BIG NEWS : विद्युत कंपनी के स्मार्ट मीटर दिखा रहे कमाल, तीन गुना अधिक बिल, जनता में आक्रोश, कांग्रेस नेता तरूण बाहेती ने उठाया मुद्दा, इन पर लगाए आरोप, पढ़े खबर
विद्युत कंपनी के स्मार्ट मीटर दिखा रहे कमाल
नीमच। बिजली कंपनी द्वारा घर-घर लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को कमाल दिखाने लगे हैं। स्मार्ट मीटर लगने के बाद खपत का आंकड़ा तीन गुना बढ गया है। अधिक विद्युत बिल आने से उपभोक्ता परेशान है, पर उनकी बिजली कंपनी के अधिकारी सुनवाई करने को तैयार नहीं है। हालात यह है कि जिन उपभोक्ताओं को साल 2023 में जून माह की प्रचंड गर्मी में अधिकाधिक बिजली का उपयोग करने के बाद भी 1-2 हजार रूपए के बिजली मिले थे, उन्हें इस बार स्मार्ट मीटर लगाने के बाद जून 2024 में उपयोग की गई बिजली की खपत के बिल 4-5 हजार रूपए से अधिक मिले हैं, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं की जेब पर तीन गुना भार अधिक बढ गया है।
यह मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस नेता व जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती ने आरोप लगाया कि स्मार्ट मीटर भाजपा सरकार की जनता के जेब से वसूली करने की सोची समझी साजिश है। स्मार्ट मीटर से मध्यम वर्ग के परिवारों का बजट बिगड़ गया है। जिन घरों में किसी प्रकार का एसी या गीजर नहीं है उनके बिल भी 4 से 5 हजार रूपये तक आ रहे है। झुग्गी बस्तियों में भी 2 हजार का बिजली बिल आम बात हो गया है। बाहेती ने कहा कि अभी स्मार्ट मीटर सिर्फ शहरी क्षेत्र में लगे हैं अब विद्युत् कम्पनी ग्रामीण क्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी कर रही है जिससे ग्रामीण क्षेत्र में भी असंतोष बढ़ेगा।
बाहेती ने आरोप लगाया की स्मार्ट मीटर लगाने का मुख्य उद्देश्य विद्युत उपभोक्ताओं को मिलने सब्सिडी को खत्म करना है। उन्होंने बताया कि पहले उपभोक्ताओं को विद्युत बिल मिलते हैं, जिनका भुगतान वह एमपीईबी के काउंटर पर जाकर कर देते थे, पर आनलाईन बिल भुगतान करने की व्यवस्था के नाम बिजली कंपनी ने उपभोक्ताओं को बिल देना ही बंद कर दिया है। अगर किसी उपभोक्ताओं को बिल देखना है, तो वह बिजली कंपनी की साईड पर जाए, वहां से बिल डाउनलोड करें और देखे कि उसके घर पर कितनी बिजली की खपत हुई है, जिसमें सिर्फ रिडिंग, सरचार्ज, मीटर चार्ज, अनुदान की जानकारी के साथ यह लिखा रहता है कि कितना बिजली का बिल है और कब जमा करने की अंतिम तारिख है, लेकिन आनलाईन डाउनलोड करने वाले बिजली बिल में कहीं भी यह नहीं लिखा रहता है कि बिजली कंपनी पर यूनिट बिजली की राशि कितनी वसूल रही है और कितने यूनिट तक सब्सिडी है और कितने यूनिट के बाद प्रति यूनिट इतना भुगतान करना होगा, जबकि पूर्व में घर-घर वितरित होने वाले बिजली बिल में यह उल्लेख रहता था।
स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं की जेब खाली करने की योजना-
बाहेती ने आरोप लगाया कि ऐसा लगाता है कि स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं की जेब खाली करने की योजना अंतर्गत लगाए जा रहे हैं। स्थिति यह है कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद किसी उपभोक्ता के 3 गुना तो किसी को 4 गुना अधिक खपत के आनलाईन बिल भेजे गए है। अधिक बिल आने पर उपभोक्ता एमपीईबी कार्यालय पहुंच रहे हैं, तो उन्हें अधिकारी उचित जवाब नहीं दे पा रहे हैं और बिल की कॉपी माँगने पर प्रिंटर के कागज खत्म होने का बहाना बनाकर बिजली कंपनी की साइड से बिल डाउनलोड कर के भी नहीं दिए जा रहे हैं, जिसके मामले लगातार सामने आ रहे हैं।
बिल जमा नहीं होने पर दूसरे दिन काट देते हैं कनेक्शन-
जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती ने आरोप लगाए कि स्मार्ट लगने के बाद हालात ये हो चुके हैं कि अगर 5 हजार से अधिक के बिल वाले उपभोक्ता अंतिम तारिख निकलने के दूसरे दिन तक बिजली बिल जमा नहीं कर पाते हैं, तो सीधे इंदौर से बिजली बंद कर दी जाती है, वह भी शाम के समय। ऐसे में उपभोक्ता और उसके परिवार को पूरी रात अंधेरे में निकालना पड़ती है और सुबह बिल जमा करने बिजली चालू होती है। श्री बाहेती ने कहा कि पूर्व में अगर किसी उपभोक्ता के अधिक बिजली बिल आता था, तो बिजली कंपनी उपभोक्ता को 2-3 किश्त में बकाया बिल जमा कराने की सुविधा देती थी, लेकिन अब अधिक बिल आने पर किश्त करने की सुविधा बंद कर दी गई है। अगर किसी गरीब उपभोक्ता के 10 हजार का बिल आ गया है, तो उसे एक मुश्त जमा कराना है, अन्यथा बिजली कट जाती है।
एक परिसर में नहीं दे रहे हैं पृथक-पृथक कनेक्शन-
बाहेती ने कहा कि मप्र शासन ऊर्जा विभाग के स्पष्ट आदेश है कि विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर, भोपाल, इंदौर के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में एक ही परिसर में निवासरत परिवारों को पृथक-पृथक बिजली कनेक्शन दें, पश्चिम क्षेत्र बिजली कंपनी इंदौर के अंतर्गत आने वाले नीमच जिले में बिजली कंपनी के अधिकारी आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं, जबकि आदेश विशेष कर्तव्य अधिकारी मप्र शासन ऊर्जा विभाग व्हीके गौड़ की ओर से 3 जून 2024 को जारी किया गया है। श्री बाहेती ने कहा कि भाजपा के शासन में बिजली उपभोक्ताओं के साथ स्मार्ट मीटर लगाने के बाद वसूली शुरू हो चुकी है।
तूफानी गति से मीटर चेंज पर ट्रांसफार्मर एक माह तक नहीं-
सरकारी एक तरफ लाडली बहन की राशि देने का ढिंढोरा पीट रही है वहीं अधिक बिल देकर जनता की दूसरी जेब से लाडली बहनों का पैसा वापस वसूल रही है। विद्युत कंपनी पैसा वसूलने के लिए तूफानी गति से शहर में स्मार्ट मीटर बदल रही है लेकिन आम जनता एवं किसानों को सिंचाई के लिए ट्रांसफार्मर एक एक महीने तक नहीं देती। बाहेती ने कहा की स्मार्ट मीटर से जनता में जबरदस्त जन आक्रोश फ़ैल रहा है। बाहेती ने कहा की स्मार्ट मीटर की सच्चाई जानने एवं बेवजह अधिक बिजली बिलों के विरोध में शीघ्र कांग्रेस आम जनता के साथ सड़क पर उतरेगी।