षा के बाद मैंने जीवन पर्यंत शाकाहार का पालन किया है, कभी भी मांसाहार का उपयोग नहीं किया है। प्रति सोमवार का अखण्ड‌ जीवन पर्यन्त उपवास व्रत करना चाहिए।