EXCLUSIVE : बेशकीमती जमीन खोदी, डंपरों में मिट्टी-मुरुम लोड, फिर रातों-रात बड़ा खेल, फॉरेस्ट क्षेत्र में एंट्री, और यहां से एग्जिट, नीमच जिले में अवैध खनन का बड़ा सिंडिकेट उजागर, कौन है माइनिंग माफिया...! पढ़े खबर
बेशकीमती जमीन खोदी, डंपरों में मिट्टी-मुरुम लोड

रिपोर्ट- अभिषेक शर्मा
नीमच। जिला कलेक्टर हिमांशु चंद्रा के निर्देश पर खनिज विभाग द्वारा अवैध उत्खनन और परिवहन के खिलाफ रोजाना ताबड़तोड़ कार्यवाही की जा रही है। विभागीय टीमें जिले के विभिन्न क्षेत्रों में दबिश देते हुए और सूचना मिलने पर बड़ी कार्यवाही को अंजाम दें रही है। जिसमें जप्त डंपर, ट्रैक्टर, जेसीबी और अन्य उपकरणों को जब्त कर संबंधित थानों में खड़े कराएं जा रहे है। लेकिन नीमच जिले का एक क्षेत्र ऐसा भी है। जहां से बड़ी मात्रा में अवैध खनन के काले कारोबार को अंजाम देते हुए एक बड़ा सिंडिकेट ऑपरेट किया जा रहा है, और इस बात की खबर जिला प्रशासन और खनिज विभाग को कानों कान नहीं है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नीमच जिले के रतनगढ़ थाना क्षेत्र में मौजूद किले का पिछला हिस्सा, गोराजी मंदिर के पीछे और बोरदिया गांव के क्षेत्र में बड़ी मात्रा में अवैध उत्खन्न के अवैध कारोबार को खनिज माफियाओं द्वारा अंजाम दिया जा रहा है। करीब एक महीने से इन क्षेत्रों में खुदाई करके मिट्टी और मुरूम को दुसरे क्षेत्रों में पहुंचाकर अवैध लाभ कमाया जा रहा है। यहां से मिट्टी और मुरूम का निकालकर ये खनन माफिया अब तक करोड़ों रूपये डकार चुके है।
बीते दिनों हुई कार्यवाही से कनेक्शन होने की संभावना...!
बीते गुरूवार को सिंगोली तहसीलदार की सूचना पर जिला खनिज विभाग ने क्षेत्र के ग्राम बाणदा में बड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया था। टीम ने अवैध खनन करते पांच डंपर और एक जेसीबी जप्त की थी। इस दौरान मिट्टी और मुरूम की खुदाई करने में राकेश धाकड़ का नाम सामने आया था।
हमारे सूत्र बताते है कि, यहीं माइनिंग माफिया राकेश धाकड़ रतनगढ़ किला क्षेत्र, गोराजी मंदिर के पास और बोरदिया में सरकारी जमीनों को खोदने का बड़ा सिडिंकैट चला रहा है, इसके नीचे काम करने वाले गुर्गे जेसीबी और पोकलेन जैसे कई हाईटैक उपकरणों की मदद से खुदाई करके मिट्टी और मुरूम निकाल रहे है, और डंपरों की मदद से एक से दुसरी जगह पहुंचा रहे है।
सूत्रों का कहना है कि, माइनिंग माफिया राकेश धाकड़ ने रतनगढ़ के इन क्षेत्रों में खुदाई करने के बाद चोरी की गई मिट्टी और मुरूम को भगवानपुरा गांव के मुकेश, कमलेश, देवीलाल और हरिशंकर के साथ ही और भी लोगों के निजी उपयोग के लिए पहुंचाई है। इसके किसी कों 50, किसी को 100 और किसी को 200-200 डंपर भी मिट्टी और मुरूम पहुंचा रखी है।
फाॅरेस्ट विभाग के क्षेत्र को बनाया अवैध परिवहन का जरिया-
सूत्रों की माने, तो माइनिंग माफिया राकेश धाकड़ और उसके गुर्गो ने फाॅरेस्ट विभाग के क्षेत्रों को अवैध परिवहन का जरियां बना लिया, मिट्टी और मुरूम भरवाने के बाद ये सभी डंपरों को फाॅरेस्ट विभाग के अधिन आने वाले रास्तों से चोरी-छूप्पे निकालते है, और कभी रातों-रात तो कभी दिन-दहाड़े उन्हें सौदा किए गए लोगों के ठिकाने पर पहुंचा देते। ऐसे में क्या यह मामला फाॅरेस्ट विभाग के अधिकारियों के संझान में भी नहीं है, यह भी एक बड़ा सवाल है...?
सूत्र यह भी बताते है कि, स्थानीय लोगों ने जब फाॅरेस्ट विभाग में पदस्थ निचले स्तर के कर्मचारियों से बातचीत की, तो उन्होनें इन अवैध खनन माफियाओं के पास अनुमति होने का हवाला दिया, और मामले पर पर्दा डालने के प्रयास किए।
जांच में हो सकता है बड़ा खुलासा...!
रतनगढ़ थाना क्षेत्र में मौजूद किले, गोराजी मंदिर और बोरदिया गांव के अलग-अलग क्षेत्रों से बड़े पैमाने पर मिट्टी और मुरूम चोरी का खेल लंबे समय से चल रहा है, लेकिन अब तक यह मामला जिला प्रशासन और खनिज विभाग के अधिकारियों से संझान में नहीं है। खनिज के माफिया यहां से मिट्टी और मुरूम चोरी करते हुए जमीन को तो खोखला कर ही रहे है, साथ ही शासन को लाखों रूपये का चुना लगा रहे है, जिससे शासन को बड़ी हानि हो रही है। अगर प्रशासनिक अधिकारी इस मामले की जांच-पड़ताल गंभीरता से करें, तो मामले से संबंधित खनिन माफियाओं के अलावा भी कई लोगों के नाम सामने आ सकते है।