OMG ! बैंक लूटकर पैसों पर ऐश करने निकला, उसी के साथ हो गई लूट..! चौकाने वाली ये कहानी इंदौर शहर की, पढ़ेंगे तो आप भी रह जाएंगे दंग

बैंक लूटकर पैसों पर ऐश करने निकला

OMG ! बैंक लूटकर पैसों पर ऐश करने निकला, उसी के साथ हो गई लूट..! चौकाने वाली ये कहानी इंदौर शहर की, पढ़ेंगे तो आप भी रह जाएंगे दंग

डेस्क। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में स्थित पंजाब नेशनल बैंक से 6 लाख 64 हजार रुपए की लूट कर भागने वाला आरोपी अरुण सिंह शराब पीकर फरारी काट रहा था। आरोपी घर से 3 लाख रुपये लेकर भागा, लेकिन जब वो पुलिस की गिरफ्त में आया, तब उसके पास सिर्फ 45 हजार रुपए ही थे। पुलिस ने पकड़ा उस वक्त भी अरुण शराब के नशे में था। हालांकि, शराब के नशे का खुमार कम होने पर आरोपी ने पुलिस को बताया कि जब ई-रिक्शा से जा रहा था उसी रिक्शा वाले ने उसके पास रखी रकम लूट ली।

इंदौर पुलिस की टीम उसे वापस इंदौर ला रही है। मामले को लेकर डीसीपी जोन-2 अभिनय विश्वकर्मा के मुताबिक अरुणसिंह निवासी कालुआ तिलपुर बैंक लूटने के बाद झाबुआ टावर (ग्वालटोली) पहुंचा और संजय ट्रैवल्स की बस से आगरा जा पहुंचा। यहां से भी बस द्वारा शाहरा (मैनपुरी) में रहने वाली बहन सुषमा चौहान के घर गया। इस बीच आरोपी को इंटरनेट से पता चला कि पुलिस उसे तलाश रही है। अरुण सुषमा के घर से चाय पीकर खेत पर चला गया। गांव वालों ने उसको कॉल कर बता दिया कि सुषमा के घर भी पुलिस आ गई है। अरुण सिंह मोबाइल बंद कर फरार हो गया।

शराब के नशे में धुत खेत में सोता मिला- 

मामले की जांच में जुटी पुलिस ने शाहरा, कालुआ, फर्रुखाबाद, मैनपुरी, उभई, रुई और एटा में छापा मारा। आरोपी उत्तर प्रदेश के एटा जिले के ग्राम खिरिया में मामा बैजनाथ सिंह के बेटे राजेश के घर पर छिपा था। आरोपी ने यहां भी शराब पी और खेत में जाकर सो गया। पुलिस पहुंची तो नशे की हालत में धुत सोता मिला।

पुलिस को कर रहा गुमराह- 

तलाशी के दौरान अरुण सिंह के पास सिर्फ 45 हजार रुपए मिले। वो पुलिस को गुमराह कर रहा है। एसीपी कृष्णलाल चंदानी का कहना है कि आरोपी का जीजा बीमार है, उसका डायलिसिस होता है। इसलिए उसके इलाज के लिए भी रुपए की जरूरत पड़ रही थी।

सेना ने बर्खास्त किया तो इंदौर आ बसा आरोपी-

इंदौर के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया कि आरोपी अरुण सिंह ने पूछताछ में बताया- 1996 में राजपूत रेजिमेंट (फतेहगढ़) में भर्ती हुआ था। बीच में नौकरी छोड़ी और 1999 में बिहार रेजिमेंट (जम्मू) में भर्ती हो गया। वर्ष 2006 में बर्खास्त होने के बाद आरोपी बच्चों को लेकर इंदौर आ गया। शुरुआत में यूनियन बैंक, एसबीआई, ओरियंटल बैंक और ज्वेलरी शोरूम में गार्ड बना।