BIG NEWS: पार्षद की खत्म, तो अब अध्यक्ष की दौड़ शुरू, इन तीन नामों की चौपालों पर चर्चा, सरगर्मियां भी तेज, जीरन नगर परिषद से बड़ा अपडेट, पढ़े राजेश प्रपन्ना की खबर
पार्षद की खत्म, तो अब अध्यक्ष की दौड़ शुरू, इन तीन नामों की चौपालों पर चर्चा, सरगर्मियां भी तेज, जीरन नगर परिषद से बड़ा अपडेट, पढ़े राजेश प्रपन्ना की खबर
जीरन। नगरीय निकाय चुनाव के परिणाम आने के बाद जीरन नगर की राजनीति में नया मोड़ आ गया है। इस बार नगर की जनता से कुछ वार्डो से राजनीति के मंजे हुए खिलाड़ियों को दरकिनार कर दिया, और निर्दलीय प्रत्याशियों पर विश्वास दिखाते हुए मैदान में आने का मौका दिया। नगर के कुल 15 वार्डो में से 4 वार्डो में निर्दलीय सरकार बनी है, 5 में कांग्रेस, तो वहीं अन्य 6 वार्डो में बीजेपी के प्रत्याशियों के सिर पर जीत का ताज सज गया है। सभी 15 वार्डो में बीजेपी-कांग्रेस सहित निर्दलीय प्रत्याशी पार्षद पद के रूप में चुने गए, जिसके बाद अब अध्यक्ष की कवायद यहां तेज होती नजर आ रही है।
नगर की चौपालों पर अध्यक्ष पार्षदों के बाद अध्यक्ष की कुर्सी चर्चा का विषय बनी हुई है। चौपालों पर हो रही चर्चा की माने, तो यहां अध्यक्ष अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस से 1 प्रत्याशी और बीजेपी पार्षदों में से दो प्रत्याशियों के नाम सामने आ रहें है। जिनकी चर्चा भी जोरों पर चल रही है। हालांकि यह भी बताया जा रहा है कि, यहां नगर की सरकार बनाने के लिए कुछ निर्दलीय प्रत्याशियों का भी सहारा लेना पड़ सकता है। अब देखना यह होगा कि, इनमे से निर्दलीय प्रत्याशियों को आखिरकार खुश कर पाता है, तो कौन...!
आपकों यह भी बता दें कि, 450 वोटों से ज्यादा के आंकड़े में जीतने वालों में निर्दलीय रूप से वार्ड-13, वार्ड- 08 और वार्ड- 10 सहित एक अन्य प्रत्याशी शामिल है। कांग्रेस की बात की जाएं, तो वार्ड- 02 से रामकरण सगवारिया, वार्ड- 09 से शकुंतला दिलीप पाटीदार, वार्ड- 01 से प्रहलाद भील, वार्ड- 05 से यशवंत पाटीदार और वार्ड- 07 से पुष्पेंद्र सिंह का नाम शामिल है। वहीँ भाजपा में वार्ड- 03 से यशोदा मधुसूदन राजोरा, वार्ड- 06 से मुकेश राव तावरे, वार्ड- 06 से गायत्री बबलू पाटीदार, वार्ड- 11 से संध्या विकास सुथार, वार्ड- 12 से विनोद पाटीदार, वार्ड- 14 से किरण किशन अहिरवार ने अपनी जीत दर्ज कराई है।
अब जनता की और से इन प्रत्याशियों को अपने वार्ड का सरताज चुनकर पार्षद तो बना दिया गया है, लेकिन अब यह पार्षद मिलकर नगर परिषद की सरकार चुनेंगे, और इन्हीं फिर वहीं नगर की सरकार को अपने हाथों से चलाएगा। हालांकि जीन तीन प्रत्याशियों की बात हम कर रहे है, वह महज संभावित नाम है। क्योंकि राजनीति एक ऐसा खेल है। जिसमे बाजी कभी भी पलट सकती है।