NEWS : लेखनी के धनी, क्राइम की खबरों के बादशाह, यूं चले जाना, दिल को गहरा आघात दे गया, पढ़े राजू नागदा ''दास्सा'' की कलम से

लेखनी के धनी

NEWS : लेखनी के धनी, क्राइम की खबरों के बादशाह, यूं चले जाना, दिल को गहरा आघात दे गया, पढ़े राजू नागदा ''दास्सा'' की कलम से

नीमच। जिले की पत्रकारिता में क्राइम की खबरों के जादूगर माने जाने वाले बड़े भाई स्व. श्री सुनील तंवर का एकाएक यूं चले जाना दिल को गहरा आघात दे गया। वैसे तो सुनील भाई मीडिया जगत में पहले से जमे हुए थे। सालों तक मैं अखबार में उनकी खबरें मय नाम के पढ़ता था। उस समय मैंने यह नहीं सोचा था कि आगे जाकर मुझे भी मीडिया से जुड़ने का अवसर मिलेगा। बाद में समय ने करवट ली और मैं भी पत्रकारिता से जुड़ गया। जब नई विधा पर मुझे काम करने का मौका मिला उस वक़्त अपराध से जुड़ी खबरें सुनील भाई ही लिख रहे थे। 

बाद में जब यह जिम्मेदारी मुझे मिली तो सुनील भाई की वरिष्ठता का लाभ भी मुझे मिला। जहां हम दोनों ने करीबन 14 साल का सफर साथ-साथ तय किया। इस दौरान कई बार सुनील भाई की और मेरी नोकझोक भी हुई। लेकिन यह भी उतना ही सच हैं कि शाम को नाराज होने के बाद दूसरे ही दिन जब मिलना होता था तो फिर प्यार से उसी तरह बात करते थे, जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो। वैसे ये नोकझोक भी सुनील भाई के मूड पर ही निर्भर करती थी। मूड ठीक होते ही फिर बोल देते थे, ये तो मेरा प्यारा छोटिया है।

जहां तक मेरा मानना है कि, सुनील भाई नाराज जरूर होते थे, लेकिन दिल के साफ थे। मेरे क्राइम रिपोर्टर बनने से पूर्व सुनील भाई का एक समय वो भी रहा, जिस समय उनकी पुलिस डायरी प्रसिद्ध थी। ऐसे समय में मेरा आपराधिक खबरों से जुड़ना बहुत कठिन था। ऐसे में नई विधा पर अखबार प्रबंधन एवं स्टॉफ का जो सहयोग मेरे साथ रहा, उसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। नई विधा और सुनील भाई के साथ जुड़ी कई यादें हमेशा याद रहेगी। बस ईश्वर से यहीं प्रार्थना करता हूं कि सुनील भाई को अपने श्री चरणों मे स्थान दें। 

सादर नमन... ॐ शांति