BIG NEWS : धानुका प्लांट हादसा, बूझ गया घर का चिराग ''सरफराज'', अस्पताल में तोड़ा दम,सुरक्षा मानकों पर नही ध्यान प्रबंधन का,ऊंचे रसूख में दबे कई मामले, आखिर कब लेगा सुध प्रशासन,क्या अब होगी कोई कार्यवाही,या फिर मिलेगी छूट....! पढ़े ये खबर

धानुका प्लांट हादसा, बूझ गया घर का चिराग ''सरफराज''

BIG NEWS : धानुका प्लांट हादसा, बूझ गया घर का चिराग ''सरफराज'', अस्पताल में तोड़ा दम,सुरक्षा मानकों पर नही ध्यान प्रबंधन का,ऊंचे रसूख में दबे कई मामले, आखिर कब लेगा सुध प्रशासन,क्या अब होगी कोई कार्यवाही,या फिर मिलेगी छूट....! पढ़े ये खबर

नीमच। झांझरवाड़ा रोड़ पर मौजूद धानुका प्लांट में हुए एक भीषण हादसे का खामियाजा एक युवक के परिवार को भुगतना पड़ा है। हादसे में झुलसे तीन मजदूरों में से एक युवक की इंदौर शहर के एक अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई, जिसका पीएम भी वहीं हुआ। 

गौरतलब है कि, बीती 26 अक्टूबर को धानुका बॉयोटेक प्रा.ली प्लांट में एक भीषण हादसा होने की खबर सामने आई, जिससे लोग हैरत में पड़ गए, इस प्लांट में ही मौजूद किसी मिलिंग स्टेशन यानीं चक्की वाले क्षेत्र में आगजनी जैसी भयावाह घटना हुई। जिसमे मुकेश मालवीय पिता बाबूलाल निवासी पिपलियामंडी, बसंतीलाल पिता मुन्नालाल निवासी अरनिया चंदेल और सरफराज पिता बाबू खां निवासी सरवानिया महाराज बूरी तरह झुलस गए थे।

हादसे के बाद प्लांट में अफरा-तफरी मच गई, और यहां का प्रबंधन दौड़ लगाते हुए मजदूरों को लेकर तत्काल झानोदय मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने झुलसे तीनों मजदूरों का उपचार भी किया, लेकिन इन्हीं में से एक सरफराज नाम के युवक को गंभीर हालत में इंदौर रैफर कर दिया, और यहां के ही अस्पताल में आज सरफराज ने तड़पते हुए दम तोड़ दिया। 

नहीं थमते हादसे, कई बार हुई घटनाएं- 

पसीना बहाकर अपने परिवार का पेट पालने वाले सरफराज की प्लांट में हुए भीषण हादसे में मौत हो गई, जिससे मृतक के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। लेकिन धानुका के प्लांट में इस तरह की घटना पहली बार नहीं हुई। पूर्व में भी धानुका प्लांट में  घटनाएं सामने आई, लेकिन फैक्ट्री प्रबंधन केवल खानापूर्ति व इतिश्री कर लेते है ! सुरक्षा, मजदूर आदि मापदंडों की प्लांट में धज्जियां उड़ाई जाती है।

जब बीती 26 अक्टूबर को भी इस फैक्ट्री में हादसा हुआ, तो उसे लेकर कई तरह की कहानियां यहां बनाई गई, जबकि हादसा सुरक्षा की कमियों के चलते होने की बात सुत्रों के हवाले से सामने आई। ऐसे में प्रबंधन प्लांट के संचालन के नियमों की धज्जियां ही उड़ा रहें है। जिस दिन यह हादसा हुआ, और प्लांट संचालक कैलाश धानुका से चर्चा की गई थी, तो उनका कहना था कि, वे शहर से बाहर है, लेकिन फायर की घटना होने की बात कहीं, और इसे भी उन्होंने मामूली घटनाक्रम बताया था, जो सरफराज की जान ले गया। 

मृतक सरफराज का पीएम इंदौर के उसी अस्पताल में हुआ, जहां उसने दम तोड़ा। ऐसे में वहां से मर्ग बघाना थाने पहुंचेगा। जिसके आधार पर पुलिस एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू करेगी। बताया जा रहा है कि, इस बार प्लांट की लापरवाही उजागर हो सकती है, और जिस हादसे में सरफराज की मौत हुई है, उससे जुड़े लोगों पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा भी दर्ज हो सकता है...!