NEWS : स्वच्छता सेवा पखवाड़ा, कुकडेश्वर में स्कूल प्राचार्य और संचालक की कार्यशाला संपन्न, सेनेटरी पेड निप्टान के लिए बताई इंन्शीलेटर मशीन, पढ़े खबर

स्वच्छता सेवा पखवाड़ा

NEWS : स्वच्छता सेवा पखवाड़ा, कुकडेश्वर में स्कूल प्राचार्य और संचालक की कार्यशाला संपन्न, सेनेटरी पेड निप्टान के लिए बताई इंन्शीलेटर मशीन, पढ़े खबर

कुकडेश्वर। स्वच्छ भारत मिशन में स्कूल की सहभागीता हो। 17 से 2 अक्टूबर तक स्वच्छता पखवाड़ा अंतर्गत भी स्कूल में विभिन्न गतिविधियों की जाना है। तैयारियों के संबंध में नगर परिषद कुकडेश्वर में सभी शासकीय एवं निजी स्कूल संचालक मण्डल एवं प्राचार्यगण की कार्यशाला का आयोजन किया गया। स्कूलो में शौचालय की पर्याप्त व्यवस्था हो। मुख्य नगर पालिका अधिकारी कमलसिंह परमार ने संचालन से प्राप्त गाइड लाइन की जानकारी दी और स्वच्छता नोडल ऐश्वर्य नागदा ने प्रजटेशन दिया। 

नागदा ने बताया इस बार स्कूलों पर संचनालय द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है। विडियों कॉन्फ्रेंस के माध्यम से स्कूल के शौचालयों का निरीक्षण भी किया जा रहा है। पिछले सप्ताह कुकडेश्वर में मेडम क्यूरी स्कूल की व्यवस्थाएं आयुक्त, कमिश्नर एवं अन्य उच्च अधिकारियों द्वारा देखी गई और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इसलिए सभी स्कूलों को अपने अपने स्कूल के शौचालय को सर्व सुविधा युक्त बनाना है। 100 बच्चों पर एक शौचालय होना आवश्यक है। छात्र-छात्राओं के लिए अलग से शौचालय की व्यवस्था हो। सभी शौचालय में औजारदान की व्यवस्था हो। शौचालय में दुरबिन, हेंडवाश, डस्टबीन, फीनाइल की गोलिया रखी हो। छात्राओं के लिए सेनेटरी पेड़ की व्यवस्था हो और सेनेटरी पेड को नष्ट करने के लिए इन्शीलेटर मशीन भी हो। इस पर सभी इंन्शीलेटर मशीन भी बताई गई और उसमें किस तरह सेनेटरी पेड को नष्ट किया जाता है यह भी बताया गया। सभी क्लास में डस्टबीन अनिवार्य रूप से हो। 

कम्पसोस्ट पीट का हो निर्माण- 

स्कूल में कम्पोस्ट पीठ का निर्माण हो। ताकि बच्चों का बचा खाना, सब्जी, चायपत्ती, फूलमाला उसमें डालकर जैविक खाद बनाया जा सकता है। कम्पोस्ट में बनाया जैविक खाद आप स्कूल में पौधारोपण में भी उपयोग कर सकते है। पक्का निर्माण की बजाय आप वेस्ट से बेस्ट का उपयोग कर जैसे मटका, ड्रम आदि का उपयोग कर भी कम्पोस्ट पीट बना सकते है।

स्कूल बच्चों से जागरूकता-

नागरिक जुडाव से स्वच्छ भारत मिशन अभियान सफल होगा और स्कूल प्रशासन और बच्चों की सहभागीता हुई तो यह संभव है। एक बार बच्चा अपने माता पिता की बात नहीं मनेगा लेकिन स्कूल शिक्षक ने बताया तो वह उसका पालन करेगा। आज स्कूल संचालक एवं प्राचार्य की कार्यशाला की है। हम स्कूल में भी बच्चों से संवाद करेंगे और स्कूल स्तर पर कार्यशाला का आयोजन करेंगे। बच्चों को ट्रेचिंग ग्राउंड का भी निरीक्षण कराया जाएगा। कचरे से कलाकृति और वेस्ट से बेस्ट पर भी स्कूल में एक्टीवीटी की जाएगी