BIG NEWS: महानिदेशक-संचालक, लोक अभियोजन अन्वेष मंगलम ने की चिन्हित, जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरणों की समीक्षा, खराब प्रदर्शन करने वालो को मिला दंड, तो उत्कृष्ट कार्य करने वाले अभियोजक हुए प्रशंसित, पढ़े खबर

महानिदेशक-संचालक, लोक अभियोजन अन्वेष मंगलम ने की चिन्हित, जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरणों की समीक्षा, खराब प्रदर्शन करने वालो को मिला दंड, तो उत्कृष्ट कार्य करने वाले अभियोजक हुए प्रशंसित, पढ़े खबर

BIG NEWS: महानिदेशक-संचालक, लोक अभियोजन अन्वेष मंगलम ने की चिन्हित, जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरणों की समीक्षा, खराब प्रदर्शन करने वालो को मिला दंड, तो उत्कृष्ट कार्य करने वाले अभियोजक हुए प्रशंसित, पढ़े खबर

नीमच। महानिदेशक/संचालक, लोक अभियोजन, अन्वे्ष मंगलम द्वारा वर्ष 2021 में न्यायालय से निराकृत चिन्हित जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरणों की समीक्षा के दौरान खराब प्रदर्शन के लिये 2 अभियोजकों को निलंबित किया गया तथा 4 को ՙՙकारण बताओ नोटिस՚՚ जारी किये, वहीं 10 से ज्यादा अधिकारियों को उनके ՙՙउत्कृणष्टत प्रदर्शन՚՚ के लिये ՙՙप्रशंसा-पत्र՚՚ प्रदान किये गये। बैठक में प्रदेश भर के उप संचालक, अभियोजन/जिला अभियोजन अधिकारी/लोक अभियोजक/अपर लोक अभियोजक/सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारियों द्वारा भाग लिया गया। समीक्षा में कुल 700 प्रकरणों की जिलेवार समीक्षा की गयी।

समीक्षा में पाया गया कि रायसेन, शहडोल, मंडला, छतरपुर, रतलाम, नरंसिंहपुर, भोपाल, दतिया आदि जिलों का प्रदर्शन अच्छा रहा। यहां चिन्हित प्रकरणों में 80 प्रतिशत से अधिक सजा दर दर्ज की गयी। इसके विपरीत जिला शाजापुर, अलीराजपुर, मुरैना, दमोह, रीवा, अशोकनगर आदि में 50 प्रतिशत से भी कम दोषसिद्धि दर पर संचालक, लोक अभियोजन द्वारा अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए सभी जिलों को वर्ष 2022 में प्रदर्शन में सुधार का लक्ष्य् दिया गया।

समीक्षा के दौरान जिला अभियोजन अधिकारी अशोकनगर, अतुल शर्मा एवं सहायक जिला अभियोजन अधिकारी, सिलवानी, जिला रायसेन  राजेन्द्र वर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया। जिला अभियोजन अधिकारी, उमरिया, अकरम शेख, जिला अभियोजन अधिकारी, इंदौर, संजीव श्रीवास्तहव, जिला अभियोजन अधिकारी, उज्जैन, राजकुमार नेमा, उप संचालक (अभियोजन) अलीराजपुर, राजीव गरवाल, को ՙՙकारण बताओ नोटिस՚՚ जारी किया गया।

संचालक द्वारा सजा दर में वृद्धि के उपाय समझाते हुये पुलिस रेग्युललेशन के पैरा 518 एवं माननीय उच्चतम न्यायालय के ՙՙकिशन भाई՚՚ प्रकरण में दिेये निर्देशों के पालन में गंभीरता से स्क्रू्टनी करने, न्यायालय में आरोप निर्धारण के दौरान लिखित तर्क प्रस्तुत करने, न्यायालय ट्रायल में चालान प्रस्तुत करने से पूर्व विवेचक एवं थाना प्रभारी से परामर्श करने तथा न्यायालय से विचारण की तिथि प्राप्त होने पर समंस/वारंट की तामीली हेतु प्राप्त कर थाना प्रभारी को सौंपने को बतलाया। 

उन्होंने यह भी बताया कि प्रत्येक प्रकरण की दैनिक प्रगति की जानकारी पुलिस रेग्यु्लेशन पैरा 519 के पालन में जिले के पुलिस अधीक्षक को देवें। पैरवी अधिकारी के नियमित पेशी पर न आने की जानकारी दैनिक प्रतिवेदन के माध्यम से ही पुलिस अधीक्षक को सौंपें। माह में सभी दोषमुक्ति प्रकरणों को साक्ष्य एवं त्रुटि समीक्षा प्रतिवेदन के साथ जिला दण्डाधिकारी की अध्यक्षता की किशन भाई समिति के समक्ष रखने के निर्देश दिये। उन्होंने विश्वास प्रगट किया कि इन उपायों को अपनाये जाने से सजा दर में वृद्धि सुनिश्चित है। 

ज्ञातव्य है कि संचालक ने पृथक से ՙՙस्क्रूटनी՚՚ कार्य को ऑन-लाइन करने और इसके स्टैडर्ड फार्मेट तैयार करने के लिये पृथक से कार्यवाही प्रारम्भ् करते हुये अभियोजकों की समिति भी गठित की है। समिति अपना प्रतिवेदन 15 दिवस में प्रस्तुत करेगी। यह भी बताया गया कि, संचालनालय स्क्रूटनी के मानक प्रारूप तैयार किये जाने की दिशा में कार्य कर रहा है, जिससे गंभीर प्रकरणों में भी विधि अनुसार यथाशीघ्र साक्ष्य संग्रहण सुनिश्चित किया जा सके। संचालक ने निर्देश दिया कि अभियोजक का दायित्व पीड़ितों एवं अभियोजन गवाहों की सहायता करना है। अभियोजकों का आरोपी पक्ष से संपर्क एवं संवाद नहीं होना चाहिये।