BIG NEWS: अभिमन्यु अभियान, बघाना पुलिस की विकास रथ यात्रा, खाकी को एकटुक निहारती मासूम, जब महिला S.I की पड़ी नजर, तो दिखा मातृशक्ति का स्वरुप, चंद मिनटों में खिल उठा बच्ची का चेहरा, फिर स्कूली विद्यार्थियों को भी दी ये अहम जानकारियां, पढ़े ये खबर

अभिमन्यु अभियान, बघाना पुलिस की विकास रथ यात्रा

BIG NEWS: अभिमन्यु अभियान, बघाना पुलिस की विकास रथ यात्रा, खाकी को एकटुक निहारती मासूम, जब महिला S.I की पड़ी नजर, तो दिखा मातृशक्ति का स्वरुप, चंद मिनटों में खिल उठा बच्ची का चेहरा, फिर स्कूली विद्यार्थियों को भी दी ये अहम जानकारियां, पढ़े ये खबर

नीमच। पुलिस मुख्यालय द्वारा चलाएं जा रहे अभिमन्यु अभियान के तहत प्रदेश में विभिन्न जिलों की पुलिस द्वारा अब मातृशक्ति के सम्मान में एक और कदम उठाया गया है। पुलिस की विभिन्न टुकड़ियों द्वारा अलग-अलग क्षेत्रों में विकास रथ यात्रा निकाली जा रही है। इसी क्रम में बघाना थाना पुलिस विकास रथ यात्रा के साथ शुक्रवार को ग्राम धनेरियाकलां रोड़ स्थित पटेल पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल पहुंची। इस दौरान अभिमन्यु अभियान के तहत 75 फार्म्स प्रश्नावली तैयार कर विधार्थियों को कई अहम जानकारियां दी गई। 

सामने आई बोलती तस्वीर, जो कुछ तो बयां करती है- 

बघाना थाना क्षेत्र में निकाली जा रही विकास यात्रा के दौरान एक ऐसी तस्वीर भी सामने आई, जो कुछ तो बयां करती है। यहां ड्यूटी के दौरान विकास रथ यात्रा में शामिल एक महिला सब इंस्पेक्टर में मातृशक्ति का एक स्वरूप दिखाई दिया। जी हां, हम बात कर रहे है बघाना थाने में पदस्थ महिला सब इंस्पेक्टर वंदना शाक्यवार की। 

दरअसल, विकास रथ यात्रा के दौरान एक मासूंम सी बालिका सड़क पर आ गई, और पुलिस अधिकारियों को एकटूक निगाह से देखने लगी। इस पर यात्रा में मौजूद एसआई वंदना शाक्यवार की नजर जैसे ही बच्ची पर पड़ी, तो उन्होंने तुरंत उसे गोद में उठाया, और दुलार करने के साथ काफी देर तक अपने साथ ही रखा। ऐसे में पुलिस का एक मानवीय रूप भी सामने आ गया, जो कि बाहर से सख्त, और अंदर से मोम की तरह नजर है। 

पुलिस का यह संदेश- 

दरअसल, पुलिस युवाओं और पुरूषों को जागरूक करने के लक्ष्य से यह विकास यात्रा निकाल रहीं है। उदाहरण के तौर पर यदि किसी बस में सफर करते समय यदि महिला खड़ी है, और कोई पुरूष सीट पर बैठा है, तो आत्मिय भावना के तहत पुरूष बस में खड़ी महिला को अपनी सीट देवें, और सम्मान की एक मिसाल पेश करें। कुल मिलाकर मातृ शक्ति के सम्मान में सभी पुरूषों और युवाओं को आगे आना चाहिएं।