NEWS : गौरव दिवस, शहीद स्मारक पर संस्थाओं ने अर्पित किए श्रद्धा सुमन, दी श्रद्धांजलि, शहीदों को किया याद, पढ़े खबर
गौरव दिवस
नीमच। नगर के गौरव दिवस 3 जून पर नगर की प्रमुख स्वयंसेवी संस्थाओं ने शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस अवसर पर इतिहास संकलन समिति के संयोजक एवं कार्यक्रम के सूत्रधार डॉ. सुरेंद्र शक्तावत में नीमच के इतिहास में 3 जून के महत्व को दर्शाते हुए गौरव दिवस के प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।
संस्कृत भारती के प्रांत न्यास सदस्य हरीश मंगल ने कहा कि, गौरव दिवस महत्वपूर्ण दिन है इसमें पूरे शहर की सहभागिता होना चाहिए। भारत विकास परिषद के प्रवीण अरोन्देकर ने कहा कि देश के लिए बलिदान होने वाले शहीदों की स्मृति इतिहास की वस्तु बनने के बजाय जीवंत होना चाहिए इसलिए गौरव दिवस का आयोजन महत्वपूर्ण है।
अभिव्यक्ति संस्था के संयोजक पारस पटवा ने शहीदों को याद करते हुए कहा कि, यह दिन इतिहास में महत्वपूर्ण इसलिए है कि पूरे मध्य प्रदेश की पहली गोली नीमच से चली थी। इसलिए इस दिन को गौरव दिवस के रूप में श्रद्धा के साथ मनाया जाना चाहिए। काव्य अध्यक्ष डॉ महिपाल सिंह चौहान ने आने वाले वर्षों में गौरव दिवस को व्यापक रूप से मनाने की अपील की। सुभाष सेना के पूर्व अध्यक्ष लोकेंद्र सिंह परिहार ने गौरव दिवस को क्रांतिकारियों की जीत का जश्न मानते हुए हर्षोल्लास से मनाने पर जोर दिया।
नीमच जिला प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष विष्णु परिहार ने गौरव दिवस को नीमच नगर के गर्व का विषय माना और कहा कि इस दिवस पर होने वाले रचनात्मक कार्यों में युवा पीढ़ी को जोड़ना चाहिए। अखिल भारतीय साहित्य परिषद के संयोजक ओम प्रकाश चौधरी ने 1857 की क्रांति पर सावरकर एवं कार्ल मार्क्स की पुस्तकों के हवाले से बताया कि सावरकर ने भी अपनी पुस्तक में नीमच की क्रांति का उल्लेख किया था। इसलिए 3 जून नीमच के इतिहास का स्वर्णिम पृष्ठ है।
पूर्व सैनिक सेवा परिषद के चतर सिंह गहलोत ने शहीदों को याद करते हुए कहा कि गौरव दिवस को व्यापक स्तर पर मनाने हेतु प्रयत्न किया जाना चाहिए। कार्यक्रम में कृति के कैलाश चंद्र बाहेती, सुरेंद्र यति, रामचंद्र प्रजापत,राजेंद्र गौड़,सुभाष शर्मा आदि अनेक समाज सेवी उपस्थित थे। सभी महानुभावों ने बलिदानों के कार्यों को याद करते हुए शहीद स्मारक पर पुष्प चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।