NEWS : शानो शोकत के साथ मनाया जश्ने बाबा शहाबुद्दीन सरकार रह. अलैह, देश के मशहूर आलिमों ने की शिरकत, बड़ी संख्या में उमड़े अकीदमंत, पढ़े खबर

शानो शोकत के साथ मनाया जश्ने बाबा शहाबुद्दीन सरकार रह. अलैह

NEWS : शानो शोकत के साथ मनाया जश्ने बाबा शहाबुद्दीन सरकार रह. अलैह, देश के मशहूर आलिमों ने की शिरकत, बड़ी संख्या में उमड़े अकीदमंत, पढ़े खबर

नीमच। शहंशाहे मालवा हजरत बाबा शहाबुद्दीन सरकार रह. अलैह के आस्ताने पर एक दिवसीय जश्ने बाबा शहाबुद्दीन सरकार बड़े ही शानो शोकत के साथ मनाया। जिसमें देश के मशहूर आलिमों ने शिरकत की व समाजजनों को संबोधित किया। शनिवार सुबह बाबा साहब के आस्ताने पर कुरआन ख्वानी की गई उसके बाद चादर शरीफ पेश की गई, वहीं रात 10 बजे से कार्यक्रम शुरू हुआ जो देर रात तक चला। 

इस कार्यक्रम में मेहमाने खुसूसी के तौर पर हैदराबाद से तशरीफ लाये मशहूर आलिमे दीन हजरत अल्लामा मौलाना मोहम्मद अहमद नक्शबंदी साहब ने अपनी तकरीर पेश की और समाजजनों को संबोधित करते हुए कहा कि हिन्दूस्तान में सूफियों वलियों के आस्ताने क़ौमी एकता और सामाजिक सदभावना की विरासत हैं। हजरत ख्वाजा गरीब नवाज से लेकर देश भर के तमाम वलियों की शान और मर्तबे को बयान फरमाया। साथ ही उन्होंने कहा कि आज के दौर में मुस्लिम समाज को शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक तौर पर मजबूत होने की जरूरत है, उन्होंने कहा कि किसी भी समाज की तरक्की के लिये तालीम बुनियादी ढाँचा हैं, समाज को मज़बूत करना है तो अच्छी से अच्छी तालीम हासिल करें और समाज और देश की तरक्की में भागीदार बनें। 

उज्जैन के सुन्नी शहर काजी अलहाज हिदायतुल्लाह खान ने शंहशाहे मालवा हजरत बाबा शहाबुद्दीन सरकार रह. अलैह की शान में अपनी तकरीर पेश करते हुए कहा कि सरकार बाबा शहाबुद्दीन मालवांचल में क़ौमी एकता की मिसाल हैं, यहाँ हिन्दू मुस्लिम सभी धर्मों व समाजों के लोग अकीदत रखते हैं, यहाँ आते हैं और फेज़याब होते हैं। जश्ने शहाबुद्दीन सरकार का आयोजन चिराग मस्जिद इंतजामिया कमेटी के सदर मोहम्मद ज़ाहिद क़ादरी व अराकीने कमेटी ने किया जो हाफिज़ अबरार क़ादरी साहब की सदारत में हुआ जिसकी सरपरस्ती हाफिज़ मोहम्मद नियाज़ निज़ामी ने की। वहीं जिले भर के तमाम औलमाए किराम रौनके स्टेज रहे। 

कार्यक्रम की शुरूआत चिराग मस्जिद के पेश इमाम हाफिज मोहम्मद शोएब बरकाती ने तिलावते कुरआन से की उसके बाद मोहम्मद फैजल रज़ा अशरफी चित्तौड़गढ़, मोहम्मद सलमान रज़ा अशरफी चित्तौड़गढ़, मोहम्मद सुहैल रज़ा अशरफी चित्तौड़गढ़, व मोहम्मद शाहनवाज क़ादरी कपासन (राज.) ने नअ़तो मनक़बत पेश कर समाँ बाँध दिया। मेहमाने खुसूसी और तमाम आलिमों का इस्तकबाल दरगाह के सज्जादा नशीन और खादिम मोहम्मद फरीद क़ादरी, सदर मोहम्मद ज़ाहिद क़ादरी, मोहम्मद अनवर खान, हाजी मोहम्मद समद, मोहम्मद इमरान खान, मोहम्मद इमरान मंसूरी, मोहम्मद अमजद खान, मोहम्मद आरिफ शेख और अराकीने कमेटी ने किया। कार्यक्रम का संचालन हाफिज़ मोहम्मद हनीफ साहब ने किया वहीं आभार हाफिज अबरार शेख ने माना।