NEWS: 3 माह से वेतन को तरस रही रसोईया, अब शुरू किया विरोध प्रदर्शन, ज्ञापन भी सौंपा, इस दिन तक खाते में राशि नहीं आई राशि, तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की होगी शुरुवात, यहां दिखेंगे ताले, पढ़े खबर
3 माह से वेतन को तरस रही रसोईया
नीमच। प्रांतीय महिला स्व. सहायता समूह महासंघ मध्य प्रदेश मध्यान भोजन सांझा चूल्हा रसोईया संघ के तत्वावधान में शुक्रवार को महिलाओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मध्य प्रदेश शासन के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम एक ज्ञापन जिला कलेक्टर कार्यालय में सोंपा। हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन में बताया कि, 2018 की तरह अग्रीम राशि देने की दिनांक निश्चित करने की मांग की। एक शाला एक परिसर प्रथा को पूर्णता समाप्त कर योजना से लाभ नहीं हो रहा है, और बहनों का रोजगार छिन जा रहा है। केंद्र सरकार की जानकारी अनुसार स्वयं सहायता समूह को 100 प्रतिशत के मान से राशि प्राप्त की जाना चाहिए।
जिसमें 60 प्रतिशत केंद्र व 40 प्रतिशत राज्य सरकार राशि प्राप्त करती है, लेकिन विगत वर्षों से सिर्फ 60 प्रतिशत ही आवंटित कर जा रही है। जिस कारण मेनु अनुसार भोजन देने में कर्जदार बनना पड़ रहा है, स्व. सहायता समूह को हमारी मांग है कि, 100 प्रतिशत के मान से राशि खाद्य आमंत्रित कराई जाने की मांग की। आधुनिक युग में महंगाई के कारण प्रति विद्यार्थी भोजन पकाने की दर 5.45 पैसे की जगह रूपए 10 बढ़ाए जाने चाहिए।
खाद्यान्न 100 ग्राम की मात्रा से बढ़कर 200 ग्राम करने, इसी प्रकार माध्यमिक शाला में प्रति विद्यार्थी भोजन दर 8.17 पैसे की जगह रूपए 15 बढ़ाने एवं खाद्यान्न 150 ग्राम से बड़ा कर 300 ग्राम करने की मांग की। वर्तमान में जो पोस मशीन से फिंगर में स्व सहायता समूह को खाद्यान्न प्राप्त होता है। जिसमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है कभी फिंगर ना लगा, कभी पोस मशीन बंद हो जाती है, कभी सर्वर डाउन हो जाता है। इसके कारण बार-बार दुकान में जाना पड़ रहा है। साथी आवंटन जारी होने के समय बाद भी समय से खटिया नहीं पहुंचता है। जिसमें 60 प्रतिशत स्व सहायता समूह का खाद्यान्न लेप्स होने की समस्या भी उत्पन्न हो रही है।
संगठन ने मांग की है कि पूर्व की तरह पत्र के द्वारा खाद्यान्न प्राप्त होता था वह योजना लागू की जाए।महिला बाल विकास के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्र एवं शालाओं में संचालित स्वयं सहायता समूह एवं रसोई या बहनों को खाद्यान्न राशि तीन-चार माह तक प्राप्त नहीं होती है इसी कारण भोजन संचालन बाधित होता है,2018 के अनुरूप माह के प्रथम सप्ताह में आवंटन प्रदेश सुनिश्चित करने की मांग की गई।आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत रसोईया बहनों का रूपए 500 का मानदेय स्व सहायता समूह की राशि में से कटौती कर प्रदान की जाती है। रसोईया बहनों को राशि अलग से प्रदान की जाए ना कि स्वयं सहायता समूह की राशि में से वर्तमान में 500 दिए जाते हैं।
उसे बढ़ाकर ₹2000 करने की मांग की गई आंगनबाड़ी के लिए माननीय पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी ने घोषणा पत्र की थी कि अगस्त 2023 में जिसमें वचन दिया था कि आंगनबाड़ी केंद्रों में बहनों की राशि 500 से बढ़कर ₹1000 किए जाएंगे लेकिन अभी तक ऐसा हुआ नहीं है संगठन की मांग की पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी चौहान का मान रखते हैं उनके वचन का पालन करने के लिए 500 से बढ़कर ₹1000 करने की मांग की गई।उपरोक्त मांगों को जल्द से जल्द गंभीरता से पूरी करने की मांग की गई।
ज्ञापन सौंपने में समय जिला सचिव पिंकी शर्मा, गुड्डी बाई, रतन बाई, श्रीमती मंजू बाई, पुष्पा, इंदिरा बाई, मेंना ओझा, मुकेश सुरावत, यशोदा बाई रतनी बाई माली, आशा देवी, धापू बाई, सहित जिले की अनेक महिलाएं स्व सहायता समूह के रसोईया बड़ी संख्या में उपस्थित थीं। महिला बाल विकास प्रभारी ताराचंद मेहरा से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन बैठक में उनसे किसी कारण से संपर्क नहीं हो पाया।