NEWS: सेमली में कथा का पांचवा दिन, राम-सीता विवाह संपन्न, महिलाओं ने गाएं मंगल गीत, धूमधाम से मनाया उत्सव, पढ़े खबर
सेमली में कथा का पांचवा दिन
मल्हारगढ़। ग्राम सेमली थाना में आयोजित संगीतमय रामकथा के पांचवे दिन बाल संत सुधीर नागर आगर मालवा वाले ने कहा कि, भारत का धर्म अहिंसा का धर्म है। राम लक्ष्मण दोनों लोक कल्याण के लिए आये है। राज महलो में रहने के लिए नहीं आये है। ज़ब असुर शक्ति बढ़ती है, तो उनका नाश करना पड़ता है। इसलिए राम लक्ष्मण को गुरु वशिष्ठ उनके साथ ले गए। जहां उन्होंने असुर शक्तियो का नाश किया व जनकपुर गए, जहां सीता स्वयंवर हुआ।
राम कथा के दौरान बाल संत सुधीर नागर ने कहा कि, राजा जनक ने सीता के विवाह के लिए स्वयंवर रचाया। जिसमें यह शर्त रखी कि, जो राजा शिव जी के धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ा देगा। उसी के साथ वह अपनी पुत्री का विवाह करेंगे। सीता स्वयंवर में भाग लेने के लिए कई देश के राजा पहुंचे। लेकिन कोई धनुष को हिला तक न सका।
राजा जनक को चिंतित देख गुरु विश्वामित्र ने राम को आज्ञा दी कि, वह धनुष को उठाकर राजा जनक की चिन्ता और शंसय को दूर करें। जैसे ही प्रभु श्रीराम ने प्रत्यंचा चढ़ाने का प्रयास किया धनुष टूट गया। धनुष टूटते ही सीता ने भगवान राम के गले में जयमाला डाल दिया। इस प्रकार सीता जी का प्रभु श्रीराम से विवाह हो गया। राम विवाह सुनने के लिए पंडाल में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। महिलाओं ने बधाई और मंगलगीत गाकर उत्सव मनाया।